Number System और Encoding Scheme एक ऐसी विधि हैं, जिस विधि (Method) का उपयोग कर हमारा कंप्यूटर आंतरिक रूप से कार्य और प्रक्रिया (Process) करता हैं। यह डिजिटल तकनीकों और उपकरणों के कार्य करने के तरीकों को समझने का एक आसान तरीका हैं।
अगर आप भी कंप्यूटर सिस्टम या फ़ोन का उपयोग करते हैं तो आपके लिए इस टॉपिक के बारे में जानना अत्यंत आवश्यक हैं। सामान्य शब्दों में कहें तो संख्या प्रणाली और Encoding Scheme एक ऐसा Method हैं जिसके आधार पर कंप्यूटर डेटा को स्टोर करने या Input-Output करने की प्रक्रिया को पूरा करता हैं।
संख्या प्रणाली किसी संख्याओं को उचित रूप से दर्शाने की एक विधि हैं। Computer एक इलेक्ट्रॉनिक मशीन हैं। जिसका अर्थ हैं कि कंप्यूटर सिर्फ Machine Language को समझने के ही योग्य होते हैं। जिनका फॉरमेट 0 और 1 होता हैं। क्या आपने कभी सोचा हैं कि अगर ऐसा हैं तो फिर कंप्यूटर Keyboard के द्वारा दिये जाने वाले इंस्ट्रक्शन को कैसे समझ लेता हैं?
तो चलिए आज इसी प्रश्न के उत्तर आपको हम इस पोस्ट के माध्यम से देंगे। जिससे आप आसानी से समझ जाए कि Encoding Scheme या संख्या प्रणाली क्या हैं? What is Number System in Hindi
Encoding Scheme और संख्या प्रणाली क्या हैं?
संख्या प्रणाली और Encoding Scheme एक ऐसी विधि या अंकों की प्रतिक्रिया हैं जिसके आधार पर हम कंप्यूटर से कम्यूनिकेट कर पाते हैं। हमने अपने पिछली पोस्ट में जाना था कि कंप्यूटर केवल 0 और 1 कि बाइनरी संख्याओं को समझ पाते हैं। जिसे Machine Language या Binary System भी कहा जाता हैं।
इसीलिए जब आप कीबोर्ड पर किसी बटन को प्रेस करते हैं तो इसे कंप्यूटर आंतरिक रूप से एक अद्वितीय कोड में मैप किया जाता हैं। जिसे आगे चलकर कंप्यूटर उसे Compiler या Interpreter की साहयता से बाइनरी में परिवर्तित कर देता हैं।
उदाहरण के तौर पर हम इसे समझें तो यदि आप कीबोर्ड में ‘A’ बटन दबाते हैं तो कंप्यूटर उसे समझने के लिए उसे Decimal Number System में मैप या लोकेट करता हैं। A की Decimal Value 65 होती हैं। जिसके बाद कंप्यूटर उसे समझने के लिए इसके समकक्ष Binary Value में बदल देता हैं। जिससे कंप्यूटर उस वर्ड को आसानी से समझ कर उसके अनुरूप आउटपुट दे सकें।
Example: A (Letter) = 65 ( Code या Decimal Number Value) = 01000001 (Binary Number System)
इसी तरह अगर हम हिंदी में ‘अ’ अक्षर लिखते हैं तो कंप्यूटर उसे आंतरिक रूप से Hexadecimal संख्या प्रणाली या Value में परिवर्तित करता हैं जिसकी Value 0905 होती हैं, जिसके बाद कंप्यूटर उसे समझने के लिए Binary Value में परिवर्तित कर देता हैं 0000100100000101
Example: अ (Letter) = 0905 (Hexadecimal Value) = 0000100100000101 (Binary Value)
तो Encoding क्या हैं? सामान्य शब्दों में हम कहें तो किसी विशिष्ट कोड का उपयोग करके डेटा को एक समान सिफर में परिवर्तित करने की प्रक्रिया को ही Encoding कहा जाता हैं। जैसे A का कोड 65 दर्शाया गया हैं। लेकिन यहाँ यह जानना अत्यंत आवश्यक हैं कि A की Value 65 ही क्यों हैं कोई दूसरी संख्या क्यों नहीं। इसके लिए हमें Encoding Scheme को समझना जरूरी हैं।
Encoding Scheme क्या हैं?
Encoding Scheme एक प्रक्रिया या एक मानक या सिद्धान्त हैं जो कंप्यूटर की संख्याओं और गैर संख्याओं डेटा जैसे अक्षरो, विराम चिन्हों और अन्य प्रकार वर्णों को सभाल सकते हैं। यह कोड पूर्वनिर्धारित होते हैं अर्थात इनका चयन कंप्यूटर की प्रोग्रामिंग को तैयार करते समय ही कर दिया जाता हैं। कंप्यूटर इन कोड का चयन करने के लिए विभिन्न प्रकार के मानकों का पालन करते हैं-

ASCII (American Standard Code for Information Interchange)
1960 की शुरुआत में कीबोर्ड की कुंजियों का प्रतिनिधित्व करने के अनेकों तरीको के कारण कम्प्यूटरों के पास एक दूसरे के साथ कम्यूनिकेट करने का कोई तरीका नहीं था। इसी समस्या का समाधान करने के लिए ASCII ने एक विशेष Encoding Scheme की खोज की। जिसमें कंप्यूटर से कम्यूनिकेट करने के लिए विशेष प्रकार की Coding Scheme तैयार की गई।
ASCII-7 एक 7-Bit कोड हैं जो 128 वर्णों के प्रतिनिधित्व कर सकता हैं। इसी तरह 7-Bit में 3 जोन Bit हैं और 7 Numeric Bits.
