Computer Virus क्या हैं और कंप्यूटर वायरस के प्रकार

Computer Virus एक Programe हैं जिसका उपयोग किसी के डेटा को चुराने के लिए किया जाता हैं। वायरस एक फैलने वाली बीमारी जैसा होता हैं। जिसको एक कंप्यूटर से दूसरे कंप्यूटर में भेजा जा सकता हैं। यह वायरस इंटरनेट के माध्यम से आपके प्रोग्राम मे किसी भी रूप मे पहुँच सकता हैं। 

● Virus की फूल फॉर्म क्या हैं? 

VIRUS की फूल फॉर्म हैं – Vital Information Resource Under Siege

कंप्यूटर वायरस का सिस्टम में आने का सबसे बड़ा कारण हैं- इंटरनेट आपने अपने जीवन मे कभी ऐसा सुना होगा कि किसी ने किसी का कंप्यूटर या लैपटॉप हैक कर लिया। क्या आप जानते हैं उस कंप्यूटर के हैक होने का कारण क्या हैं? जब कोई व्यक्ति किसी के डेटा को Hack करता हैं तो उसमें वह हैकर Internet के माध्यम से उसके कंप्यूटर में कंप्यूटर वायरस को भेजता हैं। 

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जो उसे उस कंप्यूटर का access दे देता हैं। जिसके माध्यम से वह उस सिस्टम में पड़े डेटा को आसानी से चुरा लेता हैं। आप चाहें तो अपने कंप्यूटर से वायरस को आसानी से Delete कर सकते हैं या उसके प्रभाव को कम कर सकते हैं। तो चलिए जानते हैं कि Computer Virus क्या हैं और कंप्यूटर वायरस के प्रकार आदि। What is Computer Virus in Hindi

कंप्यूटर वायरस क्या हैं? |What is Computer Virus in hindi

Computer Virus एक Programming Code हैं जिसका उपयोग कंप्यूटर के संचालन में बदलाव लाने हेतु किया जाता हैं। इसके कोड्स का निर्माण विभिन्न रूपों में किया जाता हैं। जिससे इसको एक कंप्यूटर से दूसरे कंप्यूटर में आसानी से भेजा जा सकें। 

कंप्यूटर वायरस का निर्माण अवैध कामों या गैर कानूनी कामों की पूर्ति के लिए किया जाता हैं। इसका अधिक उपयोग Hackers द्वारा किया जाता हैं। वह ऐसे वायरस या कोड्स का निर्माण करते हैं और उन कोड्स को किसी के कंप्यूटर में डाल कर उसमें मौजूद डेटा को हैक कर लेते हैं और बाद में उस कंप्यूटर के मालिक से पैसों की डिमांड करते है। 

सामान्य शब्दों में समझें तो कंप्यूटर वायरस के माध्यम से किसी कंप्यूटर का access कोई भी प्राप्त कर सकता हैं। वायरस हमारे कंप्यूटर की गति को धीमा कर देता हैं। जिस कारण हमारा कंप्यूटर धीरे-धीरे हैंग होना शुरू कर देता हैं और फिर हमारे कई ऐसे Features काम करना या File Open नहीं हो पाती। जिनकी हमें आवश्यकता होती हैं।  

वायरस हमारी पूरी Window को Corrupt कर देता हैं। जिस कारण उसे ठीक करने के लिए हमें नई विंडो डालनी पड़ती हैं या उसी विंडो को Format करना पड़ता हैं। वायरस सीधे हमारे ऑपरेटिंग सिस्टम को संक्रमित करता हैं। जिससे उसे हमारे पूरे डेटा का access मिल जाता हैं और वह वायरस धीरे-धीरे पूरे सिस्टम को Corrupt कर देता हैं। 

कप्यूटर वायरस के प्रकार |Types of Computer Virus

1. Boot Sector Virus – यह वायरस कंप्यूटर के फ्लॉपी डिस्क के बूट वाले क्षेत्र को प्रभावित करता हैं। जिस कारण इसे बूट सेक्टर वायरस कहा जाता हैं। कंप्यूटर के फ्लॉपी डिस्क बूट सेक्टर में सभी महत्वपूर्ण डेटा होता हैं। जिस डेटा का उपयोग कंप्यूटर के Operating System के संचालन हेतु आवश्यक होता हैं। 

