हाई लेवल लैंग्वेज High Level Language (HLL) वह भाषा या कोड हैं जिसका उपयोग Web Designer और Software Developer द्वारा किसी Application को प्रोग्राम करने के लिए किया जाता हैं।
आपके मोबाइल की कोई Application कैसे और किस स्तर तक काम करती हैं यह Programmer इसी कोड की सहायता से प्रोग्राम करते हैं। इस प्रकार की लैंग्वेज को आसानी से याद या प्रोग्राम किया जा सकता हैं।

यह किसी प्रोग्राम को लिखने की एक आसान कोड प्रणाली हैं जो अपनी विशेषताओं के कारण जानी जाती हैं। आज हम इस पोस्ट के माध्यम से सरल शब्दों में जानेंगे कि हाई लेवल लैंग्वेज क्या हैं और इसके प्रकार। High Level Language in Hindi
हाई लेवल लैंग्वेज क्या हैं? |High Level Language in Hindi
हाई लेवल लैंग्वेज Programming Language का ही एक भाग हैं जिसका उपयोग किसी Software Programme को Design देने के लिए किया जाता हैं। यह कोड दिखने में सामान्य अंग्रेजी जैसे ही होते हैं। जिस कारण इन कोड की सहायता से एप्लीकेशन तैयार करना सरल हो जाता हैं।
हाई लेवल लैंग्वेज को कंप्यूटर समझ नहीं पाता क्योंकि कंप्यूटर सिर्फ Machine Language या निम्न स्तरीय भाषा को समझने योग्य होता हैं जिन्हें बाइनरी भाषा या कोड भी कहा जाता हैं क्योंकि यह मशीनी कोड 0 और 1 कि फॉर्म में होते हैं जिन्हें बिना ट्रांसलेट के कंप्यूटर आसानी से समझ जाता हैं।
हाई लेवल लैंग्वेज के कोड कंप्यूटर समझ नही पाता जिस कारण इन कोड को मशीनी कोड (0,1) में Compiler, Interpreter या Assembler की सहायता से Translate किया जाता हैं। जिससे कंप्यूटर इनकी Programming को आसानी से समझ लेता हैं।
हाई लेवल लैंग्वेज की प्रोग्रामिंग में त्रुटियों को ढूढ़ना और उसमें संशोधन करने काफी सरल होता हैं। जिस कारण यह Software Developers की पसंदीदा भाषा बन गयी हैं। हाई लेवल लैंग्वेज कई प्रकार की होती हैं। जैसे- C,C++,Java, Python,C# आदि।
हाई लेवल लैंग्वेज के प्रकार |Types of High Level Language in Hindi
उच्च स्तरीय भाषा को अनेक भागों में विभाजित किया जाता हैं। वर्तमान समय में 250 से अधिक ऐसी ही मान्यता प्राप्त भाषा या कोड हैं। जिसका उपयोग किसी सॉफ्टवेयर को डिज़ाइन करने के लिए किया जाता हैं। आज हम मुख्य प्रकार की हाई लेवल लैंग्वेज के प्रकारों के बारे में जानेंगे। जो इस प्रकार हैं –
1. Python : इस भाषा का विकास 1980 के दशक में Python Software Foundation द्वारा किया गया था। इस प्रकार के कोड की सहायता से किसी प्रोग्राम को तैयार करना अत्यंत सरल होता हैं। इस प्रकार की Coding को किसी अन्य प्लेटफॉर्म मे भी चलाया जा सकता हैं। जैसे- Mac या Linux आदि। इस प्रकार की कोडिंग को आसानी से मशीनी भाषा मे परिवर्तित किया जा सकता हैं। यह आधुनिक समय की एक लोकप्रिय भाषा हैं जिसका उपयोग आधुनिक सॉफ्टवेयर के निर्माण हेतु अधिक मात्रा में किया जाता हैं।
2. Java : इस उच्च स्तरीय भाषा का विकास 1995 में Sun-micro System द्वारा किया गया था। इस प्रकार के कोड का उपयोग आज के समय मे भी अधिक मात्रा में सॉफ्टवेयर प्रोग्राम के निर्माण के लिए किया जाता है। हम जावा कोड को किसी भी प्लेटफॉर्म में अपनी आवश्यकता अनुसार अप्लाई कर सकते हैं। इस प्रोग्रामिंग भाषा का उपयोग Banking Software, Information Software, Android Software जैसे निर्माण के लिए किया जाते रहा हैं।
