Secondary Memory (सेकंडरी मेमोरी)क्या हैं और इसके प्रकार

सेकंडरी मेमोरी Secondary Memory वह मेमोरी हैं। जिसका उपयोग कंप्यूटर में अलग से मेमोरी बढ़ाने के उद्देश्य से किया जाता हैं। इस प्रकार की मेमोरी की भंडारण क्षमता (Storage Capacity) सीमित होती हैं। इस मेमोरी में स्टोर किया गया डेटा स्थायी होता हैं।  

इस प्रकार की मेमोरी Non-volatile memory के अंतर्गत आने वाली मेमोरी होती हैं। जिसमें बिजली न होने पर भी या सिस्टम बन्द होने के बाद भी डाटा मौजूद रहता हैं। इसमें डेटा को कंप्यूटर में स्टोर न कर उसे अलग डिवाइस में सुरक्षित रखने का कार्य किया जाता हैं। इस प्रकार की मेमोरी का उपयोग अलग से किया जाता हैं। जिस कारण इसे सेकंडरी मेमोरी कहते हैं। 

secondary memory kya hai

इस मेमोरी की सहायता से सामान्यतः डेटा को एक स्थान से दूसरे स्थान में आसानी से लाया और ले जाया जा सकता हैं। आज हम इस पोस्ट के माध्यम से जानेंगे कि कंप्यूटर में प्रयोग होने वाली सेकंडरी मेमोरी क्या हैं? What is Secondary Memory in Hindi

सेकंडरी मेमोरी क्या हैं? |Secondary Memory in Hindi

सेकंडरी मेमोरी वह मेमोरी हैं जिसका उपयोग कंप्यूटर के अतिरिक्त डेटा को सुरक्षित रखने के लिए किया जाता हैं। इस प्रकार के डेटा को स्टोर करने के लिए हम Primary Memory के स्थान पर Secondary Memory का उपयोग करते हैं। जैसे- DVD, CD, Pen Drive, Hard Disk, Memory Chip आदि। 

मेमोरी के इस प्रकार में हम डेटा को आवश्यकता अनुसार सुरक्षित भी रख सकते हैं और अनावश्यक डेटा को डिलीट कर उसके स्पेस का उपयोग अन्य डेटा को सुरक्षित रखने के लिए भी कर सकते हैं। इसका उपयोग कंप्यूटर की मेमोरी को और अधिक बढ़ाने के लिए लाभकारी होता हैं। 

कंप्यूटर की यह मेमोरी जो कंप्यूटर को अतिरिक्त मेमोरी प्रदान करती हैं। यह Removable होती हैं। जिस कारण हम इसमें मौजूद डाटा को कही भी ले जा सकते हैं। इस प्रकार की मेमोरी में स्टोर डाटा को हम अन्य किसी कंप्यूटर या लैपटॉप में लगाकर इसका उपयोग कर सकते हैं या इसके डाटा को अन्य डिवाइस में सरलता से Upload कर सकते हैं। 

कंप्यूटर की यह मेमोरी अस्थायी और स्थायी दोनों रूपों में होती हैं अर्थात इस प्रकार की मेमोरी का हम स्थान परिवर्तित कर सकते हैं या इसमें मौजूद डाटा को नष्ट कर सकते हैं और इसमें हम लंबे समय तक डाटा को सुरक्षित भी रख सकते हैं। 

सेकेंडरी मेमोरी के प्रकार |Types of Secondary Memory in Hindi

सेकंडरी मेमोरी को कई भागों में विभाजित किया जाता हैं। इनके उपयोग से हम अपने Desktop या PC की भंडारण क्षमता में एक स्तर तक वृद्धि कर सकते हैं। कंप्यूटर की भंडारण क्षमता को बढ़ाने के लिए निम्न उपकरणों का उपयोग किया जाता हैं। जो इस प्रकार हैं- 