इस प्रकार का वायरस फ्लॉपी डिस्क के बूट सेक्टर में मौजूद डेटा को वायरस भेजने वाले सिस्टम को access करने की अनुमति दे देता हैं या फिर बूट सेक्टर में मौजूद डेटा को Corrupt कर देता हैं। 

2. Direct Action Virus – कंप्यूटर वायरस के इस स्वरूप को छुपा हुआ वायरस भी कहते हैं। कंप्यूटर का यह वायरस .com या अन्य प्रकार की फाइल्स मे खुद के कोड्स को जोड़ लेता हैं। व्यक्ति जब इन फाइल्स को Download करता हैं। तो यह वायरस कंप्यूटर के अन्य भागों में जाकर छुप जाता हैं और वहाँ से व्यक्ति के संवेदनशील डेटा को चोरी या नुकसान पहुचाने का कार्य करता हैं। इस प्रकार के वायरस को कंप्यूटर में पहुचाने का कार्य Internet और ब्राउज़र के माध्यम से किया जाता हैं। 

3. Resident Virus – इस प्रकार का वायरस अपना कार्य कंप्यूटर की प्राइमरी मेमोरी के माध्यम से करता हैं। यह कंप्यूटर की मेमोरी में छुपा होता हैं। जिस कारण इस प्रकार के वायरस को नष्ट कर पाना अत्यंत कठिन कार्य होता हैं। यह वायरस का भयावक रूप होता हैं। इस प्रकार के वायरस का उपयोग किसी सिस्टम के डेटा को नुकसान पहुचाने के लिए किया जाता हैं। 

4. Multipartite Virus – यह वायरस ऐसे कंप्यूटर के डेटा को शेयर करने का काम करता हैं। जिस कंप्यूटर का बूट सेक्टर पहले से ही संक्रमित होता है। इस प्रकार के वायरस का उपयोग Cyber Crime जैसे गैर कानूनी कार्यों की पूर्ति के लिए किया जाता हैं। 

5. Polymorphic Virus – इस प्रकार का वायरस वेब  और स्पैम को आधार बनाकर हमारे सिस्टम में प्रवेश करता हैं। इस वायरस का पता लगाना बहुत मुश्किल काम होता हैं। यह डेटा को चुराने या corrupt करने का काम धीरे-धीरे करता हैं। जिस कारण इस वायरस को ढूंढना या पकड़ पाना कठिन होता हैं। 

6. Overwrite Virus – यह वायरस का सबसे खतरनाक रूप होता हैं। यह कंप्यूटर की सारी Programming Coading को ऐसे Codes में बदल देता हैं। जो पूरे सिस्टम के डेटा को नष्ट कर देता हैं। ऐसे वायरस को डिलीट कर पाना बहुत कठिन कार्य होता हैं। 

7. File Infector Virus – यह वायरस कंप्यूटर फ़ाइल पर दुष्प्रभाव डालता हैं। इसके वायरस के आने के बाद कंप्यूटर या डॉक्यूमेंट फाइल्स खुलना बन्द हो जाती हैं। इस कंप्यूटर वायरस के फैलने का कारण गेम और वर्ड प्रोसेस होती हैं। जिसके माध्यम से यह अपने कार्यो को अंजाम देता हैं। 

8. Macro Virus – यह वायरस E-mail के माध्यम से हमारे कंप्यूटर सिस्टम तक पहुँचता हैं। इसका निर्माण सॉफ्टवेयर के निर्माण में प्रयोग की गई भाषा के आधार पर ही होता हैं। यह उन्ही फाइल्स को या डॉक्युमेंट को नुकसान पहुँचाता हैं। जिनका निर्माण Macro से हुआ होता हैं। यह वायरस कंप्यूटर के ऑपरेटिंग सिस्टम (OS) को संक्रमित करने का कार्य करता हैं। 

9. Spacefiller Virus – इस वायरस का निर्माण कम मात्रा में किया जाता रहा हैं। यह अपना कार्य किसी फ़ाइल में पड़ी खाली जगह के आधार पर करता हैं। जिस कारण इसे Spacediller Virus कहा जाता हैं। यह उस खाली स्पेस को वायरस से भर देता हैं और वह फ़ाइल में पड़ी सूचना नष्ट हो जाती हैं। 

10. Browser Hijacker Virus – इस प्रकार के वायरस का उपयोग हैकर्स द्वारा किया जाता हैं। यह किसी वेबसाइट के URL के माध्यम से आपके सिस्टम तक पहुचता हैं। यह आपके द्वारा देखी जाने वाली वेबसाइट के URL में हेर-फेर कर आपको ऐसे पेज में पहुँचा देते हैं। जहाँ से आपके सिस्टम में वो वायरस पहुँच जाता हैं। 

Computer Virus System में कैसे आता हैं? 

