कंप्यूटर क्या हैं प्रकार, संरचना और विशेषता आदि

कंप्यूटर Computer एक डिजिटल और इलेक्ट्रॉनिक उपकरण हैं जो अपनी समस्त क्षमताओं और विशेषताओं के कारण अन्य सभी प्रकार के उपकरणों से भिन्न हैं। कंप्यूटर सबसे अधिक उपयोग किया जाने वाला उपकरण हैं। जिसका उपयोग प्रत्येक क्षेत्र में कार्यों को सुनियोजित तरीके से करने के लिए किया जाता हैं। 

आप और हम सभी इस उपकरण का उपयोग अधिक मात्रा या कम मात्रा में करते आए हैं। कंप्यूटर बड़ी संख्याओं को आंख बंद करते ही सुलझा सकता हैं। इसलिए इसे Calculate Machine भी कहा जाता हैं। कंप्यूटर आधुनिक समय मे तकनीकी विकास और डिजिटल युग के विकास में अपनी अहम भूमिका निभाने वाला एक उपकरण हैं। 

computer kya hai hindi

आधुनिक युग में कंप्यूटर के माध्यम से सम्पूर्ण व्यवसाय को घर बैठे पूरा किया जा सकता हैं। लोग इसके माध्यम से ऑनलाइन प्रक्रिया पूर्ण करते हैं। इसकी उपयोगिताओं का जितना विश्लेषण करें शायद उतना कम होगा। आज हम इस पोस्ट के माध्यम से कंप्यूटर को सम्पूर्ण रूप से समझने का प्रयास करेंगे। तो चलिए जानते हैं कि कंप्यूटर क्या हैं प्रकार,संरचना और विशेषता आदि What is Computer in Hindi

कंप्यूटर क्या हैं? |What is Computer in Hindi

Computer शब्द का निर्माण अंग्रेजी शब्द के Compute से हुआ हैं। जिसका शाब्दिक अर्थ हैं- गणना करना। जिस कारण कंप्यूटर को गणना करने वाली मशीन के नाम से भी जाना जाता हैं क्योंकि कंप्यूटर एक ऐसा उपकरण हैं। जिसके माध्यम से जोड़-घटाना,गुणा-भाग आदि कुछ मिनी सेकंड या नेनो सेकंड में ही किया जा सकता हैं। 

● कंप्यूटर की फुल फॉर्म क्या हैं? 

  • C – Common
  • O – Operating
  • M – Machine 
  • P –  Particularly
  • U –  Used for 
  • T –  Technical
  • E –  Education
  • R –  Research

दुनिया का पहला कंप्यूटर चार्ल्स बैबेज ने वर्ष 1833 में बनाया था। जिसका नाम था- Analytical Engine जिस कारण चार्ल्स बैबेज को कंप्यूटर का पिता या जनक भी माना जाता हैं। कंप्यूटर Input- Process- Output की प्रक्रिया के आधार पर अपना समस्त कार्य करता हैं। 

कंप्यूटर का निर्माण Hardware और Software के पारस्परिक संतुलन के आधार पर किया जाता हैं। यह एक Programming उपकरण हैं। जिसका निर्माण जटिल कार्यों को सरल बनाने और समय बचाने के लिए किया गया हैं। कंप्यूटर आधुनिक तकनीकी और डिजिटल युग के विकास का आधार हैं। 

कंप्यूटर की Programming संरचना का निर्माण बाइनरी कोड्स या Machine Language के आधार पर किया जाता हैं। जो सामान्यतः 0 और 1 कि फॉर्म में होते हैं। जिन्हें कंप्यूटर आसानी से समझ सकता हैं। 

कंप्यूटर प्रोसेसर,मेमोरी,मदरबोर्ड, स्टोरेज डिवाइस, इनपुट डिवाइस,आउटपुट डिवाइस,सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर का संगठित रूप हैं। इन सभी तत्वों या वस्तुओं के समावेश से एक कंप्यूटर का निर्माण किया जाता हैं। जो सुचारू रूप से अपने कार्यों का एवं अपने निर्माण के उद्देश्यो की पूर्ति करता हैं। 

