इंटरप्रेटर क्या हैं? |What is Interpreter in Hindi

इंटरप्रेटर (Interpreter) एक प्रकार का System Software हैं जिसका हिंदी अनुवाद हैं दुभाषिया। जिसका अर्थ हैं एक भाषा को दूसरी भाषा में डिकोड करना। जैसा कि हम जानते हैं कि कंप्यूटर एक Electronic Device हैं जिस कारण कंप्यूटर सिर्फ मशीनी भाषा के कोड से बने प्रोग्राम को ही रीड कर पाता हैं। 

किंतु मशीनी कोड में किसी प्रोग्राम को तैयार करना बड़ा ही मुश्किल काम होता हैं क्योंकि मशीनी लैंग्वेज में सिर्फ 0 और 1 संख्याओं का उपयोग किया जाता हैं। जिसे Binary Language भी कहा जाता हैं। इन कोड को कंप्यूटर आसानी से समझ लेता हैं क्योंकि यह उसी के अनुकूल होते हैं। जिस कारण इस प्रकार के कोड को ट्रांसलेट करने की आवश्यकता नहीं पड़ती। 

Interpreter kya hai hindi

लेकिन हम बात करें High Level Language की तो इनके कोड की संरचना सामान्य अंग्रेजी अक्षरों की तरह होती हैं। जिस कारण इनके कोड की सहायता से किसी प्रोग्राम को तैयार करना बेहद सरल होता हैं। किंतु यह 0 और 1 फॉरमेट में नहीं होते और इसी वजह से इनको ट्रांसलेट करने की आवश्यकता होती हैं और इसमें इंटरप्रेटर अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता हैं। तो चलिए आसान शब्दों में समझने का प्रयास करते हैं कि इंटरप्रेटर क्या है? What is Interpreter in Hindi

इंटरप्रेटर क्या हैं? |What is Interpreter in Hindi 

इंटरप्रेटर (Interpreter) एक प्रकार का Translator Software हैं जिसका मुख्य कार्य High Level Language को Machine Language (0,1) में ट्रांसलेट करना हैं। जिससे कंप्यूटर हाई लेवल लैंग्वेज में बने प्रोग्राम या इंस्ट्रक्शन को रीड कर सकें और उसके अनुरूप कार्य कर सकें।

वर्तमान समय में किसी भी प्रोग्राम या सॉफ्टवेयर को हाई लेवल लैंग्वेज की सहायता से ही प्रोग्राम किया जाता हैं क्योंकि यह पढ़ने, लिखने और समझने में सरल होती हैं। इसका उपयोग Software Development या Programmer द्वारा अधिक मात्रा में किया जाता हैं।

यह उच्च स्तरीय कोड को मशीनी कोड में ट्रांसलेट करने का एक माध्यम हैं जैसे- Compiler और Assembler इंटरप्रेटर उच्च स्तरीय भाषा को मध्यमवर्गी रूप में ट्रांसलेट करता हैं। इसके विपरीत एक कम्पाइलर उच्च स्तरीय कोड को सीधे मशीनी कोड में ट्रांसलेट कर देता हैं। 

इंटरप्रेटर प्रोग्राम की तुलना में कम्पाइलर प्रोग्राम तेज गति से कार्य करने में सक्षम होता हैं। सामान्य शब्दों में कहें तो Interpreter एक कंप्यूटर लैंग्वेज प्रोसेसर हैं जो line by line हाई लेवल लैंग्वेज को मशीनी लैंग्वेज में ट्रांसलेट कर देता हैं।

यह उच्च स्तरीय कोड को Sequence में इसीलिए ट्रांसलेट करता हैं क्योंकि यह एक साथ पूरे प्रोग्राम को मशीनी कोड में ट्रांसलेट करने में असमर्थ होता हैं। हम इंटरप्रेटर प्रोग्राम को गूगल ट्रांसलेटर की तरह देख सकते हैं जिसमें हम किसी भी भाषा को दूसरी भाषा में डिकोड कर सकते हैं। 

इंटरप्रेटर के प्रकार |Types of Interpreter 

इंटरप्रेटर को इनके कार्यों और कार्य करने के तरीकों के आधार पर 4 भागों में विभाजित किया जाता हैं। जो कि इस प्रकार हैं- 

1. Simultaneous Interpreter – इसका उपयोग मुख्य रूप से Live कार्यक्रमों में वॉइस कोड को दूसरे वॉइस कोड में ट्रांसलेट करने के लिए किया जाता हैं। जिससे दूसरा व्यक्ति अन्य देशों के व्यक्ति की भाषा को अपनी भाषा में सुन सकें। सामान्य शब्दों में हम इसे समझें तो TV News में किसी Live समारोह में जब हम किसी अन्य देश के व्यक्तियों को दूसरी भाषा मे संबोधन करते हुए देखते हैं तो वह हमें ट्रांसलेट करके हमारी लैंग्वेज में दिखाई जाती हैं। यह सब कार्य इसी इंटरप्रेटर की सहायता से किया जाता हैं। 

2. Consecutive Interpreter – इसका उपयोग कार्यक्रम या भाषण के दौरान होने वाली बातचीत को विराम के समय ट्रांसलेट करने के लिए किया जाता हैं। इस प्रकार के ट्रांसलेट का उपयोग सामान्यतः पास में बैठकर दूसरे की बातों को समझने और कहने के लिए किया जाता हैं। जैसे- अदालती मामले, इंटरव्यू आदि। इसका उपयोग अंतरराष्ट्रीय बैठकों के दौरान भी अधिक मात्रा में किया जाता हैं। 

