प्रोग्रामिंग लैंग्वेज क्या हैं? |Programming Language in Hindi

प्रोग्रामिंग लैंग्वेज Programming Language उन कोड का समूह होती हैं जिनकी सहायता से हम किसी प्रोग्राम (Application) को तैयार करते हैं। हम उस प्रोग्राम को तैयार करते समय उसकी भाषा को इस तरह तैयार करते हैं जिससे सिस्टम उन कोड्स को अच्छे से समझ सकें। 

प्रोग्रामिंग भाषा उन भाषाओं का मिश्रण होता हैं जिन भाषाओं के आधार पर कंप्यूटर संचालन में सहायक प्रोग्राम का निर्माण किया जाता हैं। जिस कारण कंप्यूटर इन प्रोग्राम को आसानी से रीड या समझ पाता हैं। 

programming language kya hai hindi

तो चलिए आज इस पोस्ट के माध्यम से यह जानने का प्रयास करते हैं कि प्रोग्रामिंग लैंग्वेज क्या हैं और इसके प्रकार। What is Programming Language in Hindi

प्रोग्रामिंग लैंग्वेज क्या हैं? |What is Programming Language in Hindi

प्रोग्रामिंग भाषा वह भाषा हैं जिसका उपयोग Software Developer अपने सॉफ्टवेयर के निर्माण के लिए करते हैं। किसी सॉफ्टवेयर को बनाते समय उनको किसी दो लैंग्वेज में तैयार किया जाता हैं- High level Language या Low level language लेकिन यहाँ यह जानना आवश्यक हैं कि कंप्यूटर सिर्फ निम्न स्तरीय भाषाओं को ही समझ पाता हैं जिन्हें हम Machine Language भी कहते हैं। 

किसी प्रोग्राम को तैयार करते समय उच्च स्तरीय भाषा की सहायता ली जाती हैं। जैसे-C, C++, Java, Python आदि। उसके बाद इन भाषाओं के कोड्स को कम्पाइलर और इंटरप्रेटर के माध्यम से मशीनी भाषा जो कि 0 और 1 कि फॉर्म में होती हैं। उसमें Translate कर दिया जाता हैं। जिससे कंप्यूटर उस प्रोग्रामिंग भाषा को आसानी से समझ लेता हैं क्योंकि कंप्यूटर उच्च स्तरीय भाषा में लिखें प्रोग्राम को रीड नहीं कर पाता। 

कंप्यूटर की प्रोग्रामिंग बाइनरी कोड्स से तैयार की गई होती हैं। जिस कारण कंप्यूटर को किसी Software या Application को समझने के लिए यह जरूरी होता हैं कि उन सॉफ्टवेयर के कोड्स 0 और 1 कि फॉर्म में हो। प्रोग्रामिंग लैंग्वेज का उपयोग मुख्यतः Desktop Applications, Mobile Applications, Web Designing, Theme आदि के लिए किया जाता हैं। 

सामान्य शब्दों में कहें तो किसी प्रोग्राम (Software, Theme, Application) को तैयार करने में जिन भाषा या कोड्स का उपयोग किया जाता हैं उसे ही Programming Language कहते हैं। सामान्यतः उच्च स्तरीय भाषाओं (C, C++, Java, Python) को ही प्रोग्रामिंग भाषा कहा जाता हैं क्योंकि निम्न स्तरीय भाषा (0,1) में किसी प्रोग्राम को तैयार करना जटिल कार्य होता हैं। 

प्रोग्रामिंग लैंग्वेज के प्रकार |Types of Programming Language in Hindi

प्रोग्रामिंग लैंग्वेज को इनके कोड्स की संरचना में परिवर्तनों के आधार पर विभाजित किया जाता हैं। जैसे – Java, JavaScript, Python, PHP, Ruby, Assembly Language, SQL, Fortran, COBOL आदि। संगठित रूप में इसके प्रकारों को समझें तो निम्न माध्यमों के आधार पर इनको विभाजित किया गया हैं- 