कंप्यूटर (Computer) विश्व का पहला रोबोट था जो स्वचालित (Automatically) रूप से अपना कार्य करता था। उसको बस अपनी आवश्यकता अनुसार उचित इनपुट देंने की आवश्यकता होती हैं। कंप्यूटर अपनी आउटपुट की प्रक्रिया को CPU के माध्यम से पूर्ण करता हैं। जिस कारण CPU को कंप्यूटर का मस्तिष्क (Brain of Computer) भी कहा जाता हैं। 

कंप्यूटर का इतिहास |History of Computer 

कंप्यूटर के विकास की प्रक्रिया ही कंप्यूटर का इतिहास हैं। कंप्यूटर के विकास को 5 पीढ़ियों में विभाजित किया गया हैं जिन्हें कंप्यूटर की पीढियां (Generation of Computer) कहा जाता हैं। कंप्यूटर में हुए प्रत्येक परिवर्तन जैसे उनकी क्रिया,क्षमता, विशेषता आदि में जो बदलाव आया उस कार्यकाल को कंप्यूटर के इतिहास के रूप में देखा जाता हैं। इनको मुख्यतः 5 भागों में विभाजित किया जाता हैं। जो इस प्रकार हैं- 

प्रथम पीढ़ी के कंप्यूटर – प्रथम पीढ़ी के कम्प्यूटरों का कार्यकाल 1946 से 1956 तक माना जाता हैं। इस समय के कंप्यूटर आकर में बहुत विशाल होते थे अर्थात इनको संरक्षित रखने के लिए एक बड़े कमरे की आवश्यकता होती थी। 

यह धीमी गति से कार्य करते थे और इनकी भंडारण क्षमता आज की तुलना में बहुत कम थी। इस समय के कम्प्यूटरों के निर्माण में Vacume Tube का इस्तमाल किया जाता था। इस समय के कंप्यूटर के उदाहरण हैं- ENIAC,UNIVAC,IBM 650 आदि। 

द्वितीय पीढ़ी के कंप्यूटर – द्वितीय पीढ़ी के कम्प्यूटरों का कार्यकाल 1956 से 1964 तक माना जाता हैं। इस समय के कम्प्यूटरों के निर्माण में वैक्यूम टियूब की जगह Transistor का उपयोग किया जाता था। यह प्रथम पीढ़ी के कंप्यूटरों से अधिक तीव्र,आकर में छोटे और भंडारण क्षमता अधिक और लागत में सस्ते थे। इन कम्प्यूटरों के उदाहण हैं- IBM 1620, UNIVAC 1108, IMB 1794 आदि। 

तृतीय पीढ़ी के कंप्यूटर – तृतीय पीढ़ी के कंप्यूटर जिनका कार्यकाल 1964 से 1971 तक माना जाता हैं। यह ऊपर के दोनों पीढ़ी के कंप्यूटर से भिन्न थे। इनके निर्माण में वैक्यूम टियूब या ट्रांज़िस्टर की जगह इंटीग्रेटेड सर्किट (IC) का उपयोग किया जाता था। इन कंप्यूटर का आकार अन्य दो पीढ़ियों की तुलना में छोटा होता था। जिस कारण इनके स्थान में परिवर्तन करना सरल था। 

कंप्यूटर की इस पीढ़ी का उपयोग लोग अधिक मात्रा में करने लगे थे। यह तीव्र गति से और अधिक कुशलता के साथ करते थे। यह अधिक विश्वशनीय और लागत में सस्ते हुआ करते थे। इनकी भंडारण क्षमता भी पहले के तुलना में अधिक थी। इस पीढ़ी के कम्प्यूटरों के मुख्य उदाहरण हैं- IBM 360,Honeywell 6000 series ,TDC 316 आदि। 

चतुर्थ पीढ़ी के कंप्यूटर – चतुर्थ पीढ़ी के कंप्यूटर का कार्यकाल 1971 से 1985 तक माना जाता हैं। इस समय के कंप्यूटर के निर्माण में IC की नवीन तकनीक VLSI का उपयोग किया जाता था। इस प्रकार के कम्प्यूटरों की क्षमता अन्य पुरानी पीढ़ियों के मुकाबले अधिक थी। इनका उपयोग घरों में भी किया जाने लगा। इस समय Micro Processor का उपयोग कंप्यूटर में अधिक मात्रा में किया जाता था। इस समय के कम्प्यूटरों में मुख्य हैं- IBM 4341, STAR 10000, PDP 11 आदि। 