3. C : यह प्रोग्रामिंग भाषा मे सबसे लोकप्रिय और अधिक उपयोग की जाने वाली भाषा हैं। इसका उपयोग ऑपरेटिंग सिस्टम (OS) बनाने वाली प्रोग्रामिंग भाषा के विकास के लिए किया जाता हैं। C Programming भाषा का विकास 1972 मे Dennis Ritchle द्वारा किया गया था।
इस प्रकार की भाषा को सरलता से सीखा जा सकता हैं क्योंकि इसके कोड की संरचना सामान्य होती हैं। इन कॉड्स में निम्न स्तरीय भाषा और उच्च स्तरीय भाषा दोनों की विशेषताएं पाई जाती हैं।
4. C++ : (C++) कोड का उपयोग Software बनाने के लिए अधिक मात्रा में किया जाता हैं। इस भाषा का विकास 1980 में Bjarne Stroustrup द्वारा किया गया था। यह कई हद तक C प्रोग्रामिंग भाषा के जैसी ही हैं लेकिन इसमें उससे थोड़ी अधिक मात्रा में काम किया जा सकता हैं। जैसे – Object-oriented Programming, Type Checking आदि। जिस कारण इसे C++ नाम दिया गया हैं।
5. C# : यह एक आधुनिक प्रोग्रामिंग भाषा हैं जिसका विकास 1999 में Anders Hejlsberg और उनके साथियों ने किया था जो कि एक Software Engineer थे। C# एक Object-oriented Programming Language हैं। जिसका उपयोग किसी सॉफ्टवेयर के विकास के लिए किया जाता हैं।
6. JavaScript : जावास्क्रिप्ट एक स्क्रिप्टिंग भाषा हैं जिस कारण इसे JavaScript Language कहा जाता हैं। इस भाषा का विकास 1990 के दशक में Netscape Navigator वेब ब्राउज़र के लिए विकसित किया गया था। इसका उपयोग डायनामिक वेबसाइट,मोबाइल एप्पलीकेशन, एनिमेटिड ग्राफ़िक्स और गेम्स बनाने के लिए किया जाता हैं। इसका उपयोग किसी वेबसाइट की गति बढ़ाने या उसकी लोडिंग स्पीड को कम करने के लिए भी किया जाता हैं। इसका उपयोग वेब पेज को डिजाइन करने के लिए HTML और CSS के साथ किया जाता हैं।
7. PHP : PHP (Hypertext Preprocessor) प्रोग्रामिंग भाषा का विकास 1994 में Rasmus Laird द्वारा किया गया था। PHP Coding को अप्लाई करने के लिए File Extension .php का उपयोग किया जाता हैं। किसी डायनामिक वेबसाइट को बनाने में इसका उपयोग अधिक मात्रा में किया जाता हैं।
8. Ruby : रूबी का उपयोग Web Software को बनाने के लिए अधिक मात्रा में किया जाता हैं। रूबी एक Open Source और Object-oriented Programming Language हैं। इस भाषा का प्रयोग Window,Mac या UNIX जैसे सभी उपकरणों में आसानी से किया जा सकता हैं।
9. Visual Basic : यह एक सामान्य विशेषताओं से पूर्ण High Level Language हैं। जिसका उपयोग अनेकों विशेषताओं से पूर्ण GUI (Graphic User Interface) Applications को तैयार करने के लिए किया जाता हैं। इसके अंदर Visual और Basic दोनों प्रकार के गुण होते हैं। इस भाषा का विकास Microsoft Company द्वारा किया गया था।
10. COBOL : यह भी एक High Level Language हैं। इसके कोड की संरचना अंग्रेजी अक्षरों जैसी होती हैं। जिस कारण इसे User Friendly Language भी कहा जाता हैं। जिसका विकास 1959 में CODASYL द्वारा किया गया। यह एक Common Business Oriented लैंग्वेज हैं। इस प्रकार के प्रोग्राम को लागू करने के लिए JCL की आवश्यकता पड़ती हैं।
हाई लेवल लैंग्वेज की विशेषता |Features of High Level Language in Hindi
