CPU क्या हैं? इसकी परिभाषा,कार्य,प्रकार और यह कैसे काम करता हैं?

सीपीयू (CPU) एक Electronic Device हैं जिसका उपयोग कंप्यूटर को निर्देशित करने और कार्य करने के लिए किया जाता हैं। सीपीयू कंप्यूटर का महत्वपूर्ण भाग होता हैं। अगर आप भी कंप्यूटर का इस्तमाल करते हैं तो आप भी अपने सिस्टम को ऑन करने के लिए इसका उपयोग करते होंगे। वह सीपीयू ही होता हैं जो आपके Smartphone, Laptop या Computer की Processing क्षमता को गति प्रदान करते हैं।

आप जानते हैं कि किसी कंप्यूटर सिस्टम को ऑपरेट करने के लिए Input Device और Output Device की आवश्यकता पड़ती हैं। जैसे- Mouse, Keyboard, Printer आदि। इन सभी का उपयोग कंप्यूटर को निर्देशित करने और परिणामो को प्राप्त करने के लिए किया जाता हैं। यह सभी अपना कार्य सीपीयू की सहायता से ही पूर्ण करते है। 

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जिस प्रकार स्याही के बिना पेन का और आत्मा के बिना शरीर का कोई महत्व नहीं होता। ठीक उसी प्रकार सीपीयू के बिना मॉनिटर या कंप्यूटर का कोई महत्व नहीं होता। इसके अभाव में कंप्यूटर पर कार्य नहीं किया जा सकता। इसी के माध्यम से कंप्यूटर के कार्यों को ऑपरेट किया जाता हैं। यह कंप्यूटर के कार्यो में संतुलन बनाये रखने का भी कार्य करता हैं।

सामान्यतः सीपीयू AI (Artificial Intelligence) उपकरणों का महत्वपूर्ण पार्ट होता हैं। बात करें Smartphone और Computer की तो इनको चलाने और ऑपरेट करने के लिए CPU अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता हैं। आप जब कंप्यूटर या स्मार्टफोन खरीदने जाते होंगे तो आपको उनके Specifications के बारे में बताया जाता होगा। जैसे यह डिवाइस 64 Bit Quad Core Intel i7 हैं या i5 आदि हैं। यह उस डिवाइस का प्रोसेसर होता हैं जो उसकी कार्य करने की क्षमता को बताता हैं। जो एक सीपीयू ही होता हैं। तो चलिए आज इस पोस्ट के माध्यम से जानें कि सीपीयू क्या हैं, इसका कार्य, प्रकार, कंपोनेंट आदि। What is CPU in Hindi 

सीपीयू क्या हैं? |What is CPU in Hindi 

सीपीयू एक Electronic Device हैं। CPU का पूरा नाम Central Processing Unit हैं। सीपीयू एक छोटी चिप के समान होता हैं। जिसमे अनेकों छोटे-छोटे Transistor लगे होते हैं। यह कंप्यूटर का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा होता हैं। जिसकी सहायता से कंप्यूटर अपना समस्त कार्य करता हैं। सीपीयू को कंप्यूटर में इतना महत्वपूर्ण स्थान इसीलिए दिया जाता हैं क्योंकि सीपीयू ही कंप्यूटर के Hardware और Software को आपस मे जोड़ता हैं। जिससे कंप्यूटर की कार्य क्षमता और निर्माण के उद्देश्यों की पूर्ति होती हैं। 

सीपीयू के कार्यों की महत्ता को देखते हुए इसको कंप्यूटर के मस्तिष्क (दिमाग) के रूप में भी जाना जाता हैं। यह कंप्यूटर के कार्यों को नियंत्रित करता हैं। CPU को Processor और Micro Processor के नाम से भी जाना जाता हैं। सीपीयू एक छोटी आयताकार दिखने वाली चिप के समान होता हैं। जिसको Motherboard जो कि एक Circuit Board होता हैं उससे जोड़ा जाता हैं। सीपीयू कंप्यूटर के सभी कंपोनेंट को सुचारू रूप से चलाने का कार्य करता हैं। 