पंचम पीढ़ी के कंप्यूटर – पंचम पीढ़ी के कम्प्यूटरों का कार्यकाल 1985 से अब तक हैं। यह आधुनिक कंप्यूटरों की श्रेणी के कंप्यूटर हैं। जिनकी Storage Capacity और गति तीव्र हैं। इस कम्प्यूटरों की नई आधुनिक तकनीक Laptop के रूप में सामने आई हैं। इस पीढ़ी के कंप्यूटर का उपयोग करना अत्यन्त सरल हैं। इनको आवाज के माध्यम से भी कंट्रोल किया जा सकता हैं। इस पीढ़ी के मुख्य उदाहरण हैं- Laptop, Desktop, Ultra Books आदि। 

कंप्यूटर के प्रकार |Types of Computer

कम्प्यूटरों को उनकी विशेषताओं और उनकी कार्यक्षमता के आधार पर विभिन्न भागों मे विभाजित किया जाता हैं। जिनमें से मुख्य इस प्रकार हैं- 

Desktop Computer डेस्कटॉप कंप्यूटर वह कंप्यूटर हैं जिनका उपयोग किसी टेबल या डेस्क में रख कर ही किया जा सकता हैं। जिस कारण इन्हें डेस्कटॉप कंप्यूटर के नाम से जाना जाता हैं। इस प्रकार के कंप्यूटर का उपयोग करने के लिए हमें इनके साथ-साथ अलग से Keyboard, Mouse, CPU का उपयोग करना पड़ता हैं। तब जाकर हम इनका लाभ प्राप्त कर सकते हैं। 

desktop computer

इस प्रकार के कंप्यूटर को लगातार बिजली की आवश्यकता होती हैं। पहला डेस्कटॉप कंप्यूटर 1968 में बनाया गया था। जिसका नाम हैं- Hewlett Packard 9100A इसके बाद निरंतर इन कम्प्यूटरों का निर्माण होते रहा और इस प्रकार के कंप्यूटर का उपयोग वर्तमान समय मे प्रत्येक क्षेत्र में किया जाता हैं। इस प्रकार के कंप्यूटर जल्दी गरम नहीं होते और इनका उपयोग अधिक समय तक लगातार किया जा सकता हैं। 

Laptop Computer – यह आधुनिक कंप्यूटर की श्रेणियों में आने वाले कंप्यूटर हैं। यह बैटरी आधारित होते हैं। आप एक बार इन्हें चार्ज करके लगातार 5-6 घण्टे तक उपयोग कर सकते हैं। यह आपके लैपटॉप की क्षमता और गुणवत्ता पर निर्भर करता हैं। यह आकर में छोटे और Foldable होते हैं। जिस कारण इन्हें बेग में रखकर या हाथों में आसानी से इधर-उधर लाया या ले जाया जा सकता हैं। 

laptop computer

इस प्रकार के कंप्यूटर का उपयोग व्यक्तिगत रूप से अधिक मात्रा में किया जाता हैं। यह मूल्य में डेस्कटॉप कंप्यूटर की अपेक्षा अधिक महँगे होते हैं। यह सब इनकी कार्य क्षमता और विशेषता पर निर्भर करता हैं। 

Tablet Computer – टेबलेट आकार में मोबाइल से बड़े होते हैं परंतु दिखने में और कार्य करने की क्षमता व विशेषताओं में मोबाइल के समान ही होते हैं। यह फूल Touch Screen होते हैं। जिनका उपयोग मोबाइल के स्थान में किया जाता हैं। यह डिवाइस भी लैपटॉप की भांति Chargeable होता हैं। जिसकी बैटरी को चार्ज करके अधिक समय तक इसका उपयोग किया जा सकता हैं। 

tablet computer

सामान्यतः टेबलेट का उपयोग गेम खेलने के लिए किया जाता हैं क्योंकि इसमें Graphics Screen मोबाइल की तुलना में बड़ी और अधिक रोशनी वाली होती हैं। 