 1.  Low Level Programming Language (निम्न स्तरीय भाषा) – प्रोग्रामिंग की निम्न स्तरीय भाषा को बाइनरी भाषा या मशीनी भाषा भी कहा जाता हैं क्योंकि इनके कोड्स की संरचना 0 और 1 की फॉर्म में होते हैं। इस प्रकार के कोड्स को असेम्बलर या कम्पाइलर द्वारा ट्रांसलेट करने की कोई आवश्यकता नहीं होती क्योंकि कंप्यूटर इसे आसानी से बिना ट्रांसलेट के समझ लेता हैं या रीड कर पाता हैं। 

इस प्रकार की भाषा मे कोड्स को तैयार करना कठिन कार्य होता हैं क्योंकि इनके अंको को याद रख पाना या इनकी प्रोग्रामिंग में त्रुटियों के स्थानों का चयन कर पाना अत्यंत कठिन कार्य होता हैं। सामान्यतः निम्न स्तरीय भाषा को 2 भागों में विभाजित किया जाता हैं-

Machine Language (मशीन लैंग्वेज) – मशीनी कोड्स की संरचना भी निम्न स्तरीय भाषा की तरह 0 और 1 के फॉर्म में होते हैं। जिन्हें कंप्यूटर आसानी से रीड कर पाता हैं। किंतु इस प्रकार प्रोग्रामिंग कोड्स को तैयार कर पाना जटिल कार्य होता हैं। मशीनी कोड्स अपने कार्यो का संचालन दो आधारों में करते हैं- Opcode और Location Code जहाँ ऑप्कोड कंप्यूटर को उसके कार्यों से अवगत कराते हैं वही लोकेशन कोड कंप्यूटर को यह बताते हैं कि उस डेटा का चयन किस स्थान से और किस प्रकार करना हैं। 

● Assembly Language (असेंबली लैंग्वेज) – असेंबली लैंग्वेज भी एक निम्न स्तरीय भाषा के अंदर आने वाली भाषा हैं। असेंबली लैंग्वेज के कोड्स की संरचना Mnemonic Codes आधारित होती हैं। उदाहरण अगर आपको किसी संख्या को + करना हैं तो आपको वहाँ पर mnemonic codes की संरचना की तरह ADD लिखना होगा। इस प्रकार की प्रोग्रामिंग को व्यक्ति द्वारा आसानी से लिखा,समझा और याद किया जा सकता हैं। 

इनके प्रोग्रामिंग में त्रुटियों का चयन आसानी से किया जा सकता हैं और उसको ठीक भी किया जा सकता हैं। इस प्रकार के कोड्स को मशीनी भाषा मे ट्रांसलेट करने के लिए Assembler का उपयोग किया जाता हैं। जो इसे कंप्यूटर भाषा मे परिवर्तित कर देता हैं। जिससे कंप्यूटर इससे निर्मित प्रोग्रामिंग को आसानी से रीड कर पाता हैं। 

 2.  High Level Programming Language (उच्च स्तरीय भाषा) – यह प्रोग्रामिंग की वह भाषा होती हैं जिसे Developers आसानी से लिख और याद कर सकते हैं। उच्च स्तरीय भाषा को कंप्यूटर नहीं समझ पाता क्योंकि यह 0 और 1 कि फॉर्म मे नहीं होती हैं। जिस कारण इन्हें कम्पाइलर और असेम्बलर की सहायता से मशीनी कोड्स में ट्रांसलेट किया जाता हैं। 

इनके कोड की संरचना लगभग अंग्रेजी भाषा मे होती हैं जिस कारण इससे निर्मित Programming करना सरल हो जाता हैं। उच्च स्तरीय भाषाओं के मुख्य उदाहरण इस प्रकार हैं- Python, Java, JavaScript, C, C++, Cobol, FORTRAN आदि। 