कंप्यूटर अपना कार्य 3 प्रकार से करता हैं- Input, Process और Output अर्थात पहले कंप्यूटर यूजर से इनपुट डिवाइस के माध्यम से इनपुट या निर्देश प्राप्त करता हैं। उसके बाद वो प्रक्रिया करता हैं अर्थात डेटा को कहाँ से और कैसे उठाना हैं उसके अंत मे वह यूजर को आउटपुट (परिणाम) प्रदान कर देता हैं। कंप्यूटर की यह तीनों प्रक्रिया CPU (Central Processing Unit) के माध्यम से ही संचालित की जाती हैं। 

CPU की सहायता से ही कंप्यूटर अनेकों Applications को RUN करने में सक्षम हो पाता हैं। सीपीयू चिप का निर्माण कई छोटे-छोटे Transistor की सहायता से किया जाता हैं। जिनकी सहायता से सीपीयू Calculation और Programme को चलाने का कार्य सरलता और तीव्र गति से कर पाता हैं। किसी भी कंप्यूटर का मूल्य और उसकी विशेषता उसके सीपीयू की क्वालिटी पर निर्भर करती हैं क्योंकि यह इनपुट और आउटपुट की प्रक्रिया में गति लाने का कार्य करता हैं। 

सीपीयू की परिभाषा |Definition of CPU in Hindi

सीपीयू कंप्यूटर का प्राथमिक घटक हैं जो निर्देशों के अनुसार कार्य करने एवं कंप्यूटर के कार्यों के क्रियान्वयन करने में सहायता करता हैं। यह कंप्यूटर के कार्यों को तीव्र और सटीकता से करने का कार्य करता हैं। यह निर्देशों (Instructions) को प्राप्त करता हैं उसके बाद कंप्यूटर की मेमोरी के साथ प्रोसेस कर उससे प्राप्त परिणामों को यूजर तक पहुँचा देता हैं। जिसे हम Output कहते हैं। 

सीपीयू के अंदर एक Processor होता हैं जिसको इसकी वास्तविक चिप कहा जाता हैं। इसी प्रोसेसर की सहायता से और इसमें लगे अनेकों छोटे-छोटे ट्रांज़िस्टर की सहायता से कंप्यूटर के कार्यों को नियंत्रित करने का कार्य करता हैं। 

सीपीयू के कंपोनेंट |Components of CPU in Hindi 

सीपीयू अपना समस्त कार्य 3 आधारों पर पूर्ण करता हैं और इन्हीं घटकों (Components) की सहायता से वह कंप्यूटर के कार्यों को नियंत्रित करने एवं सॉफ्टवेयर व हार्डवेयर के संचालन का कार्य पूर्ण करने के लिए करता हैं। तो चलिए जानते हैं उन तीन घटकों के बारे में जिनकी सहायता से यह अपना कार्य करता हैं- 

1. Memory – मेमोरी कंप्यूटर के डेटा को स्टोर करने और यूजर तक उस डेटा को पहुँचाने का स्थान हैं। कंप्यूटर में दो प्रकार की मेमोरी होती हैं। RAM (Random Access Memory) और ROM (Read Only Memory) यह दोनों प्रकार की मेमोरी कंप्यूटर की Primary Memory के अंदर आने वाली मेमोरी होती हैं। रेम कंप्यूटर की अस्थायी मेमोरी होती हैं जो कंप्यूटर और सीपीयू को उसके कार्य मे सहायता प्रदान करती हैं। 

हम रेम को अस्थायी मेमोरी इसीलिए कहते हैं क्योंकि इसके अंदर मौजूद डेटा कंप्यूटर के चालू रहने तक ही होता हैं। कंप्यूटर बंद कर देने के बाद रेम में मौजूद समस्त डेटा अपने आप डिलीट हो जाता हैं। मेमोरी की सहायता से ही कंप्यूटर Instructions को प्राप्त करता हैं और यूजर को आउटपुट प्रदान करता हैं। इन दोनों के मध्य की प्रक्रिया जिसे हम प्रोसेस कहते हैं वह भी मेमोरी की सहायता से ही पूर्ण की जाती हैं। 

