सॉफ्टवेयर क्या है और इसका कार्य |What is Software in Hindi

सॉफ्टवेयर Software प्रोग्रामिंग कोड का एक समूह हैं। जिसका उपयोग डिजिटल उद्देश्यों की पूर्ति के लिए किया जाता हैं। इनका उपयोग मुख्यतः हम Computer, Laptop, Smart Phones, Tablet आदि के लिए करते हैं। आप अपने फ़ोन में जिस संदेश को Message App के माध्यम से भेजते हैं या इंटरनेट के उपयोग के लिए जिस Web Browser का उपयोग करते हैं। वह भी एक प्रकार का सॉफ्टवेयर होता हैं। जैसे- Chrome, Firefox आदि। 

बात करें कंप्यूटर की तो कंप्यूटर केवल एक मशीन है।  जो स्वयं से कुछ नही जानता। इसके द्वारा जो भी कार्य किए जाते हैं। उन्हें करने के लिए उसे निर्देश देने की आवश्यकता होती है और इन्ही Instructions के समूह को सॉफ्टवेयर कहा जाता है। जैसे- कंप्यूटर का Operating System

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एक कंप्यूटर सिस्टम हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर का बना होता है। जिसमें हार्डवेयर दर्शाता है, कंप्यूटर के फिजिकल कंपोनेंट्स को अर्थात वो भाग जो बहुत कठोर होते हैं। जिन्हें हम Hardware कहते हैं और वही दूसरी ओर सॉफ्टवेयर दर्शाता है, उन Programs के समूहों को जो हार्डवेयर को चलाते हैं और उसे निर्देशित करते हैं। तो हम कह सकते हैं कि पूरा कंप्यूटर सिस्टम फिजिकल पार्ट्स (Hardware) और Logical Instructions (Software) का कॉम्बिनेशन है।

सामान्यतः इंटरनेट के लाभ को प्राप्त करने के लिए जिन भी उपकरणों का उपयोग करते हैं। उन सभी के संचालन में सॉफ्टवेयर अपनी एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता हैं। तो चलिए आज इस पोस्ट के माध्यम से विस्तृत रूप से जानते हैं कि सॉफ्टवेयर क्या हैं और इसके प्रकार। What is Software in Hindi

सॉफ्टवेयर क्या है? |What is software in Hindi

सॉफ्टवेयर शब्द उन प्रोग्राम्स के लिए प्रयोग किया जाता है। जो हमारे कंप्यूटर सिस्टम पर चलते हैं। जैसे- MS Word, MS Power point आदि। सॉफ्टवेयर शब्द का प्रयोग सर्वप्रथम John W. Tukey द्वारा किया गया था। 

सॉफ्टवेयर कंप्यूटर प्रोग्राम का Collection होता है। जिसके द्वारा कंप्यूटर को बताया जाता है कि उसे क्या  करना है और कैसे करना है। सामान्यतः हम कह सकते है कि सॉफ्टवेयर ऐसे निर्देश या प्रोग्राम होते हैं। जो हार्डवेयर को कार्य करने के निर्देश देते हैं।

एक कंप्यूटर सिस्टम द्वारा जब किसी भी कार्य को किया जाता है। तो उस समय हार्डवेयर उपकरणों को नियंत्रित करने के लिए सॉफ्टवेयर ही उत्तरदायी होता है। इसके अभाव में किसी Input Device और Output Device को व्यक्ति द्वारा नियंत्रित व निर्देशित नहीं किया जा सकता। 

सॉफ्टवेयर ही कंप्यूटर सिस्टम के सभी Operation को नियंत्रित करता है और उसके संचालन में अहम भूमिका निभाता है। ये ऐसे प्रोग्राम होते हैं जिन्हें हम देख सकते है और जिनका हम प्रयोग कर सकते है। परंतु हम इन्हें स्पर्श नही कर सकते हैं।