उच्च स्तरीय भाषा को 3 भागों में विभाजित किया जाता हैं। जो निम्न प्रकार हैं- 

● Procedural Oriented Programming Language (POP)  – यह उच्च स्तरीय भाषा का वह प्रकार हैं जिसमें प्रोग्रामिंग कोड्स को छोटे-छोटे भागों मे उनकी विशेषताओं या कार्यों के आधार पर विभक्त कर दिया जाता हैं। जिन्हें Routine या Function कहा जाता हैं। इस प्रोग्राम के निर्माण में उपयोग किए गए कोड को डेवलपर pubh उपयोग में भी ला सकते हैं। 

इस प्रकार की प्रोग्रामिंग को तैयार करने के लिए Microsoft Visual Studio ,IDE की सहायता ली जाती हैं। इस प्रोग्रामिंग की सहायता से डेवलपर अपने सॉफ्टवेयर के प्रवाह की मात्रा को ट्रैक कर सकते हैं। जिसकी सहायता से वह तैयार किए गए सॉफ्टवेयर की कमियों और फायदों के संबंध में सूचना एकत्रित कर पाते हैं। इस प्रकार की प्रोग्रामिंग कोड के उदाहरण हैं – C, Basic, Pascal, FORTRAN आदि। 

● Object Oriented Programming Language (OOP)  – इस प्रकार की प्रोग्रामिंग में भी प्रोग्राम किए गए कोड को छोटे-छोटे भागों में बाँट दिया जाता हैं जिनको प्रोग्रामिंग में ऑब्जेक्ट कहा जाता हैं। किसी सॉफ्टवेयर के निर्माण में यह सबसे अधिक मात्रा में उपयोग किया जाने वाला प्रोग्राम हैं। इस प्रकार की प्रोग्रामिंग का सबसे बड़ा लाभ यह हैं कि इसकी सहायता से किसी Application को कम समय में तैयार किया जा सकता हैं। इस प्रकार की प्रोग्रामिंग कोड के उदाहरण हैं- C++, Java, Python, C# आदि। 

● Natural Language – प्राकृतिक भाषा अर्थात ऐसे कोड जिनका विकास प्रकृति द्वारा किया गया हैं जैसे- अंग्रेजी, हिंदी, उर्दू आदि। इस प्रकार की प्रोग्रामिंग का उपयोग ऐसे प्रोगाम तैयार करने के लिए किया जाता हैं। जिससे इन भाषाओं को अन्य भाषाओं में Translate या इन भाषाओं का अन्य भाषा मे अनुवाद किया जा सकें। इसका उत्तम उदाहण हम Google Translate को देख सकते हैं। जो सभी प्रकार की भाषाओं को किसी भी भाषा मे आसानी से परिवर्तित कर देता हैं। 

 3. Middle Level Programming Language – यह निम्न स्तरीय प्रोग्रामिंग लैंग्वेज और उच्च स्तरीय प्रोग्रामिंग भाषा के मध्य की भाषा हैं। जिस कारण इस प्रोग्रामिंग भाषा को मध्यवर्ती स्तर की भाषा कहा जाता हैं। इस प्रकार की प्रोग्रामिंग भाषा मे दोनों प्रकार की भाषाओं के गुण होते हैं। यह यूजर और मशीन दोनों के लिए कई हद तक सरल और समझने योग्य होती हैं। इस प्रकार की भाषा के उदाहरण हैं- C और C++

अधिक उपयोग होने वाली प्रोग्रामिंग लैंग्वेज|Most widely used programming language

वर्तमान समय में अनेकों प्रकार की Mobile Application, Desktop Application, Website Design और Theme के निर्माण में जिन प्रोग्रामिंग कोड या लैंग्वेज का उपयोग अधिक मात्रा में किया जाता हैं वह इस प्रकार हैं- 

  • C
  • C++
  • C#
  • Java
  • Python
  • PHP
  • JavaScript

इन भाषाओं का उपयोग अधिक मात्रा में Free और Paid Software बनाने के लिए किया जाता हैं। इस प्रकार की लैंग्वेज का उपयोग Theme बनाने या Website Design करने के लिए भी अधिक मात्रा में किया जाता हैं। हम जितने भी सॉफ्टवेयर को मोबाइल या कंप्यूटर के माध्यम से RUN करते हैं उन सभी का निर्माण इन्हीं प्रोग्रामिंग भाषाओं के माध्यम से किया जाता हैं। 