2. Control Unit – जैसा कि इसके नाम से ही पता चल रहा हैं कि सीपीयू का कंट्रोल यूनिट कंप्यूटर के कार्यों और निर्देशो को नियंत्रित (Control) करने का कार्य करता हैं। कंट्रोल यूनिट का मुख्य कार्य कंप्यूटर के Input, Process और Output के मध्य संतुलन बनाये रखना होता हैं। यह यूजर के द्वारा दिये गए निर्देशों (Input) के अनुरूप परिणाम (Output) प्रदान करता हैं। 

सामान्य शब्दों में कहें तो कंट्रोल यूनिट (CU) मेमोरी से डेटा को किस तरह और कितनी मात्रा में उठाना हैं इसका निर्धारण करता हैं। यह कंप्यूटर के कार्यों में संतुलन बनाये रखने और उनके कार्यों को नियंत्रित करने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता हैं। 

3. Arithmetical Logical Unit (ALU) – यह सीपीयू का वह भाग होता हैं जो कंप्यूटर को एक गणना करने वाली मशीन बनाता हैं। ALU कंप्यूटर में जोड़-घटाने संबंधित कार्यो को करता हैं। सामान्य शब्दों में कहे तो कंप्यूटर गणितीय समीकरणों को हल करने का कार्य इसी की सहायता से पूर्ण करता हैं। जैसे- गुणा, भाग, जोड़ना, घटाना आदि। 

कंप्यूटर में अंकों से संबंधित कार्यों को पूर्ण करने के लिए सीपीयू का ALU उत्तरदायी होता हैं। जिस कारण इसे सीपीयू का महत्वपूर्ण भाग माना जाता हैं। जो कंप्यूटर को एक उच्च उद्देश्यों की पूर्ति करने वाला और तीव्र गति से अंकों को हल करने वाला उपकरण बनाता हैं। 

सीपीयू के कार्य |Functions of CPU in Hindi

सीपीयू Computer का सबसे महत्वपूर्ण भाग होता हैं। जिस कारण इसे कंप्यूटर का दिमाग कहा जाता हैं। अर्थात आप समझ सकते हैं कि कंप्यूटर के कार्यों में सीपीयू का कितना महत्वपूर्ण योगदान रहता होगा। सीपीयू के कार्यो को हम निम्न बिंदुओं के माध्यम से आसानी से समझ सकते हैं- 

● सीपीयू कंप्यूटर यूजर द्वारा दिये गए Input को रीड करता हैं उसे समझता हैं और उसके अनुरूप Output प्रदान करने का कार्य करता हैं। 

● सीपीयू यूजर द्वारा दिये गए निर्देशों की गणना करता हैं। जिसे प्रोसेस कहा जाता हैं। 

● यह Software और Hardware के मध्य एक कड़ी का कार्य करता हैं। जिससे दोनों में संतुलन बनाये रखा जाता हैं। 

● यह मदरबोर्ड से जुड़े सभी उपकरणों को ऑपरेट करने का कार्य करता हैं। 

● सीपीयू कंप्यूटर के समस्त कार्यों को नियंत्रित और इनपुट-आउटपुट को प्रभावकारी बनाने का कार्य करता हैं। 

● यह कंप्यूटर के कार्यो को गति प्रदान करने का भी कार्य करता हैं। किसी कंप्यूटर को विशेष बनाने में इसका मुख्य योगदान रहता हैं। 

● सीपीयू कंप्यूटर की प्राइमरी मेमोरी के साथ-साथ सेकेंडरी मेमोरी को भी नियंत्रित करने का कार्य करता हैं।

● सीपीयू यूजर के अनुरूप कार्य करने एवं कंप्यूटर के दिए गए समस्त कार्यो को उचित दिशा में पूर्ण करने के लिए उत्तरदायी होता हैं। 

CPU (Central Processing Unit) कैसे कार्य करता हैं?

