ऑब्जेक्ट ओरिएंटेड प्रोग्रामिंग Object Oriented Programming (OOP) प्रोग्रामिंग लैंग्वेज में उपयोग की जाने वाली एक तकनीक हैं। इसी के आधार पर प्रोग्रामिंग लैंग्वेज की कोडिंग को तैयार किया जाता हैं। जैसे- C++, Python, Java आदि।
सामान्य शब्दों में अगर इसको समझने का प्रयास करें तो ऐसी Programming Language जिसको बनाने में किसी Object का उपयोग किया जाता हैं उसे हम ऑब्जेक्ट ओरिएंटेड प्रोग्रामिंग लैंग्वेज कहते हैं। जिसमें Object के तौर पर Data और Methods का उपयोग किया जाता हैं।

जिसके संबंध में आगे विस्तार से जानेंगे, ऑब्जेक्ट ओरिएंटेड प्रोग्रामिंग को आप एक मॉडल या एक संरचना के तौर पर देख सकते हैं। जिस मॉडल के अनुसार किसी प्रोग्रामिंग लैंग्वेज की कोडिंग को लिखा जाता हैं। वर्तमान समय मे जितनी भी लोकप्रिय प्रोग्रामिंग लैंग्वेज हैं उन सभी की कोडिंग को इसी मॉडल के आधार पर तैयार किया गया हैं। जैसे- Python, C++, Java आदि।
तो चलिए आज इसी के संबंध में विस्तार से जानते हैं कि ऑब्जेक्ट ओरिएंटेड प्रोग्रामिंग लैंग्वेज क्या हैं? इसके लाभ और हानि और इसके मुख्य घटक क्या हैं? What is Object Oriented Programming in Hindi
ऑब्जेक्ट ओरिएंटेड प्रोग्रामिंग क्या हैं? |What is Object Oriented Programming (OOP) in Hindi
ऑब्जेक्ट ओरिएंटेड प्रोग्रामिंग (OOP) एक कंप्यूटर प्रोग्रामिंग मॉडल हैं जो किसी Data या Object को आधार बनाकर सॉफ्टवेयर डिजाइन या कोडिंग को व्यवस्थित करता हैं। किसी ऑब्जेक्ट का निर्माण अनेकों Attribute से मिलाकर किया जाता हैं। OOP एक अडवांस्ड और आधुनिक मॉडल हैं। जिसके आधार पर बनाई गई कोई प्रोग्रामिंग लैंग्वेज अत्यधिक सुरक्षित और विशेषताओं से युक्त होती हैं। जैसे- Java, Python, C++, C# और Ruby
सामान्य शब्दों में कहें तो ऐसी प्रोग्रामिंग लैंग्वेज जिसके निर्माण में Class और Object का निर्माण किया जाता हैं उसे ही Object Oriented Programming कहा जाता हैं। इस प्रकार की प्रोग्रामिंग अधिक उपयोगी, सुरक्षित और आधुनिक होती हैं। इसके सिद्धांतो के अनुसार लिखी गयी किसी प्रोग्रामिंग को आसानी से Run किया जा सकता हैं।
ऑब्जेक्ट ओरिएंटेड प्रोग्रामिंग की संरचना |Structure of Object Oriented Programming (OPP)
Classes
यह यूजर डाटा टाइप्स होते हैं जो Individual Object, Attributes और Methods के लिए ब्लूप्रिंट तैयार करने का कार्य करती हैं। Classes के उपयोग से आप किसी कोड को कई बार लिखने की बजाय एक ही व्यवहार या कोड की सहायता से कई ऑब्जेक्ट बना सकते हैं।
Methods
यह एक फंक्शन की भूमिका निभाता हैं। सामान्यतः इसको क्लास के अंदर ही परिभाषित किया जाता हैं। यह किसी ऑब्जेक्ट के व्यवहार को परिभाषित करने का कार्य करते हैं। जिससे ऑब्जेक्ट के संबंध से सही और सटीक जानकारी प्राप्त की जा सकें।
Attributes
Attributes क्लास टेम्पलेट में में परिभाषित होते हैं और ऑब्जेक्ट के स्टेट का नेतृत्व एवं प्रदर्शित करने का कार्य करते हैं। उदाहरण – Class आपकी कार हैं, Method आपका Repaint हैं और Attribute आपकी कार का कलर हैं।
Objects
ऑब्जेक्ट, क्लास का ही एक भाग हैं। इसका मुख्य कार्य किसी डेटा को उपयोगी बनाना होता हैं। जिससे यूजर उसका उपयोग अधिक कुशलता और सरलता से कर सकें। जब आप किसी ऑब्जेक्ट को किसी प्रकार का संदेश भेजते हैं तो वह ऑब्जेक्ट उस संदेश को क्लास की किसी विधि को लागू करने के तौर पर देखती हैं।
ऑब्जेक्ट ओरिएंटेड प्रोग्रामिंग की अवधारणा |Concepts of Object Oriented Programming
मुख्यतः OPP के कांसेप्ट को 3 भागों में विभाजित किया जाता हैं जो इस प्रकार हैं-
Encapsulation
Encapsulation का मतलब होता हैं किसी ऑब्जेक्ट में Data और उसे Processing करने के लिए सभी निर्देशों का उसमें पहले से होना। डेटा वह हैं जो सार्वजनिक न होकर व्यक्तिगत हैं, अर्थात इस डेटा को वहीं लोग देख सकते हैं जो उस Class के अंदर आते हैं। यहाँ पर Encapsulation ऑब्जेक्ट डेटा और प्रोग्राम के मध्य एक इंटरफ़ेस प्रदान करने का कार्य करता हैं।