Character | Decimal Value |
@ | 64 |
A | 65 |
B | 66 |
C | 67 |
D | 68 |
E | 69 |
F | 70 |
G | 71 |
H | 72 |
● जैसे D की ASCII Value 68 हैं तो इसका Equivalent 7-bit Binary Code = 1000100 होगा।
● इसी तरह यदि A की ASCII Value 65 हैं तो इसका Equivalent 7-bit Binary Code = 1000001 होगा।
ISCII (Indian Script Code for Information Interchange)
कंप्यूटर में भारतीय भाषाओं के उपयोग को आसान बनाने के लिए अनेकों प्रयास किए गए। ISCII ने इसके समाधान के लिए 1980 के मध्य मे 8-bit कोड विकसित किया। जो विशिष्ट रूप से भारतीय भाषाओं का नेतृत्व करता था। जो 128 भारतीय भाषाओं के अक्षरों पर लागू होता था। जिसका मतलब हैं कि यह 2⁸=256 अक्षरों का नेतृव करती हैं।
UNICODE
विभिन्न प्रकार की भाषाओं को डिकोड करने के लिए अनेकों Encoding Scheme बनाये गए थे, किंतु वह एक दूसरे के साथ कम्यूनिकेट करने के लिए सक्षम नहीं थे। इसीलिए किसी भी लैंग्वेज के कोड को आसानी से डिकोड करने के लिए UNICODE को विकसित किया गया। जिससे दो अलग प्रकार के कोड आपस में एक दूसरे के साथ आसानी से कम्यूनिकेट कर सकें।
UNICODE प्रत्येक भाषा के अक्षरों को विशिष्ट अंक प्रदान करता था। फिर चाहें वह कोई भी उपकरण हो (Server, Desktop, Mobile), Operating System हो (Linux, Windows, iOS), सॉफ्टवेयर एप्लीकेशन हो (Web Browsers, Text Editor आदि)।
सामान्यतः उपयोग किये जाने वाले यूनिकोड Encoding, UTF-8, UTF-16 और UTF-32 हैं। यह ASCII का सुपरसेट हैं और जिनका 0-128 की वैल्यू ASCII के समान वर्ण हैं।
अ | 0905 |
आ | 0906 |
इ | 0907 |
ई | 0908 |
उ | 0909 |
ऊ | 090A |
ऋ | 090B |
ज | 091C |
प | 092A |
फ | 092B |
Number System क्या हैं?
अभी तक आपने सीखा की कीबोर्ड की प्रत्येक कुंजी को आंतरिक रूप से एक ASCII कोड या एक Encoding Scheme के अंतर्गत मैप किया जाता हैं। जिससे कंप्यूटर उन अंग्रेजी अक्षरों में दिए गए Input Instructions को मशीनी कोड (0,1) में ट्रांसलेट कर यूजर की आवश्यकताओं को समझ सकें।
जैसे ऊपर हमने A को एक Decimal Number दिया था। जिसका Equivalent बाइनरी वैल्यू Binary संख्या प्रणाली (0,1) में आ जाती हैं। जिस कारण कंप्यूटर कीबोर्ड की उन कुंजियों को डिकोड कर लेता हैं। प्रत्येक भाषा के अक्षरों को भिन्न-भिन्न अंक प्रदान किये जाते हैं।
Number System को Positional Number System के नाम से भी जाना जाता हैं, क्योंकि किसी संख्या में प्रत्येक सिंबल (Digit and Alphabet) की वैल्यू संख्या के भीतर उसकी स्थिति पर निर्भर करती हैं। कंप्यूटर 4 विभिन्न प्रकार के संख्या प्रणाली का उपयोग उन अक्षरों को समझने के लिए करता हैं। जिसे नंबर सिस्टम के प्रकारों के रूप में देखा जा सकता हैं।
संख्या प्रणाली के विभिन्न प्रकार |Types of Number System in Hindi
संख्या प्रणाली को मुख्यतः उनकी विशेषताओं के कारण 4 भागों में विभाजित किया जाता हैं-
- Decimal Number System
- Binary Number System
- Octal Number System
- Hexadecimal Number System
तो चलिए एक-एक करके इनके संबंध में जानने का प्रयास करते हैं-
Decimal Number System
Decimal संख्या प्रणाली एक सामान्य प्रकार के नंबर सिस्टम हैं। जिनको Base-10 नंबर सिस्टम के रूप में जाना जाता हैं। इसमें 0 से 9 तक कि संख्याओं को सम्मिलित किया जाता हैं। जैसे- (0, 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9) यह नंबर 2 प्रकार की वैल्यू को प्रदर्शित करने का कार्य करते हैं- Symbol Value और Positional Value