दोस्तों अभी तक आप अच्छे से समझ गए होंगे कि सीपीयू क्या हैं और यह क्या कार्य करता हैं? तो चलिए अब जानते हैं कि सीपीयू अपना सम्पूर्ण कार्य कैसे पूरा करता हैं। जैसा कि हम सभी जानते हैं कि सीपीयू कंप्यूटर का एक महत्वपूर्ण भाग होता हैं। जो कंप्यूटर से जुड़े अभी उपकरणों और चिप को ऑपरेट करने का कार्य करता हैं। सीपीयू अपना यह कार्य कुछ निश्चित नीति नियमों या प्रोग्रामिंग कर अनुरूप करता हैं। इसके साथ ही इसमें कई छोटे-छोटे Transistor लगे होते हैं जिनकी सहायता से यह कंप्यूटर के कार्यों को नियंत्रित करने का कार्य करता हैं। सीपीयू अपने कार्यों को मुख्यतः 3 चरणों के आधार पर पूर्ण करता हैं। जो इस प्रकार हैं- 

1. Fetch – Fetch सीपीयू के काम करने का प्रथम चरण होता हैं। इस चरण में सीपीयू यूजर द्वारा दिए गए निर्देशों (Input) को प्राप्त करता हैं। यह निर्देश सीपीयू को बाइनरी भाषा (0,1) में प्राप्त होते हैं। जिन्हें Machine Language के नाम से भी जाना जाता हैं। यह निर्देश सीपीयू तक RAM की सहायता से प्राप्त होते हैं। सीपीयू उन निर्देशो को विभिन्न इकाइयों में विभाजित कर देता हैं और इसके बाद सीपीयू उन इकाइयों को एक-एक करके प्राप्त करता हैं। 

इस तरह सीपीयू प्रत्येक निर्देशों को एक-एक करके प्राप्त करता हैं और उसके बाद वह उन निर्देशों को प्रोसेस करने का कार्य करता हैं। जिससे निर्देशो के अनुसार कंप्यूटर से किसी कार्य को करवाया जा सकें। 

2. Decode – यह Fetch का के बाद का चरण हैं जो सीपीयू करता हैं। डिकोड सीपीयू में स्टोर निर्देशो को Decode करने का कार्य करता हैं। सामान्य शब्दों में हम कहे तो यह सीपीयू के Process का वह भाग हैं। जिसमें सीपीयू निर्देशों के अनुसार कार्य करता हैं। जिसकी सहायता से यूजर को उसके दिए गए इनपुट के अनुसार आउटपुट प्राप्त हो सकें। 

3. Execute – यह सीपीयू का अंतिम और आखिरी चरण होता हैं। जिसमें वह Decode की गई सूचनाओं को यूजर तक पहुँचाता हैं। जिन्हे यूजर Output Devices द्वारा प्राप्त कर लेता हैं। सामान्य शब्दों में कहें तो Fetch, Decode और Execute कंप्यूटर के Input, Process और Output करने का कार्य करते हैं। जिससे यूजर सूचनाओ को निर्देशों के अनुसार सटीकता से प्राप्त करने में सक्षम हो पाता हैं। इसी कारण सीपीयू को कंप्यूटर का दिमाग कहा जाता हैं क्योंकि यह कंप्यूटर के समस्त कार्यों को नियंत्रित करने का कार्य करता हैं। 

सीपीयू के प्रकार |Types of CPU in Hindi

सीपीयू के प्रकारों को उनकी विशेषताओं और उनकी कार्य करने की क्षमताओं के आधार पर विभाजित किया जाता हैं। जिसका अर्थ हैं जिस सीपीयू के कार्य करने की गति तीव्र होगी। वह कंप्यूटर अधिक कार्य क्षमता युक्त और महँगा होगा। उसकी Processing Capacity उतनी अधिक होगी। हम बात करें अगर आपके पास 3.0 GHz की गति से काम करने वाला CPU हैं। तो वह एक सेकंड में 3 बिलियन तक निर्देशों (Input) को Process कर सकता हैं। 