सामान्य शब्दों में कहें तो इस सिद्धांत के अनुसार किसी ऑब्जेक्ट की प्रॉपर्टी और मेथड को दूसरे ऑब्जेक्ट से सुरक्षित रखा जाता हैं। जिससे दूसरा ऑब्जेक्ट उनकी विधि का उपयोग खुद में न कर सकें। यह ऑब्जेक्ट के अंदर Variables और Methods को स्टोर रखता हैं और उन्हें सुरक्षा प्रदान करता हैं।
Inheritance
एक बार जब आप किसी ऑब्जेक्ट को तैयार कर देते हैं तो आप उस ऑब्जेक्ट को किसी समान व्यवहार एवं विशेषता रखने वाले ऑब्जेक्ट में उपयोग कर सकते हैं। वह ऑब्जेक्ट जो एक से निर्मित हैं वह एक वर्ग या क्लास का निर्माण करती हैं। प्रत्येक वर्ग में कुछ विशेष इंस्ट्रक्शन होते हैं जो उस समुह के लिए विशेष होते हैं।
सामान्यतः इसका उपयोग किसी एक जैसे कार्य को करने के लिए अनेकों कोडिंग करने से बचने के लिए किया जाता हैं। इसकी सहायता से कुछ कोडिंग को अन्य ऑब्जेस्ट के साथ शेयर किया जाता हैं। जिससे उनमें कुछ असमानताएं बरकरार रहे। जिससे उन्हें आसानी से पहचाना जा सकें।
Polymorphism
Polymorphism का मतलब हैं अधिक आकृतियों (Shapes) का होना। ऑब्जेक्ट ओरिएंटेड प्रोग्रामिंग में Polymorphism का मतलब हैं कि कोई संदेश उस ऑब्जेक्ट के आधार पर भिन्न-भिन्न परिणाम प्रकट करता हैं, जिसे इसे भेजा जाता हैं। इसकी सहायता से किसी एक ऑब्जेक्ट को पैरेंट की तरह उपयोग किया जा सकें, किंतु उनकी विधियों में भिन्नताएं हो। जैसे किसी Vehicle ऑब्जेक्ट का उपयोग कर किसी बाइक या कार को बनाना।
सामान्य शब्दों में कहें तो किसी ऑब्जेक्ट को अपनी विधि या तरीकों के अनुसार उपयोग में लाने का कार्य इसी के अंतर्गत किया जाता हैं। इसकी सहायता से किसी ऑब्जेक्ट में अलग विधि का उपयोग आसानी से किया जा सकता हैं।
ऑब्जेक्ट ओरिएंटेड प्रोग्रामिंग के लाभ और हानि |Advantages and Disadvantages of Object Oriented Programming (OOP)
OOP किसी प्रोग्रामिंग को प्रोग्राम करने की एक आधुनिक तकनीक हैं। जहां इसके अनेकों फायदे हैं तो वहीं इसके नुकसान भी हैं। तो चलिए अब OPP के फायदे और नुकसानों के संबंध में जानते हैं।
फायदे |Advantages | हानि |Disadvantages |
● यह वास्तविक दुनिया को अच्छी तरह मॉडल कर सकता हैं। | ● किसी पारंपरिक प्रोग्रामिंग की तुलना में OPP को सीखना अधिक समय ले सकता हैं। |
● OOP के प्रोग्राम को आसानी से समझा जा सकता हैं। | ● OPP के साथ, Classes एक समान होती हैं। |
● Data Hiding के सिद्धांतों को लागू करके किसी सॉफ्टवेयर को अधिक सुरक्षित बनाया जा सकता हैं। | ● OPP के साथ किसी प्रोग्रामिंग को प्रोग्राम करने में अधिक समय लगने की संभावना होती हैं। |
● यह Inheritance की सहायता से Classes को पुनः प्रयोज्य प्रदान करती हैं। जिससे Classes में अपने आप बने अनावश्यक कोडिंग को डिलीट किया जा सकें। | ● इसके अंतर्गत प्रोग्रामिंग को लिखने के लिए विशिष्ट प्रशिक्षण की आवश्यकता होती हैं। |
● इसका उपयोग कर कम समय मे अधिक प्रोग्रामिंग की जा सकती हैं, क्योंकि यह समान Classes का विकास करने में सक्षम होती हैं। | ● इसमे प्रोग्रामिंग लिखने के लिए आपको कोडिंग को अच्छे से डिजाइन करने की आवश्यकता होती हैं। |
● OOP में बनी किसी प्रोग्रामिंग को आसानी से मैनेज और मेंटेन किया जा सकता हैं। | ● इसके अंतर्गत सपको प्रोग्रामिंग कौशल, डिजाइन कौशल और Object के Basic Term की जानकारी होना अत्यंत आवश्यक हैं। |
निष्कर्ष – Conclusion
ऑब्जेक्ट ओरिएंटेड प्रोग्रामिंग (OOP) में किसी प्रोग्रामिंग को प्रोग्राम करते समय Object और Classes का उपयोग किया जाता हैं। किसी Class में ऑब्जेक्ट का व्यवहार, उसके कार्य एवं उसकी विशेषता सभी निहित होती हैं। किसी ऑब्जेक्ट के लिए क्लास उसकी डेटा टाइप होता हैं। जहाँ से ऑब्जेक्ट को कार्य करने योग्य सामग्री प्राप्त होती हैं।
Class को आप एक टेम्पलेट के रूप में देख सकते हैं। जहां ऑब्जेक्ट की कार्यक्षमता एवं कार्य करने के तरीकों को देखा जा सकता हैं। तो दोस्तों आज आपने हमारी इस पोस्ट के माध्यम से जाना कि ऑब्जेक्ट ओरिएंटेड प्रोग्रामिंग क्या हैं? (What is Object Oriented Programming in Hindi)
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Jay hind