Serverसर्वर भी एक इलेक्ट्रॉनिक उपकरण हैं। जिसका उपयोग इंटरनेट के माध्यम से अन्य कम्प्यूटरों को सूचना प्रदान करने के लिए किया जाता हैं। यह सर्वर अनेकों प्रकार के होते हैं। जिनका उद्देश्य सर्वर से जुड़े उपकरणों को सूचना उपलब्ध कराना होता हैं। जैसे – वेब सर्वर, एप्पलीकेशन सर्वर, मेल सर्वर, प्रॉक्सी सर्वर और ग्रुपवेयर सर्वर आदि। 

server computer

अन्य प्रकार के कंप्यूटर |Other Types of Computer

● Digital Watch – डिजिटल घड़ी भी एक प्रकार का कंप्यूटर हैं जिसका उपयोग कॉल करने,गति की क्रियाओं की मात्राओं को मापने एवं लोकेशन प्राप्त करने के लिए किया जाता हैं। यह भी पूर्ण रूप से Chargeable होती हैं। इसका उपयोग Sports क्षेत्रों में अधिक मात्रा में किया जाता हैं। 

● TV – टीवी भी एक प्रकार का कंप्यूटर हैं जिसका उपयोग Telecom संबंधित कार्यक्रम के प्रसारण के लिए किया जाता हैं। यह बिजली से चलने वाला उपकरण हैं। Smart TV जिसके माध्यम से हम अनेकों ऑनलाइन कार्यक्रमों में भी भाग ले सकते हैं। 

● Game Controller – इसका उपयोग टीवी उपकरण को Game Player के रुप में Convert करने के लिए किया जाता हैं। जिसके पश्चात उसमें ऑनलाइन या ऑफलाइन गेम खेले जा सकते हैं। 

● Smartphones – स्मार्टफोन जिनका उपयोग अनेकों कार्यों के लिए किया जाता हैं। जैसे-कॉल, वीडियो कॉल, गेम, एडिटिंग, चैटिंग आदि। यह भी एक चार्जेबल डिवाइस हैं। जिसका प्रत्येक व्यक्ति द्वारा किसी न किसी रूप में उपयोग किया जाता हैं। 

कंप्यूटर की संरचना |Structure of Computer

कंप्यूटर की संरचना में उन उपकरणों को सम्मिलित किया जाता हैं। जिसकी सहायता से कंप्यूटर अपना समस्त कार्य पूर्ण करता हैं या जिनके माध्यम से कंप्यूटर (Computer) निर्माण के उद्देश्यों की पूर्ति होती हैं। जिनमें इनपुट डिवाइस, आउटपुट डिवाइस, सीपीयू, यूपीएस, प्रॉसेसर, मेमोरी आदि होते हैं। जो कंप्यूटर को पूर्ण बनाते हैं जो इस प्रकार हैं- 

1. CPU – सीपीयू का पूरा नाम हैं- सेंट्रल प्रॉसेसिंग यूनिट (Central Processing Unit) इसको कंप्यूटर के मष्तिष्क के नाम से भी जाना जाता हैं क्योंकि कंप्यूटर इनपुट-आउटपुट की प्रक्रिया या हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर में समन्वय स्थापित करने का कार्य CPU के माध्यम से ही पूर्ण करता हैं। Motherboard जो कि सीपीयू के अंदर का हिस्सा होता हैं जिससे प्रत्येक उपकरण जुड़े होते हैं। जिससे सभी अपना कार्य प्रथक रूप से कर पाते हैं। 

कंप्यूटर Input-Process-Output की प्रक्रिया सीपीयू के माध्यम से ही करता हैं। सीपीयू का मुख्य भाग ALU (Arithmetic and Logic Unit) और CU (Control Unit) होता हैं। 

2. Memory Unit – कंप्यूटर की मेमोरी यूनिट उसके सीपीयू के अंदर होती हैं। जो कंप्यूटर को डेटा देने और सूचनाओं को स्टोर करने का कार्य करती हैं। कंप्यूटर की मेमोरी को दो भागों में विभाजित किया जाता हैं- Primary Memory और Secondary Memory. प्राइमरी मेमोरी के अंतर्गत RAM और ROM मेमोरी को सम्मिलित किया जाता हैं। जो कंप्यूटर की मुख्य मेमोरी होती हैं। 