एक कंप्यूटर किसी भी Software या Application को कितनी जल्दी RUN करा पाता हैं यह उसकी सीपीयू की क्षमता और प्रोसेस करने की गति पर निर्भर करता हैं। अगर आप किसी कंप्यूटर को Assemble करके खरीदते हैं तो वह मूल्य में आपको कम पड़ता हैं क्योंकि उसकी सीपीयू क्षमता और गति कम होती हैं। आप ऐसे कंप्यूटर में अधिक प्रोसेस वाली एप्पलीकेशन को रन नहीं करा पाते। सीपीयू को मुख्यतः निम्न भागों में विभाजित किया जाता हैं- 

1. Single Core CPU – यह सीपीयू के विकास के प्रथम पीढ़ी के सीपीयू हैं। जिनका उपयोग सर्वप्रथम कंप्यूटर में किया गया था। इस प्रकार के सीपीयू के कार्य करने की क्षमता कम और धीमी हुआ करती थी। इस प्रकार के सीपीयू में एक समय मे किसी एक कार्य को पूरा करने में भी सक्षम थे। जिस कारण इन्हें Single Core CPU कहा जाता हैं। यह Multitasking का कार्य नहीं कर पाते थे। इसके साथ ही इन प्रोसेसर की Clock-speed बहुत कम थी। जिस कारण इनके प्रदर्शन और कार्य करने की क्षमता काफी धीमी थी। 

2. Dual Core CPU – जब आप कभी इंटरनेट में स्मार्टफोन देखते हैं तो उसमें उस फ़ोन की Specification में आपने Dual Core लिखा हुआ देखा होगा। जिसके मतलब होता हैं उस फ़ोन की प्रोसेसर सहमत दो हैं। यह Single Core की तुलना में अधिक तीव्र और महँगे होते हैं। इस प्रकार के सीपीयू एक समय मे एक से अधिक कार्यों को पूरा करने में सक्षम होते हैं। इस प्रकार का जो सीपीयू होता हैं उसमें चिप पर दो कोर होते हैं जिस कारण इसे Dual Core CPU कहा जाता हैं। 

इस प्रकार के सीपीयू की Clock-speed भी अधिक होती हैं। जो इसकी कार्य क्षमता और प्रोसेस करने की गति में तेजी लाने का कार्य करता हैं। 

3. Quad Core CPU –  यह सामान्यतः 4 कोर को इंगित करने वाला सीपीयू होता हैं। यह ऊपर बताये गए दो सीपीयू के प्रकारों से अधिक Multitasking के कार्य करने में सक्षम होता हैं। इसमें मौजूद चार कोर एक साथ काम करते हैं। जिस कारण इनमें किसी बड़ी एप्पलीकेशन को रन कराना आसान होता हैं। इस प्रकार के सीपीयू का अधिक उपयोग Gaming, Editing और Designing आदि कामो के लिए किया जाता हैं। 

इनके साथ ही सीपीयू के अन्य 3 प्रकार भी होते हैं जिनकी कार्य क्षमता और गति तीव्र होती हैं। जिनका उपयोग बड़े-बड़े क्षेत्रों में अधिक क्षमता से कार्य करने के लिए किया जाता हैं। जैसे- Hexa Core CPU, Octa Core CPU और Deca Core CPU

CPU चिप को कैसे बनाते हैं?