सॉफ्टवेयर का कार्य |Functions of Software

जैसे कि हमने जाना कि कंप्यूटर के प्रत्येक कार्य को पूरा करने के लिए सॉफ्टवेयर ही उसे निर्देशित करता है तो आप स्वयं अंदाज़ा लगा सकते है कि इसका कितना महत्वपूर्ण स्थान है।

कंप्यूटर सॉफ्टवेयर का सबसे महत्वपूर्ण कार्य है, कंप्यूटर के हार्डवेयर उपकरणों को नियंत्रित करना। सॉफ्टवेयर अलग-अलग प्रकार के होते हैं और इनके आधार पर इनके कार्य भी अलग-अलग होते हैं। जिस सॉफ्टवेयर को जिस उद्देश्य से बनाया जाता है। वह उस कार्य को करने में सहायक होता है।

सॉफ्टवेयर के कार्यों को निन्न बिंदुओं के आधार पर भी समझा जा सकता हैं- 

● यह कंप्यूटर को Logical निर्णय लेने में, Mathematical कैलकुलेशन करने में और अन्य किसी भी कार्य को पूरा करने के लिए निर्देश प्रदान करता है।

● हमे कंप्यूटर से जो भी जानकारी प्राप्त करनी होती है। सॉफ्टवेयर की मदद से वो हमें मिलती है।

● यह, कंप्यूटर और User के बीच में एक Interface का काम करता है। जिसकी सहायता से हम कंप्यूटर में अपनी आवश्यकता अनुसार कार्य कर सकते हैं।

● यह High level language को Machine Language में परिवर्तित करने का काम करता है।

● इनके अलावा सॉफ्टवेयर अनेक कार्य करते हैं। जिन्हें हम इससे आगे सॉफ्टवेयर के प्रकारों में और अच्छी तरह से समझ सकते हैं।

सॉफ्टवेयर के प्रकार |Types of software in Hindi

सॉफ्टवेयर को उनके कार्य करने की क्षमताओं और उनकी विशेषताओं के कारण भिन्न-भिन्न भागों में विभाजित किया जाता है। जो मुख्यतः इस प्रकार हैं-   

1. System Software – सिस्टम सॉफ्टवेयर उन प्रोग्राम्स का एक समूह होता है। जो कंप्यूटर सिस्टम के Hardware उपकरणों को नियंत्रित करने, मैनेज करने आदि के लिए उत्तरदायी होते हैं। ये वे प्रोग्राम होते हैं जो कंप्यूटर के इंटरनल कार्यो को कंट्रोल करते हैं और हार्डवेयर को चलाने में सहायक होते हैं।

इस प्रकार हम कह सकते हैं कि एक ऐसा सॉफ्टवेयर जो कंप्यूटर के आंतरिक कार्यों को नियंत्रित करता है। जैसे- डेटा को रीड करना, Processed इंफॉर्मेशन को ट्रांसमिट करना, डेटा या निर्देशो को Convert करना आदि। उसे सिस्टम सॉफ्टवेयर कहा जाता है। ये यूजर और कंप्यूटर उपकरणों के मध्य इंटरफेस का काम करता है।

सिस्टम सॉफ्टवेयर को उनके कार्यों के आधार पर 3 भागों में विभाजित किया जाता है। जो इस प्रकार हैं- 

● Operating System – यह एक प्रोग्राम है जो यूजर और हार्डवेयर के मध्य Interface की भांति कार्य करता है। ये वह प्रोग्राम है जो कंप्यूटर के विभिन्न भागों की गतिविधियों को नियंत्रित और सुपरवाइज़ करता है।

Operating सिस्टम का प्रमुख कार्य यूजर और हार्डवेयर के बीच एक कड़ी (Link) बनाना होता है। ये पूरे कंप्यूटर सिस्टम की सिस्टेमैटिक कार्य करने में सहायक होता है। जैसे- Windows XP/2000/98, MS-DOS, Unix, Linux आदि इसके कुछ उदाहरण हैं।