प्रोग्रामिंग लैंग्वेज कैसे सीखें? |How to Learn Programming Language in Hindi

Programming Language Selection – आप जानते हैं कि प्रोग्रामिंग लैंग्वेज कई प्रकार की होती है जैसे- C, C++, Java, Python आदि। आपको सर्वप्रथम इन भाषाओं में से अपनी रुचि के अनुसार किसी एक प्रोग्रामिंग भाषा का चयन करना होगा। जिस क्षेत्र में आप किसी प्रोग्राम को तैयार करना चाहते हैं। जैसे- Game, Software या Websites आदि। 

Learn Basic Fundamental – अगर आप प्रोग्रामिंग सीखना चाहते हैं तो आपको प्रोग्राम से संबंधित सामान्य सूचनाओ के बारे में पता करना होगा। जैसे- कौन सी प्रोग्रामिंग लैंग्वेज किस क्षेत्र में उपयोग की जाती हैं या प्रोग्राम लिखने के लिए किस संरचना का उपयोग किया जाता हैं आदि। 

Video tutorial – आप प्रोग्रामिंग सीखने के लिए Youtube में दिखाए जाने वाले Video Tutorial देख सकते हैं। जो हिंदी और अंग्रेजी दोनों भाषाओं में होते हैं। जिसमें सभी ज्ञाता अपने-अपने अनुभवों को शेयर करते हैं। 

Text Content – आप चाहें तो Google के माध्यम से भी text कंटेंट पढ़ कर प्रोग्रामिंग से संबंधित सम्पूर्ण जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। यह सब आपकी रुचि और सीखने के कौशल पर निर्भर करता हैं। 

Complete Course – आप प्रोग्रामिंग लैंग्वेज (Programming Language) सीखने के लिए Online और Offline दोनों माध्यमों से कोर्स कर सकते हैं। जिसकी सहायता से आप विस्तृत रूप से प्रोग्रामिंग कोड को पढ़ना,लिखना और समझना सीख सकते हैं। 

संक्षेप में |Conclusion

प्रोग्रामिंग लैंग्वेज क्या हैं? यह विभिन्न प्रकार के प्रोग्रामिंग कोड का समूह हैं। जिनकी सहायता से हम किसी सॉफ्टवेयर की विशेषताओं और कार्यों का निर्माण करने का कार्य करते हैं। इन प्रोग्रामिंग कोड का उपयोग Software Developer द्वारा अधिक मात्रा मे किया जाता हैं। यह आधुनिक तकनीकी और डिजिटल दुनिया के विकास हेतु अत्यंत आवश्यक लैंग्वेज हैं। जिनकी सहायता से हम Applications को अपनी आवश्यकता अनुसार Design कर सकते हैं। 

दोस्तों आज आपने जाना कि प्रोग्रामिंग लैंग्वेज क्या हैं? (What is Programming Language in Hindi) अगर आपको हमारी यह पोस्ट पसंद आई हो तो इसे अन्य मित्रों के साथ अवश्य शेयर करें और अपने विचारों को भी कमेंट बॉक्स के माध्यम से अवश्य शेयर करें। 

Previous articleकंप्यूटर क्या हैं प्रकार, संरचना और विशेषता आदि
Next articleमदरबोर्ड क्या हैं और कैसे काम करता हैं?
pankaj
Hello दोस्तों मेरा नाम Pankaj Pal हैं और मैं webtechnoo का लेखक और Co-Founder हुँ। मैंने MSc Computer Science से की हैं और मुझे Technology, Computers से जुड़े तथ्यों को सीखना और आप लोगों को सीखाना अच्छा लगता हैं। अगर आप भी नई-नई Technology के बारे में जानने में रुचि रखते हैं। तो हमारे Blog या Social Media के माध्यम से हमसे जरूर जुड़े रहें। (Jai Hind)

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here