एक सीपीयू का निर्माण एक चिप और ट्रांजिस्टर की सहायता से किया जाता हैं। अगर विस्तार में हम इसे समझें तो सीपीयू एक Chip होती हैं। जिसका निर्माण Silicone की साहयता से किया जाता हैं। सिलिकॉन एक ऐसा Material होता हैं जो रेत से प्राप्त होता हैं। रेत से सिलिकॉन बनाने की प्रक्रिया में रेत को लगभग 1000℃ के तापमान के गर्म किया जाता हैं। जिसमे केमिकल का भी उपयोग किया जाता हैं। उसके बाद सिलिकॉन छोटे-छोटे टुकड़ों में बट जाता हैं।  

इन सिलिकॉन के टुकड़ों को गर्म करने के बाद इनको Photosensitive Chemical से सिलिकॉन का सिलेंडर बनाया जाता हैं। इसके बाद इसको पतले भागों में विभाजित कर दिया जाता हैं। जिन्हें Wafers कहा जाता हैं। उसके बाद यह Wafers के ऊपर अधिक संख्या में Transistor लगाए जाते हैं। जिन्हें लगाने में Ultraviolet Laser का उपयोग किया जाता हैं। 

इसके बाद यह बन कर तैयार हो जाते हैं जिसके बाद इन्हें एक कवर से पैक कर दिया जाता हैं और इनका मूल्य निश्चित करके इनको बेचने के लिए भेज दिया जाता हैं। सीपीयू चिप का निर्माण करते समय इनका प्रत्येक स्थिति में Test किया जाता हैं। जिससे इनकी कमियों को खोजा जा सकें। सीपीयू का निर्माण करते समय बहुत सावधानी से कार्य करना पड़ता हैं और इस प्रक्रिया में अधिक समय लग जाता हैं क्योंकि यह समस्त कार्य Microscope की सहायता से पूरा किया जाता हैं। क्योंकि इसके कण इतने छोटे होते हैं जिन्हें नग्न आंखों से नहीं देखा जा सकता।  

कंप्यूटर में CPU कहाँ होता हैं? 

दोस्तों अक्सर मॉनिटर जिस बड़े और पतले बॉक्स से जुड़ा होता हैं उसे सीपीयू के रूप में देखा जाता हैं। जिसके पीछे हिस्से में अनेकों Ports होते हैं। जिनकी सहायता से हम Mouse, Keyboard और अन्य उपकरणों को कंप्यूटर से जोड़ते है। किंतु सीपीयू एक छोटी चिप होती हैं जिसके निचले हिस्से में अनेकों ट्रांज़िस्टर लगें होते हैं। यह Square Shape में होती हैं जिसको Motherboard में लगाया जाता हैं। 

वह सीपीयू ही होता हैं जो मदरबोर्ड में लगे सभी चिप और मेमोरी को कंट्रोल करके रखता हैं। जिस कारण इसे कंप्यूटर का महत्वपूर्ण भाग और उस पूरे बॉक्स को सीपीयू के नाम से जाना जाता हैं। कंप्यूटर से सभी उपकरण मदरबोर्ड की सहायता से एक दूसरे से जुड़े होते हैं और इन उपकरणों को नियंत्रित सीपीयू के माध्यम से ही किया जाता हैं। 

निष्कर्ष – Conclusion 

CPU (Central Processing Unit) कंप्यूटर का एक महत्वपूर्ण भाग होता हैं। जो कंप्यूटर के समस्त कार्यों में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता हैं। सीपीयू कंप्यूटर की Input-Process-Output की प्रक्रिया को नियंत्रित करता हैं। सीपीयू अपना कार्य क्रमबद्ध रूप से पूरा करता हैं। सबसे पहले वह निर्देशों को प्राप्त करता हैं जिसे Fetch कहते हैं। उसके बाद वह उसे Decode करता हैं। जिसे Process कहते हैं उसके बाद वह उन प्रोसेस की गई सूचना को यूजर तक Execute करता हैं। 

तो दोस्तों आज आपने हमारे इस Article के माध्यम से जाना कि सीपीयू क्या हैं और यह कैसे काम करता हैं? इसके साथ ही सीपीयू के प्रकार आदि। (What is CPU in Hindi) हम आशा करते हैं कि इस आर्टिकल को पढ़ने के बाद आपको आपके सभी प्रश्नों के उत्तर प्राप्त हो गए हो। अगर फिर भी आपके पास कोई इस पोस्ट से संबंधित प्रश्न हो तो कमेंट बॉक्स का उपयोग अवश्य करें।

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pankaj
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