तो वही सेकंडरी मेमोरी को कंप्यूटर में अलग से जोड़ा जाता हैं। इस प्रकार की मेमोरी का उपयोग कंप्यूटर की मेमोरी में वृद्धि करने के लिए किया जाता हैं। जैसे- Pen Drive, Hard Disk, CD, DVD आदि। 

3. Input Device – कंप्यूटर के इनपुट डिवाइस वह होते हैं जिनकी सहायता से कंप्यूटर को कार्य करने के निर्देश दिए जाते हैं। जैसे- Keyboard, Mouse, Scanner, Barcode Reader, Webcam आदि। इन समस्त उपकरणों के माध्यम से हम कंप्यूटर को निर्देश देते हैं कि वह कैसे कार्य करें और कैसे नही। इन्हीं उपकरणों की सहायता से हम अपनी आवश्यकता अनुसार कंप्यूटर से आउटपुट प्राप्त करते हैं। 

4. Output Device – आउटपुट डिवाइस कंप्यूटर के वह डिवाइस होते हैं जिनकी सहायता से हम इनपुट के परिणामों को देख या सुन पाते हैं। जिनकी सहयता से हम कंप्यूटर के माध्यम से अपनी आवश्यकताओं की पूर्ति कर पाते हैं। जैसे- Monitor, Printer, Computer Speaker, Projector, Plotter आदि। 

5. Hardware – कंप्यूटर के हार्डवेयर वह होते हैं जिन्हें हम देख और छू सकते हैं। जिनको हम अपने हाथों से उठाकर उनका स्थान परिवर्तित कर सकते हैं। इस प्रकार के उपकरणों को कंप्यूटर के Physical Parts के रूप में भी देखा जाता हैं। कंप्यूटर के Hardware Parts को हम 2 भागों में विभाजित करते हैं- 

● Internal Hardware – इसके अंदर हम हार्डवेयर के उन पार्ट्स को सम्मिलित करते हैं जो सामान्यतः कंप्यूटर सिस्टम में आंतरिक रूप से अपना कार्य करते हैं और इस प्रकार के हार्डवेयर को देखने के लिए हमें सिस्टम को खोलकर देखने की आवश्यकता होती हैं। इस प्रकार के हार्डवेयर के उदाहरण हैं- Motherboard, RAM, ROM, Hard Disk, Graphic Card, Fan आदि। 

● External Hardware – कंप्यूटर के एक्सटर्नल हार्डवेयर में वह डिवाइस होते हैं जो कंप्यूटर की बाहरी संरचना में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं और जिन्हें देखने और छूने के लिए हमें सिस्टम को खोलने की आवश्यकता नहीं होती। इस प्रकार के हार्डवेयर के मुख्य उदाहरण हैं- Monitor, Keyboard, Mouse, Scanner, Printer, UPS (Uninterrupted Power Supply), Computer Speaker आदि। 

 6.  Software – सॉफ्टवेयर कंप्यूटर का वह भाग होता हैं जो कंप्यूटर के संचालन और इनपुट-आउटपुट की प्रकिया को पूर्ण करने में सहयोग प्रदान करता हैं। सॉफ्टवेयर की सहायता से हम कंप्यूटर को अपनी आवश्यकता अनुसार निर्देश और कार्य करवा सकते हैं। सॉफ्टवेयर को मुख्यतः 3 भागों में विभाजित किया जाता हैं- System Software, Application Software और Utility Software 

कंप्यूटर की विशेषता |Features of Computer

कंप्यूटर खुद ही एक विशेष उपकरण हैं जो अपनी संरचनाओं और क्षमताओं के कारण अनेकों कार्य करने में सक्षम होता हैं। कंप्यूटर की विशेषता आधुनिकीकरण और तकनीकी विकास को दर्शाने का एक उत्तम तरीका हैं। कंप्यूटर की विशेषताओं को हम निम्न बिंदुओं के आधार पर समझ सकते हैं- 