1. Hard Disk – हार्ड डिस्क सेकंडरी मेमोरी का सबसे अधिक स्टोरेज क्षमता रखने वाला डिवाइस हैं। इसकी सहायता से हम अधिक GB तक के डेटा को सुरक्षित रख सकते हैं। Hard Disk को एक सुरक्षित डिवाइस के रूप में भी देखा जाता हैं। 

इसका उपयोग या इसमें मौजूद डाटा का उपयोग हम किसी दूसरे कंप्यूटर में भी कर सकते हैं। सामान्यतः इसका उपयोग बड़ी-बड़ी फ़ाइल या पूरे कंप्यूटर डेटा को स्टोर करने के लिए या एक कंप्यूटर से दूसरे कंप्यूटर में ट्रांसफर करने के लिए किया जाता हैं। 

हार्ड डिस्क का उपयोग करने के लिए हमे इसको CPU के माध्यम से Motherboard में जोड़ना होता हैं। जिससे हम इसमें मौजूद डेटा का उपयोग के पाते हैं। एक हार्ड डिस्क की भंडारण क्षमता (Storage Capacity) 10000 से 20000 GB तक की होती हैं। 

2. CD (Compact Disc) – सीडी भी कंप्यूटर की सेकंडरी मेमोरी का एक उत्तम उदाहरण हैं। इसका उपयोग सामान्यतः सॉफ्टवेयर स्टोर करने या वीडियो को संरक्षित करने के लिए किया जाता हैं। इसका उपयोग कम मात्रा में फ़ाइल को स्टोर करने के लिए किया जाता हैं। इसकी भंडारण क्षमता 700MB तक होती हैं। 

CD को 2 भागों में विभाजित किया जाता हैं- CD-R और CD-RW CD-R वाली कॉम्पैक्ट डिस्क को सिर्फ रीड किया जा सकता हैं। जबकि CD-RW में डाटा को Read और Write किया जा सकता हैं। 

3. DVD (Digital Versatile Disc) – सीडी की अपेक्षा डीवीडी में अधिक डेटा को स्टोर करने की क्षमता होती हैं। इस प्रकार के डिवाइस का अधिकतम उपयोग Movies को बड़ी मात्रा में स्टोर करने के लिए किया जाा हैं। डीवीडी की Storage Capacity 4.7GB से 17.08 GB तक की होती हैं।

4. Pen Drive – पैन ड्राइव का उपयोग सामान्यतः डॉक्यूमेंट को स्टोर करने के लिए किया जाता हैं। इसके माध्यम से Software या Applications को स्टोर करके उन्हें बेच भी जाता हैं। यह USB Port के साथ आती है। इसकी सहायता से हम कंप्यूटर डाटा या अन्य प्रकार के किसी भी डाटा को एक स्थान से दूसरे स्थान तक पहुँचा सकते हैं। वर्तमान समय में इसकी Storage Capacity 1 GB से 128 GB तक की हैं। 

5. SD Card (Mobile Storage Chip) – इस प्रकार के डिवाइस का उपयोग फ़ोन में अधिक मात्रा में किया जाता हैं। आपने भी कभी न कभी इसका उपयोग जरूर किया होगा। इस प्रकार के डिवाइस की स्टोरेज क्षमता 1GB से 64GB तक होती हैं। जिस कारण इसका उपयोग वीडियो ऑडियो को स्टोर करने के साथ-साथ डॉक्यूमेंट और सॉफ्टवेयर स्टोर करने के लिए भी किया जाता हैं। 

6. Blu-ray Disc – ब्लू-रे डिस्क दिखने में सीडी और डीवीडी की ही तरह होती हैं। लेकिन इसकी भंडारण क्षमता उनके मुकाबले अधिक होती हैं। इस प्रकार की डिस्क में 25 GB से 50 GB तक के डेटा को स्टोर किया जा सकता हैं। 