इसके अंतर्गत दशमलव (.) से पहले आने वाली संख्याओं को Integer Part कहा जाता हैं और दशमलव (.) के बाद कि संख्याओं को Fraction Part कहा जाता हैं।
Binary Number System
कंप्यूटर की IC (Integrated Circuit) अनेकों Transistor से मिलकर बनी होती हैं और यह ट्रांजिस्टर इलेक्ट्रॉनिक सिग्नल्स (Low/High) को प्राप्त करते हैं। जिसमें ON हाई को प्रदर्शित करता है और OFF लौ को प्रदर्शित करता हैं। यह ट्रांजिस्टर दो प्रकार की संख्याओं को प्रदर्शित करते हैं 1 और 0 जिसमें 1 का मतलब ON होता हैं और 0 का मतलब OFF होता हैं।
इन दो अंकों की संख्याओं 0 और 1 को ही सामान्यतः Machine language या Binary Number System कहा जाता हैं। बाइनरी सिस्टम का Base-2 सिस्टम होता हैं। उदाहरण- 1001011, 1011.101, 111111.01
Decimal | Binary |
0 | 0 |
1 | 1 |
2 | 10 |
3 | 11 |
4 | 100 |
5 | 101 |
6 | 110 |
7 | 111 |
8 | 1000 |
9 | 1001 |
Octal Number System
Octal Number द्विआधारी संख्याओं के कॉम्पैक्ट प्राधिनिधित्व के लिए तैयार की गई हैं। ऑक्टल नंबर सिस्टम को Base-8 System भी कहा जाता हैं। इस प्रणाली में कुल 8 डिजिट होते हैं। उदाहरण- 0, 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7 ऑक्टल नंबर के उदाहरण- (237.05)₈, (13)₈ और (617.24)₈
Octal Digit | Decimal Value | 3-bit Binary Number |
0 | 0 | 000 |
1 | 1 | 001 |
2 | 2 | 010 |
3 | 3 | 011 |
4 | 4 | 100 |
5 | 5 | 101 |
6 | 6 | 110 |
7 | 7 | 111 |
Hexadecimal Number System
Hexadecimal Number का उपयोग बाइनरी संख्या के कॉम्पैक्ट का प्रतिनिधित्व करने के लिए भी किया जाता हैं। इसमें 16 विशिष्ट सिंबल (0-9, A-F) होते हैं। जिस कारण इसे Base-16 System भी कहा जाता हैं।
हेक्साडेसीमल सिस्टम में प्रत्येक Alphanumeric संख्याओं को 4 बाइनरी अंकों के समूह के रूप में दर्शाया जाता हैं, क्योंकि 4 बिट (2⁴=16) 16 Alphanumeric सिम्बल्स का प्रतिनिधित्व करने हेतु पर्याप्त होते हैं। हेक्साडेसीमल सिस्टम के उदाहरण- (23A.05)₁₆, (1C3)₁₆, (619B.A)₁₆
Hexadecimal Symbol | Decimal Value | 4-bit Binary Number |
0 | 0 | 0000 |
1 | 1 | 0001 |
2 | 2 | 0010 |
3 | 3 | 0011 |
4 | 4 | 0100 |
5 | 5 | 0101 |
6 | 6 | 0110 |
7 | 7 | 0111 |
8 | 8 | 1000 |
9 | 9 | 1001 |
A | 10 | 1010 |
B | 11 | 1011 |
C | 12 | 1100 |
D | 13 | 1101 |
E | 14 | 1110 |
F | 15 | 1111 |
संक्षेप में – Conclusion
Encoding Scheme किसी अक्षर (Character) या चिन्हों (Symbols) को एक विशिष्ट नंबर देने की विधि हैं। यह नंबर पूर्व निर्धारित होते हैं, जिसके आधार पर कंप्यूटर अन्य प्रकार की लैंग्वेज के साथ कम्यूनिकेट कर पाता हैं। यह कार्य संख्या प्रणाली के आधार पर पूरा किया जाता हैं। जो पहले किसी Character को Decimal Code में परिवर्तित करता हैं और फिर कंप्यूटर उसे बाइनरी नंबर (1,0) में परिवर्तित कर देता हैं।
इसी तरह किसी इमेज की इनकोडिंग करने के लिए पिक्चर को ज़ूम किया जाता है। जिसमें किसी पिक्चर को 0-255 डिजिट दिए जाते हैं। जिसमें 0 ब्लैक को प्रदर्शित करता हैं और 255 वाइट को प्रदर्शित करता हैं। तो दोस्तों आज आपने हमारे इस आर्टिकल के माध्यम से जाना कि Encoding Scheme and Number System क्या हैं? (What is Number System in Hindi)
हम आशा करते हैं कि आपको हमारी यह पोस्ट पसंद आई हो। अगर इस पोस्ट से संबंधित आपके कोई प्रश्न हो तो आप कमेंट बॉक्स का उपयोग कर सकते हैं।