● यह एक आसान प्रोग्रामिंग लैंग्वेज हैं क्योंकि इनके कोड अंग्रेजी अक्षरों के समान होते हैं।
● उच्च स्तरीय भाषा को मशीनी भाषा मे ट्रांसलेट करने की आवश्यकता होती हैं क्योंकि इनके बनाए प्रोग्राम कंप्यूटर नहीं समझ पाता।
● इस प्रकार की प्रोग्रामिंग में त्रुटियों को आसानी से ढूंढा उनको और सुधारा जा सकता हैं।
● इसका उपयोग Software Designer द्वारा सॉफ्टवेयर को तैयार करने के लिए किया जाता हैं।
● Coding, Software Design, Artificial Intelligence जैसे अनेकों क्षेत्रों में इसका उपयोग अधिक मात्रा में किया जाता हैं।
हाई लेवेल लैंग्वेज के लाभ और हानि |Advantages and Disadvantages of High Level Language in Hindi
लाभ (Advantages)
● इसकी सहायता से कम समय मे किसी सॉफ्टवेयर को बनाया जा सकता हैं।
● इस प्रोग्रामिंग में हुई गलतियों को आसानी से सुधारा जा सकता हैं।
● इसके प्रोग्राम को आसानी से याद रखा जा सकता हैं या समझा जा सकता हैं।
● इसके आधार पर आधुनिक तकनीकी आवश्यकताओं की पूर्ति की जाती हैं।
हानि (Disadvantages)
● इस प्रोग्रामिंग को मशीनी भाषा (0,1) में ट्रांसलेट करना पड़ता हैं क्योंकि उच्च स्तरीय भाषा को कंप्यूटर रीड नहीं कर पाता।
● क्योंकि इस भाषा को ट्रांसलेट करने की आवश्यकता पड़ती हैं जिस कारण यह धीमी गति से कार्य करती हैं।
● इस प्रकार की कोडिंग के लिए किसी प्रशिक्षित व्यक्ति की आवश्यकता पड़ती हैं सामान्य व्यक्ति इसका उपयोग नहीं कर सकता।
निम्न स्तरीय भाषा और उच्च स्तरीय भाषा मे अंतर |Difference Between Low Level Language And High Level Language in Hindi
High Level Language | Low Level Language |
---|---|
● यह User Friendly Language हैं। | ● यह Machine Friendly Language हैं। |
● इसकी भाषा को आसानी से लिखा,पड़ा या समझा जा सकता हैं क्योंकि इनके कोड अंग्रेजी अक्षरों के समान होते हैं। | ● Low Level Language को याद रखना बहुत मुश्किल कार्य हैं क्योंकि यह 0.1 की फॉर्म में होती हैं। |
● इनके कोड को Assembler और Compiler द्वारा ट्रांसलेट करने की आवश्यकता होती हैं। | ● इसके कोड को ट्रांसलेट करने की आवश्यकता नहीं होती क्योंकि यह पहले से ही मशीनी कोड में बनाए जाते हैं। |
● इसके प्रोग्राम में गलतियों का आसानी से पता लगाया जा सकता हैं और उसे ठीक किया जा सकता हैं। | ● इसके प्रोग्राम में गलतियों को ढूढ़ कर ठीक करना कठिन और जटिल कार्य होता हैं। |
● इसकी सहायता से किसी Software को कम समय रहते तैयार किया जा सकता हैं। | ● इसके कोड के उपयोग कर सॉफ्टवेयर बनाने में आवश्यकता से अधिक समय लग जाता हैं। |
निष्कर्ष |Conclusion
हाई लेवल लैंग्वेज एक अंग्रेजी अक्षरों जैसी दिखने वाली प्रोग्रामिंग लैंग्वेज हैं। जिसका उपयोग अनेक प्रकार से किया जाता हैं। जैसे- Software Development, Android and Window Applications, Artificial Intelligence आदि। उच्च स्तरीय भाषा के अंदर अनेकों प्रोग्रामिंग लैंग्वेज का उपयोग होता हैं- C, Python, C++, JavaScript, C#, COBOL आदि।
तो मित्रों आज आपने हमारी इस पोस्ट के माध्यम से जाना कि हाई लेवल लैंग्वेज क्या हैं? (High Level Language in Hindi) अगर आपको हमारी यह पोस्ट पसंद आई हो तो इसे अन्य साथियों के साथ भी अवश्य शेयर करें और अपने विचारों को कमेंट के माध्यम से शेयर करें।