● Internet – किसी वायरस का कंप्यूटर में आने का सबसे बड़ा कारण इंटरनेट होता हैं। इंटरनेट के माध्यम से ही कई प्रकार के वायरस हमारे कंप्यूटर में प्रवेश करते हैं। Browser में दिखाए जाने वाले स्पैम Ads और ऐसी वेबसाइट जो Secure नही होती या जो गलत प्रकार की सूचनाएं प्रदान करती हैं। वहाँ से वायरस का आने का खतरा सर्वाधिक होता हैं। 

● Website – ऐसी वेबसाइट जो गलत प्रकार का कंटेंट दिखाती हैं और जिनके URL अपने आप हमें दूसरे पेज तक पहुँचा देते हैं। वहाँ से कंप्यूटर वायरस आने का खतरा अधिक होता हैं। ऐसी वेबसाइट जिनके URL में Not Secure लिखा होता हैं। ऐसी वेबसाइट देखने से या उपयोग करने से हमारे PC में भी वायरस आ सकता हैं। 

● Third Party Apps- इस प्रकार की Applications को डाउनलोड करने से और सिस्टम में इनस्टॉल करने से हमारा सिस्टम गरम होने लगता हैं और हैंग होने लगता हैं। यह वह App होते हैं। जिनको हम किसी link या असुरक्षित वेबसाइट्स के माध्यम से डाउनलोड करते हैं। हम आपको हमेशा Play Store से ही Applications डाउनलोड करने का सुझाव देंगे। 

● CD/DVD/Pen Drive – अगर आप ऐसी CD, DVD या पेन ड्राइव का उपयोग करते हैं। जिसमें पहले से ही वायरस होता हैं। ऐसे मे वह वायरस आपके सिस्टम मे पहुँचकर आपके डेटा को नुकसान पहुँचा सकता हैं। इसलिए हमारे सिस्टम में एंटीवायरस होने पर इनको लगाते ही स्कैन मोड में चले जाता हैं। 

● Pirated Windows – इस प्रकार की विंडो का उपयोग अगर आप भी अपने PC (Personal Computer) में करते हैं। तो ऐसे में आपका कंप्यूटर हैंग हो सकता हैं या क्रैश हो सकता हैं। इस प्रकार की विंडो में वायरस के आने का खतरा अधिक होता हैं। 

● Advertising – अगर आप ऐसी वेबसाइट में जाते हैं जो अशलील कंटेट या मानवता विरोधी कंटेंट चलाती हैं और आप उसमें चलने वाले किसी Ads में click करते हैं और देखते हैं तो वो आपको ऐसे पेज पर भेज देता हैं। जहाँ से वायरस आने का खतरा सबसे अधिक होता हैं। इस प्रकार की Advertising देखने के बाद आपका फोन हैंग होने लगता हैं और तरह-तरह की Notification आनी शुरू हो जाती हैं। 

● Spam Message – आपके फ़ोन या E-mail के माध्यम से आने वाले link message आपकी निजी सूचनाओं और डॉक्यूमेंट के corrupt होने का आधार होते है। अगर आपके पास किसी भी प्रकार से कोई ऐसे संदेश आते हैं जो सामान्यत Unknown होते हैं और उनमें किसी प्रकार का कोई URL होता हैं। तो ऐसे में कंप्यूटर वायरस आने का खतरा अधिक बढ़ जाता हैं। 

कंप्यूटर वायरस होने के संकेत |Signs of Computer Virus in Hindi

● Slow Speed – अगर आपके कंप्यूटर की प्रोसेस क्षमता और input-output की गति धीमी हो रही हैं और आपके PC में इन्सटाल्ड सॉफ्टवेयर खुलने में समय लग रहे हैं या कम गति होने के कारण खुल ही नही रहे हैं। तो आप समझ जाइए कि आपके कंप्यूटर में वायरस ने हमला बोल दिया हैं। 