3. Whisper Interpreter – इसमें एक व्यक्ति इंटरप्रेटर की सहायता से ध्वनि कोड को ट्रांसलेट कर दूसरे व्यक्ति को बताता हैं। जिससे वह व्यक्ति दूसरे व्यक्ति के ध्वनि कोड को समझ सकें और उसका उत्तर दे सकें। सामान्य शब्दों में कहें तो यह इंटरप्रेटर और उस व्यक्ति के मध्य मध्यस्थता का काम करता हैं। 

4. Phone Interpreter – इसका उपयोग सामान्यतः दो या दो से अधिक व्यक्तियों के मध्य फोन में की गई बातों को उसी समय ट्रांसलेट करने के लिए किया जाता हैं। इसका उपयोग अधिक और लंबे समय तक किया जा सकता है। इसका उपयोग सार्वजनिक सेवाओ, कार्यालयों और अस्पतालों में अधिक मात्रा में किया जाता हैं। 

इंटरप्रेटर कैसे काम करता हैं? |How Interpreter Works 

जैसा कि हम जानते हैं कि इंटरप्रेटर का मुख्य कार्य Source Code (High Level Language) को Object Code (Machine Language) में ट्रांसलेट करना हैं। इस प्रक्रिया को करने के लिए सबसे पहले हम प्रोग्राम को तैयार करते समय उसे इंटरप्रेटर की मेमोरी में अपलोड कर देते हैं। उसके बाद हम उस प्रोग्राम को उच्च स्तरीय भाषा मे लिखना प्रारम्भ करते हैं। 

पहली लाइन लिख लेने के बाद हम उसे चेक करते हैं कि किसी Line में कोई Error न हो। अगर किसी लाइन में किसी प्रकार की कोई त्रुटि होती हैं तो ऐसे में इंटरप्रेटर उस शब्द या लाइन को Highlight कर देता हैं। जिससे हम प्रोग्रामिंग की त्रुटियों को आसानी से ठीक कर देते हैं। ऐसे में अगर इंटरप्रेटर को प्रोग्रामिंग में कोई त्रुटि नही दिखती तो इंटरप्रेटर उस लाइन को बाइनरी कोड (Machine Language) में ट्रांसलेट कर देता हैं। जो कि 0 और 1 फॉरमेट में होता हैं। 

इस प्रकार इंटरप्रेटर सभी प्रकार की हाई लेवल लैंग्वेज को मशीनी भाषा या बाइनरी कोड में ट्रांसलेट कर देता हैं। जिससे कंप्यूटर उच्च स्तरीय प्रोग्राम में लिखी किसी प्रोग्रामिंग को रीड कर सकें और उनके इंस्ट्रक्शन के अनुरूप आउटपुट दे सकें। 

इंटरप्रेटर के लाभ और हानि |Advantages and Disadvantages of Interpreter 

इंटरप्रेटर के लाभ और हानि इसके कार्य करने की प्रक्रिया और विशेषताओं पर निर्भर करते हैं। जिनको हम निम्न तालिका के माध्यम से देख और आसानी से समझ सकते हैं- 

लाभ (Advantages) 

● इंटरप्रेटर का उपयोग करना बेहद सरल और आसान हैं। 

● इंटरप्रेटर के माध्यम से कोडिंग में आई त्रुटियों को सरलता से खोजा जा सकता हैं। 

● इंटरप्रेटर Source Code को line by line ट्रांसलेट कर उसे Object Code में परिवर्तित करता हैं।

● इंटरप्रेटर का उपयोग कम कंप्यूटर मेमोरी में भी आसानी से किया जा सकता हैं। 

● इसके उपयोग से हम किसी प्रोग्राम को और अच्छी तरह से इन्टरक्शन देकर तैयार कर सकते हैं। 

हानि (Disadvantage) 

● यह Source Code को line by line ट्रांसलेट करता हैं। जिससे इसकी प्रकिया में अधिक समय लग जाता हैं। 

● जिस कारण किसी बड़े प्रोग्राम को ट्रांसलेट करने के लिए इसका उपयोग करना मुश्किल हो जाता हैं। 

● इंटरप्रेटर की इस हानि को ध्यान में रखते हुए ही प्रोग्रामर की पहली पसंद इन्टरप्रेट की जगह कम्पाइलर बनती जा रही हैं। 

संक्षेप में – Conclusion 

इंटरप्रेटर एक ट्रांसलेटर प्रोग्राम हैं जिसका उपयोग हम मुख्य रूप से हाई लेवल लैंग्वेज को मशीनी लैंग्वेज (0,1) में ट्रांसलेट करने के लिए करते हैं। जिससे कंप्यूटर हाई लेवल लैंग्वेज से बनें प्रोग्राम या इंस्ट्रक्शन को आसानी से समझ सकें और उसके अनुरूप आउटपुट प्रदान कर सकें। 

इंटरप्रेटर की मुख्य विशेषता इसका line by line सोर्स कोड को ट्रांसलेट करना और Error को दिखाना हैं। जिससे त्रुटियों को ठीक किया जा सकें। दोस्तों आज आपने हमारे इस आर्टिकल या पोस्ट के माध्यम से जाना कि इंटरप्रेटर क्या हैं इसके प्रकार और यह कैसे काम करता हैं? (What is Interpreter in Hindi

हम आशा करते हैं कि आपको हमारी यह पोस्ट पसंद आई हो और आपको आपके सभी प्रश्नों के उत्तर प्राप्त हो गए हो। अगर आपको हमारा यह लेख हमारी अन्य पोस्ट की तरह पसंद आयी हो तो अपने विचारों और प्रश्नों को कमेंट करके हम तक अवश्य पहुचाये। 

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pankaj
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