● Device Drivers – डिवाइस ड्राइवर एक प्रोग्राम है। जिसे विशेषकर किसी डिवाइस को Functional बनाने के उद्देश्य से तैयार किया जाता है। 

यह एक सिस्टम सॉफ्टवेयर है। जो विशेषतः एक डिवाइस और यूजर के मध्य Interface की तरह कार्य करता है। प्रत्येक डिवाइस फिर चाहे वो प्रिंटर हो, मॉनिटर हो या कोई अन्य सभी में एक ड्राइवर प्रोग्राम जुड़ा होता है। जिनकी सहायता से यह अपने कार्यों को अधिक क्षमता के साथ पूर्ण कर पाते हैं। 

● Language Processor- एक लैंग्वेज प्रोसेसर प्रोग्रामिंग लैंग्वेज को मशीन लैंग्वेज में बदलने का काम करता है। जिनका उपयोग Programming Language को Machine Language में Translate करने के लिए किया जाता हैं। इस प्रकार के सॉफ्टवेयर के मुख्य उदाहरण हैं- Assembler, Compiler और Interpreter

2. Utility Software – यह कंप्यूटर की Maintenance से संबंधित कार्यो को करता है। यूटिलिटी सॉफ्टवेयर कंप्यूटर प्रोग्राम को सपोर्ट देने,कार्य क्षमता में वृद्धि करने और उन्हें सुरक्षित रखने में सहायक होते हैं। इन Utilities को ऑपरेटिंग सिस्टम के Installation के साथ-साथ ही कंप्यूटर में Upload कर लिया जाता है। इन्हें भी कुछ श्रेणियों में बाँटा जाता है जैसे-

● Disk Compression

● Disk Framenters

● Backup Utilities

● Disk Cleaner

Anti-virus आदि। 

3. Application Software – एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर निर्देशो का वह समूह है। जिसे एक विशिष्ट कार्य करने के लिए डिज़ाइन किया जाता है। इसे end-user प्रोग्राम भी कहा जाता है। इनकी सहायता से यूजर कंप्यूटर पर अनेक काम कर सकते हैं। इस प्रकार के सॉफ्टवेयर को मुख्यतः 2 भागों में विभाजित किया जाता हैं- 

● General Purpose Software – इस प्रकार के सॉफ्टवेयर को सामान्य कार्य करने के उद्देश्य से डिज़ाइन किया जाता है। इन्हें अलग अलग श्रेणियों में विभक्त किया जाता हैं। जैसे- Word Processing, Presentation, Database Management आदि। 

● Specific Purpose Software – इस प्रकार के सॉफ्टवेयर को विशिष्ट कार्यो को क्रियान्वित करने के उद्देश्य से तैयार किया जाता है। ये सामान्यतः एक  विशिष्ट उद्देश्य की पूर्ति हेतु तैयार डिज़ाइन किये जाते हैं।

उदाहरण के लिए जैसे- होटल मैनेजमेंट सिस्टम, रिजर्वेशन सिस्टम, रिपोर्ट कार्ड जनरेटर, Accounting सॉफ्टवेयर, Attendance सिस्टम, Billing सिस्टम आदि। 

Software कैसे बनाये? 

सॉफ्टवेयर का निर्माण करना इतना आसान काम नही है। लेकिन अगर आप इसमें रूचि रखते हैं। तो यह आपके लिए एक अच्छा कैरियर प्लान साबित हो सकता है। इसके लिए आपके पास एक बेहतरीन योजना होनी चाहिये। जिसके अनुसार आप काम कर सकते हैं।

सॉफ्टवेयर अलग अलग प्रकार के होते हैं। इसलिए सर्वप्रथम यह जरूरी है कि आप अपनी रूचि के अनुसार जिस सॉफ्टवेयर का निर्माण करना चाहते हैं उसका चुनाव कर ले। जैसे- Gaming Software, Web Software, Application Software, Banking सॉफ्टवेयर आदि। 