Speed (गति) – कंप्यूटर गणितीय गणना को सामान्य मनुष्य से तीव्र गति से सुलझा सकता हैं। यह इनपुट और आउटपुट की प्रकिया को भी कुछ सेकंड में समझकर रिजल्ट आउटपुट के रूप में प्रदान कर देता हैं। इसके माध्यम से हम जटिल कार्यों को कम समय रहते पूरा कर सकते हैं। 

Accuracy (सटीकता) – कंप्यूटर तीव्र गति से सटीक परिणाम प्रदान करता हैं अर्थात इसके माध्यम से जो रिजल्ट आउटपुट के रूप में हमें प्राप्त होते हैं। वह सार्वभौमिक शुद्ध (सत्य) होते हैं। 

Reliability (विश्वसनीय) – कंप्यूटर द्वारा प्राप्त आँकड़े विश्वसनीय होते हैं अर्थात उस रिजल्ट या परिणाम पर भरोसा किया जा सकता हैं। यह सर्वमान्य परिणाम प्रस्तूत करने का कार्य करते हैं। यह उन्ही परिणामों को प्रस्तुत करते हैं जिन परिणामों के लिए आपने इनको इनपुट डिवाइस के माध्यम से निर्देश दिया होता हैं। यह आपकी आवश्यक अनुसार ही कार्य करते हैं। 

Storage Capacity (भंडारण क्षमता) – कंप्यूटर की भंडारण क्षमता उसकी दो प्रकार की मेमोरी में निर्भर करती हैं- प्राइमरी और सेकंडरी मेमोरी। प्राइमरी मेमोरी के अंदर कंप्यूटर की रेम और रोम मेमोरी होती हैं जबकि सेकंडरी मेमोरी में हार्ड डिस्क, डीवीडी, सीडी, पेन ड्राइव आदि होती हैं। यह सभी विशाल डेटा को स्टोर करने में सक्षम होते हैं। जिस कारण कंप्यूटर एक विशाल भंडारण क्षमता रखने वाला उपकरण हैं। 

Automatic (स्वचालित) – कंप्यूटर एक स्वचलित उपकरण हैं जो प्रोसेस और आउटपुट की प्रक्रिया स्वयं अपने अन्य उपकरणों की सहायता से करता हैं। जैसे- प्रिंटआउट निकलना, Applications का Run होना आदि। यह मानवीय क्रियाओं के बिना भी अपना कार्य स्वचालित रूप से पूर्ण करने में सक्षम होता हैं। 

कंप्यूटर कैसे कार्य करता हैं? |How Computer Works

कंप्यूटर अपने कार्यों को मुख्यतः 3 आधारों की सहायता से पूर्ण करता हैं। कंप्यूटर की सम्पूर्ण कार्य संरचना इन्ही 3 माध्यमों से पूर्ण होती हैं। जो निम्न प्रकार हैं- 

 1. Input – कंप्यूटर सर्वप्रथम इनपुट डिवाइस के माध्यम से इनपुट प्राप्त करता हैं अर्थात पहले वह यह ज्ञात करता हैं कि यूजर द्वारा उसे क्या आदेश या निर्देश दिया जा रहा हैं। जिसकी सहायता से फिर वो अपना दूसरा चरण पूरा करता हैं। 

 2. Process – कंप्यूटर यूजर को आउटपुट देने से पहले जो आंतरिक क्रिया करता हैं उसे कंप्यूटर के परिणाम से पूर्व की जाने वाली क्रिया (Process) के रूप में देखा जाता हैं। इस प्रक्रिया को कंप्यूटर CPU के माध्यम से पूर्ण करता हैं। जिसमें वह सूचना प्राप्त करने के लिए सिस्टम की मेमोरी से संपर्क करता हैं और यूजर को आउटपुट प्रदान करता हैं।