7. SSD (Solid State Drive) – यह डाटा को सुरक्षित रूप प्रदान करने वाला एक नया उपकरण हैं। जो फ़ाइल को टीवी गति से ट्रांसफर करने का कार्य करता हैं। कंप्यूटर के प्रयोग के लिए अगर हम इसका उपयोग करें तो इस डिवाइस की भंडारण क्षमता 120GB से 30.72 TB तक होती हैं। 

सेकंडरी मेमोरी के लाभ और हानि |Advantage and Disadvantages of Secondary Memory

लाभ (Advantage) 

● इनके माध्यम से डेटा को आसानी से स्टोर किया जा सकता हैं और इस डेटा को अन्य किसी डिवाइस में उपयोग किया जा सकता हैं। 

● सेकंडरी मेमोरी का उपयोग करना आसान होता हैं इनका उपयोग अनेक क्षेत्रों में अनेक कार्यो की पूर्ति के लिए किया जाता हैं। 

● इस मेमोरी की कीमत प्राइमरी मेमोरी की तुलना में कम होती हैं। 

● इस प्रकार की मेमोरी का उपयोग कम डेटा को स्टोर करने के लिए भी किया जा सकता हैं। यह स्थायी मेमोरी होती हैं। 

● यह Portable डिवाइस होते हैं और इसका उपयोग बार-बार किया जा सकता हैं। 

हानि (Disadvantage) 

● इस प्रकार की ड्राइव में डेटा के नष्ट होने की आशंका अधिक होती हैं। 

● इस प्रकार की मेमोरी की Processing गति धीमी होती हैं। 

● इस डिवाइस को अधिक समय तक सुरक्षित रखना या संभाल कर रख पाना मुश्किल होता हैं। 

प्राइमरी मेमोरी और सेकंडरी मेमोरी में अंतर |Difference Between primary and Secondary Memory in Hindi

प्राइमरी मेमोरी (Primary Memory)सेकंडरी मेमोरी (Secondary Memory)
● प्राइमरी मेमोरी कंप्यूटर की अस्थायी मेमोरी होती हैं।  ● सेकंडरी मेमोरी कंप्यूटर की अस्थायी मेमोरी होती हैं। 
● प्राइमरी मेमोरी कंप्यूटर से जुड़ी होती हैं जैसे- CPU या Motherboard ● सेकंडरी मेमोरी कंप्यूटर से जुड़ी नही होती। यह USB Portable होती हैं। इसको CPU से कनेक्ट करके कंप्यूटर से जोड़ा जाता हैं। 
● प्राइमरी मेमोरी की Loading क्षमता और डेटा ट्रांसफर करने की गति अधिक होती हैं।  Secondary Memory की Loading क्षमता और डेटा को ट्रांसफर करने की गति धीमी होती हैं। 
● प्राइमरी मेमोरी Volatile Memory होती हैं।  ● सेकंडरी मेमोरी Non-volatile Memory होती हैं। 
● प्राइमरी मेमोरी महँगी होती हैं।  ● सेकंडरी मेमोरी प्राइमरी मेमोरी की तुलना में अधिक सस्ती होती हैं। 
● प्राइमरी मेमोरी में RAM, ROM और Cache Memory को सम्मिलित किया जाता हैं।  ● इस प्रकार की मेमोरी में CD, DVD, Hard Disk आदि को सम्मिलित किया जाता हैं। 

निष्कर्ष |Conclusion

सेकंडरी मेमोरी क्या हैं? यह कंप्यूटर की भंडारण क्षमता को बढ़ाने वाले डिवाइस है। इनकी सहायता से हम अतिरिक्त डेटा को इसमें सुरक्षित रखा जा सकता हैं। इस प्रकार की मेमोरी का उपयोग वीडियो-ऑडियो,सॉफ्टवेयर आदि को संरक्षित करने के लिए किया जाता हैं। 

तो दोस्तो आज आपने जाना कि सेकंडरी मेमोरी क्या हैं? (Secondary Memory in Hindi) अगर आपको हमारी यह पोस्ट पसंद आई हो तो इसे अपने अन्य साथियों के साथ भी अवश्य शेयर करें।

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pankaj
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