इसके बाद आपको आवश्यकता होगी। प्रोग्रामिंग लैंग्वेज सीखने की। उदाहरण के लिए आप C, C++, C#, Python, Java आदि किसी भी प्रोग्रामिंग लैंग्वेज को सीख सकते हैं।

इसके बाद आप अच्छे sources को ढूंढे। जो आपको सीखने में सहायता प्रदान करे। इसके लिए आप प्रोग्रामिंग किताबों का सहारा ले सकते हैं। किताबो के अलावा इंटरनेट आपकी इसमें भरपूर सहायता कर सकता है। इसमें आप Youtube और Google में मौजूद अनेकों Video Tutorial या Text Tutorial को देख सकते हैं। 

आप Coaching Classes Join कर सकते हैं। ताकि आपको नई चुनौतियों या समस्याओं के समाधान करने में मदद मिल सकें। आप सॉफ्टवेयर बनाना सीखने के लिए निम्न Sequence के आधार पर Learning या Training कर सकते हैं- 

1. अपनी Skills में सुधार करने के लिए अपने प्रोजेक्ट पर काम करे।

2. यदि उस प्रोजेक्ट को करने में कही पर दिक्कत आए। तो दूसरे Developers से जुड़े और उनकी सहायता ले।

3. फिर हर दिन प्रैक्टिस करे ताकि आपकी Skills में और बेहतर हो और इससे आपको नई-नई टेक्नोलॉजी से अवगत होने का भी मौका मिलेगा।

कंप्यूटर में सॉफ्टवेयर की उपयोगिता

सॉफ्टवेयर, कंप्यूटर में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन करता है। कंप्यूटर एक भली भांति डिज़ाइन की गई मशीन है। लेकिन बिना किसी निर्देश के यह मशीन कोई काम नही कर सकती। 

इस मशीन को प्रत्येक कार्य के लिए सॉफ्टवेयर द्वारा निर्देशित किया जाता है। आसान भाषा में कहे तो सॉफ्टवेयर कंप्यूटर हार्डवेयर की आत्मा है। जो हार्डवेयर को Operate करती है और उसे विभिन्न कार्यो को करने योग्य बनाती है।

जिस प्रकार मनुष्य के शरीर की गतिविधियों को उसका दिमाग नियंत्रित करता है ठीक उसी प्रकार हार्डवेयर को या फिर यूँ कहे कि पूरे कंप्यूटर को चलाने का काम सॉफ्टवेयर करता है।

निष्कर्ष |Conclusion

सॉफ्टवेयर कंप्यूटर के बहुत महत्वपूर्ण भाग है। बिना सॉफ्टवेयर के कंप्यूटर का प्रयोग भी नही किया जा सकता। लेकिन एक कंप्यूटर सिस्टम के बेहतर तरीके से कार्य करने के लिए सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर दोनो ही बहुत महत्वपूर्ण हैं। 

आज आपने हमारे इस Article के माध्यम से जाना कि सॉफ्टवेयर क्या हैं? इसके प्रकार और कार्य (What is Software in Hindi) हम आशा करते हैं कि हमारी यह पोस्ट आपके लिए लाभदायक रही होगी। इस पोस्ट से संबंधित आपके कोई प्रश्न हो तो आप कमेंट बॉक्स के माध्यम से हमसे शेयर कर सकते हैं।

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pankaj
Hello दोस्तों मेरा नाम Pankaj Pal हैं और मैं webtechnoo का लेखक और Co-Founder हुँ। मैंने MSc Computer Science से की हैं और मुझे Technology, Computers से जुड़े तथ्यों को सीखना और आप लोगों को सीखाना अच्छा लगता हैं। अगर आप भी नई-नई Technology के बारे में जानने में रुचि रखते हैं। तो हमारे Blog या Social Media के माध्यम से हमसे जरूर जुड़े रहें। (Jai Hind)

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