 3. Output – आउटपुट कंप्यूटर के कार्य करने का आखिरी स्टेप हैं। जिसके माध्यम से यूजर इनपुट के कारण आवश्यकता अनुसार परिणाम या रिजल्ट प्राप्त करता हैं। उदाहरण अगर आप कंप्यूटर को कीबोर्ड या माउस के माध्यम से किसी सॉफ्टवेयर को रन करने का निर्देश देते हैं तो वह आपके द्वारा दिया गया इनपुट हैं फिर कंप्यूटर स्वचालित रूप से प्रक्रिया (Process) करता हैं और अंत में उस प्रक्रिया को पूर्ण कर Output देता हैं जब वह उस सॉफ्टवेयर को आपके सिस्टम में Install कर लेता हैं। 

कंप्यूटर कैसे चलाए? |How to Operate Computer

अगर आप कंप्यूटर चलाना सीखना चाहते हैं तो आपको उसकी Basic Knowledge के बारे में जानना अत्यंत आवश्यक हैं। जैसे कंप्यूटर कैसे ऑन करते हैं, कैसे ऑफ करते हैं, कैसे किसी section में जाते हैं आदि। 

● अगर आपके सामने कोई डेस्कटॉप हैं तो आपको सबसे पहले switch बटन खोलना होगा अगर वह सिस्टम UPS से Connected हैं तो उसके बाद उसे ऑन करें फिर CPU में मौजूद बटन को Press करें। इस तरह आपका सिस्टम थोड़ी देर में ओपन हो जाएगा। आपके पास अगर लैपटॉप हैं तो सीधे Power बटन को दबा दें। 

● उसके बाद अपने सिस्टम को Right Click करें और एक दो बार Refresh कर लें। 

● उसके बाद माउस को हिलाने पर जो आपको डिस्प्ले में करसा नजर आएगा। उसको वहाँ पर ले जाए जिस जगह आप जाना चाहते हैं या जिस Application को आप Open करना चाहते हैं। उसके बाद उसके ऊपर करसा रख कर दो बार Left Click करें या एक बार क्लिक करके कीबोर्ड से Enter का बटन दबाए। 

● अगर आप सिस्टम बन्द करना चाहते हैं तो मेनू में जाए वहाँ साइड में Power Off का आपको Icon दिख जाएगा या आप Shortcut Key Alt+f4 को दबाकर और Enter करके डायरेक्ट अपना सिस्टम ऑफ कर सकते हैं। 

इसके साथ आप खाली समय में कंप्यूटर के अन्य Features में भी अपना समय दे सकते हैं जैसे- Paint वाली Application में जाकर उनके Tools को समझना, MS Office का उपयोग करना या Control Panel के Features के बारे में पढ़ना। इसके साथ आप Video Tutorial में जाकर, Google में Text Knowledge या मार्किट में उपलब्ध Computer Course के माध्यम से कंप्यूटर को अच्छी तरह चलाना सीख सकते हैं।

कंप्यूटर के लाभ |Advantages of Computer

कंप्यूटर विभिन्न विशेषताओं वाला एक इलेक्ट्रॉनिक उपकरण हैं जिसके माध्यम से अनेकों कार्य कम समय रहते किया जा सकता हैं। हम कंप्यूटर की सहायता से निम्न कार्यों को पूर्ण कर सकते हैं। जो इस प्रकार हैं – 

Data Security – कंप्यूटर में मौजूद डेटा सिक्योर रहता हैं। सिस्टम हमें अपनी आवश्यकता अनुसार Password लगाने की सुरक्षा देता हैं। जिसके माध्यम से हम कंप्यूटर में मौजूद डेटा को सुरक्षा प्रदान कर सकते हैं। 

Storage – कंप्यूटर एक विशाल भंडारण क्षमता रखने वाला उपकरण हैं। जिसमें हम प्राइमरी और सेकंडरी मेमोरी की सहायता से अधिक से अधिक डेटा को स्टोर करके उसमें सुरक्षित रख सकते हैं। यह अधिक मात्रा में Software को Run कर सकती हैं और बिना किसी समस्या के उसको चला सकती हैं। इसमें अधिक मात्रा में ऑडियो,वीडियो और टेक्स्ट फ़ाइल को स्टोर किया जा सकता हैं। 

Online Business – इसकी सहायता से हम ब्लॉगिंग,यूट्यूब या अपने आफिस से संबंधित कार्यो को सरलता से घर बैठे कर सकते हैं। Freelance का कार्य सभी फ्रीलांसर घर बैठे इसी की सहायता से करते हैं। 