● Pop-up Window – पॉप-अप विंडो आपसे ऐसे कार्य करवाती हैं जो गलती से आपसे हो जाते हैं। यह आपको गलती से ऐसी जगह क्लिक करवा देती हैं। जिसे क्लिक करके आप किसी वेब पेज में पहुँच जाते हैं या कुछ Automatically डाउनलोड होने लगता हैं। 

● Frequent Crashes – अगर आपकी हार्ड डिस्क में कोई परेशानी आए या आपकी विंडो न खुल रही हो। अगर आपको ऐसा लग रहा हैं कि आपका सिस्टम क्रैश हो रहा हैं तो आप समझ जाईये की आपके सिस्टम में वायरस आ गया हैं। 

कंप्यूटर वायरस को सिस्टम से कैसे डिलीट करें या सिस्टम में आने से कैसे रोकें |How to Delete Computer Virus in Hindi

अगर आपको ऐसा लगता हैं कि आपके कंप्यूटर मे वायरस आ गया हैं तो आप बाजार से कोई Paid Antivirus ले सकते हैं। वायरस को डिलीट करने के लिए एंटीवायरस का उपयोग अधिक मात्रा मे किया जाता हैं। ऐसा करके आप अपने डेटा को भविष्य में भी सुरक्षित रख सकते हैं। 

अगर वायरस ने आपकी सारी फ़ाइल corrupt कर दी हैं या आपका कंप्यूटर खुल नहीं पा रहा हैं। ऐसे में आपको अपने PC को किसी जानकार व्यक्ति (Professional) को दिखाना अत्यंत आवश्यक हैं। ऐसा करके हो सकता हैं कि बिना डेटा खोए आप Computer Virus को Delete कर सकें। 

जानें – Generation of Computer (हिंदी में)

अगर आपको ऐसा लग रहा है कि आपके Desktop में वायरस आ रहा हैं तो आप ब्राउज़र की Cache Memory और History को Delete कर दें। आपने जो कुछ भी Download किया हैं या कोई ज्यादा MB या GB की फ़ाइल डिलीट कर दे। आप अपने कंप्यूटर को Reboot कर दे। ऐसा करके आप वायरस के प्रभाव को कम या पूर्ण रूप से डिलीट कर सकते हैं। 

अगर आपको ऐसा लगे कि आपके कंप्यूटर में वायरस हैं तो आप अपने Browser या OS को Update कर दे। यदि आपके सिस्टम में आपकी महत्वपूर्ण फ़ाइल नहीं हैं तो ऐसे में आप तुरंत अपनी Window बदलवा ले। ऐसा करके पूर्ण रूप से आप Computer Virus से मुक्त हो जाएंगे। 

निष्कर्ष – Conclusion

कंप्यूटर वायरस क्या हैं? (What is Computer Virus in Hindi) यह एक प्रोग्रामिंग कोड हैं। जिसका निर्माण किसी कंप्यूटर का Access प्राप्त करने के लिये किया जाता हैं। इसके आधार पर डेटा की चोरी, Cyber Crime जैसी घटनाओं को अंजाम दिया जाता हैं। 

कंप्यूटर वायरस का निर्माण भी कंप्यूटर प्रोग्रामिंग लैंग्वेज से किया जाता हैं। जिससे कंप्यूटर के डेटा को आसानी से संक्रमित किया जा सकता हैं। अगर आप इस वायरस से बचना चाहते हैं तो हम आपको Paid Antivirus और Orignal Window के इस्तेमाल करने की सलाह देंगे। 

तो मित्रों आज आपने इस पोस्ट के माध्यम से जाना कि Computer Virus क्या हैं और कंप्यूटर वायरस के प्रकार आदि। (What is Computer Virus in Hindi) अगर आपको हमारी यह पोस्ट पसंद आई हो तो इसे अपने अन्य मित्रों के साथ भी अवश्य शेयर करें और अपने विचारों को कमेंट के माध्यम से व्यक्त करें। 

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pankaj
Hello दोस्तों मेरा नाम Pankaj Pal हैं और मैं webtechnoo का लेखक और Co-Founder हुँ। मैंने MSc Computer Science से की हैं और मुझे Technology, Computers से जुड़े तथ्यों को सीखना और आप लोगों को सीखाना अच्छा लगता हैं। अगर आप भी नई-नई Technology के बारे में जानने में रुचि रखते हैं। तो हमारे Blog या Social Media के माध्यम से हमसे जरूर जुड़े रहें। (Jai Hind)

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