Multitasking – यह एक समय मे एक से अधिक कार्यों को पूर्ण कर सकता हैं। जिसमे हम एक साथ एक से अधिक Software को Run करवा सकते हैं। एक से अधिक पेज और Folder को सिस्टम में खोल सकते हैं। 

कंप्यूटर से होने वाले नुकसान |Disadvantages of Computer

कंप्यूटर के अगर लाभ हैं तो कई रूपों में इसके नुकसान भी हैं यह व्यक्ति को उसके शारीरिक विकास में बाधा पहुँचाने का कार्य करता हैं। कंप्यूटर से होने वाले नुकसानों को हम निम्न बिंदुओं की सहायता से समझ सकते हैं- 

Health Issues – यह व्यक्ति को मानसिक और शारीरिक रूप से दुर्बल बनाने का कारण हैं। अधिक समय तक इसमें काम करने से हम चिड़चिड़े होने लगते हैं हमारी कमर दर्द होने लगती हैं। पैरो से चलने की क्षमता और स्मरण रखने की क्षमता खोने लगते हैं। 

Unemployment – यह बेरोजगारी का सबसे बड़ा कारण हैं। यह अनेक व्यक्तियों का कार्य कम समय मे और अधिक कुशलता के साथ कर सकता है। जिस कारण इसके विकास से दुनिया में बेरोजगारी की मात्रा कई गुना बढ़ गई हैं। 

Virus & Hacking – कंप्यूटर के विकास ने Hackers और Virus को जन्म दिया हैं। जिस कारण Cyber Crime का खतरा कई गुना बढ़ गया हैं। हैकर्स द्वारा लोगों की व्यक्तिगत और संवेदनशील डेटा को चुराकर उन्हें आर्थिक नुकसान पहुँचाया जाता हैं या उनकी सूचनाओं और महत्वपूर्ण डेटा को वायरस की सहायता से नष्ट कर दिया जाता हैं। 

Information Violation – यह किसी व्यक्ति की निजी और व्यक्तिगत सूचना को सामाजिक करने का कार्य करता हैं। इसके साथ-साथ यह एक टॉपिक पर अनेक व्यक्तियों के विचार प्रस्तुत कर देता हैं। जिस करण सूचनाओं की विश्वसनीय मात्रा कम हो जाती है। यह सूचनाओं को अधिक मात्रा में यूजर तक पहुचाती हैं। जिससे यूजर में असमंजस की स्थिति उत्पन्न हो जाती हैं। 

निष्कर्ष – Conclusion

कंप्यूटर एक इलेक्ट्रॉनिक उपकरण हैं जो अन्य उपकरणों की सहायता से अपने निर्माण के उद्देश्यों की पूर्ति करता हैं। यह आपके समय की बचत करने से लेकर सटीक परिणाम प्रदान करने तक का कार्य करता हैं। कंप्यूटर वर्तमान समाज की आवश्यकता हैं। इसकी सहायता से हम डिजिटल उद्देश्यों की पूर्ति कर पाने में सक्षम हो पाते हैं। 

तो दोस्तों आज आपने हमारी इस पोस्ट के माध्यम से जाना कि कंप्यूटर क्या हैं प्रकार,संरचना और विशेषता आदि। (What is Computer in Hindi) अगर आपको हमारी यह पोस्ट पसंद आई हो तो इसे अपने अन्य साथियों और प्रिय परिजनों के साथ अवश्य शेयर करें और इस पोस्ट से संबंधित अपने प्रश्नों को कमेंट के माध्यम से जरूर शेयर करें। 

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pankaj
Hello दोस्तों मेरा नाम Pankaj Pal हैं और मैं webtechnoo का लेखक और Co-Founder हुँ। मैंने MSc Computer Science से की हैं और मुझे Technology, Computers से जुड़े तथ्यों को सीखना और आप लोगों को सीखाना अच्छा लगता हैं। अगर आप भी नई-नई Technology के बारे में जानने में रुचि रखते हैं। तो हमारे Blog या Social Media के माध्यम से हमसे जरूर जुड़े रहें। (Jai Hind)

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