Telescope क्या हैं और इसका अविष्कार कब और किसने किया

Telescope वह उपकरण हैं जिसका उपयोग हजारों-लाखों किलोमीटर दूर किसी वस्तु को देखने के लिए किया जाता हैं। मानव नेत्र इतने सक्षम नहीं होते हैं कि वह इतनी दूरी पर किसी वस्तु को स्पष्ट रूप में देख सकें। जिस कारण इसका अविष्कार हुआ। इसके माध्यम से हम आकाश में मौजूद सभी ग्रहों-उपग्रहों में परिवर्तनों और दशाओ की स्थिति को जान सकते हैं। 

टेलिस्कोप के माध्यम से ब्रह्मांड में हो रहे परिवर्तनों और गतिविधियों को धरती से देखा जा सकता हैं। इस उपकरण का अधिक उपयोग खगोल शास्त्रियों एवं भू-वैज्ञानिकों द्वारा अंतरिक्ष की घटनाओं में नजर रखने के लिए किया जाता हैं। अंतरिक्ष की कई ऐसी घटनायें जैसे कई उपग्रहों की खोज होना या ग्रहों-उपग्रहों में हुए विस्फोटों को देखने का कार्य भी इसी के माध्यम से किया जाता हैं।

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आज हम आपको इस पोस्ट के माध्यम से बताएंगे कि टेलिस्कोप क्या हैं, टेलिस्कोप का अविष्कार कब और किसने किया? इसके साथ ही हम इस पोस्ट के माध्यम से यह भी जानेंगे कि टेलिस्कोप काम कैसे करता हैं? तो चलिए इन सभी प्रश्नों के उत्तर प्राप्त करने के लिए सबसे पहले जानते हैं कि टेलिस्कोप किसे कहते हैं? What is Telescope in Hindi

टेलिस्कोप क्या हैं? |What is Telescope in Hindi

Telescope शब्द का हिंदी रूपांतरण हैं- दूरबीन अर्थात जिस यंत्र या उपकरण की सहायता से किसी दूर स्थित वस्तु को आसानी से देखा जाता हैं उसे ही हम टेलिस्कोप कहते हैं। टेलिस्कोप को खगोल विज्ञान में सबसे महत्वपूर्ण अविष्कार के रूप में भी देखा जाता हैं क्योंकि इसी के कारण हम अंतरिक्ष मे होने वाली गतिविधियों को सरलता और स्पष्टता से देख सकते हैं। 

सामान्यतः यदि आप अंतरिक्ष मे किसी ग्रह और उपग्रहों को अपनी आंखों से करीब से देखना चाहते हैं तो आपको भी इसी यंत्र की आवश्यकता पड़ेगी। प्रारंभिक समय में इस यंत्र का उपयोग व्यापारी और लुटेरों द्वारा किया जाता था। जिसकी सहायता से वह दूर से देख लेते थे कि कौन सा पानी का जहाज उनकी तरफ आ रहा हैं। किंतु उस समय इसकी क्षमता उतनी विकसित नही थी कि इसके माध्यम से अंतरिक्ष मे होनी वाली घटनाओं को साफ देखा जा सकें।

आधुनिक युग एक वैज्ञानिक युग हैं जिसका तकनीकी विकास अपनी चरम सीमा में पहुंच गया हैं। आधुनिक समय मे टेलिस्कोप के माध्यम से साफ और स्पष्ट देखने की क्षमता तेजी से विकसित हुई हैं। जिस कारण वैज्ञानिक अंतरिक्ष मे होने वाली प्रत्येक घटनाओं में अपनी नजर रखने में सक्षम हो पाए हैं। टेलिस्कोप की गुणवत्ता सामान्यतः उसके आकार पर निर्भर करती हैं अर्थात जितना बड़ा आपका टेलिस्कोप होगा। आप उतनी ही स्पष्टता से दूर स्थित वस्तु को देख पाएंगे। 

Telescope का अविष्कार कब और किसने किया? 

टेलिस्कोप (दूरबीन) का अविष्कार सर्वप्रथम 25 सितंबर 1608 को Hans Lipperhey ने किया। Hans के बेटे के कांच के टुकड़ों से खेलने और दूर दीवार को पास देखने की घटना को अपने पिता Hans को बताया। जिस कारण उन्होंने इस घटना के आधार पर ही सर्वप्रथम दूरबीन का निर्माण किया। जिसका उपयोग सर्वप्रथम नाविकों, वैज्ञानिकों और सैनिकों द्वारा किया जाता था। 

इसके पश्चात वर्ष 1609 में इटली के महान वैज्ञानिक Galileo Galilei ने खुद का एक टेलिस्कोप बनाया। यह टेलिस्कोप Hans के टेलिस्कोप से अधिक शक्तिशाली था। Galileo के बनाये इस दूरबीन की सहायता से ही सर्वप्रथम ब्रह्मांड में मौजूद ग्रहों और उपग्रहों को देखा गया। गैलीलियो की इस दूरबीन की सहायता से ही चंद्रमा में मौजूद दब्बे और कई उपग्रहों की भी खोज हुई। 

इसी दूरबीन के माध्यम से गैलीलियो ने यह भी अविष्कार किया था कि पृथ्वी ही हैं वह जो सूर्य का चक्कर लगाती हैं। टेलिस्कोप के निर्माण में विज्ञान के गुरु Newton का भी मुख्य स्थान हैं इन्होंने अपनी Colour Theory के आधार पर एक Reflective Telescope का निर्माण किया। जिसे Newtonian Telescope के नाम से भी जाना जाता हैं। इस दूरबीन के निर्माण में लेंस की जगह सीसे का उपयोग किया गया था। जिस कारण किसी दूर स्थित वस्तु को पहले से अधिक स्पष्टता से देखा जा सकता था। 

Telescope कैसे काम करता हैं? 

टेलिस्कोप किस तरह से काम करता हैं यह जानने से पहले यह जानना अत्यंत आवश्यक हैं कि पहले इस प्रश्न का उत्तर जाना जाए कि टेलिस्कोप का निर्माण क्यों किया गया? अगर आप अपनी नग्न आंखों से 150 फीट दूर की वस्तु को देखने का प्रयास करते हैं तो आप उसको स्पष्ट रूप से देख या पढ़ नहीं पाते ऐसा क्यों? क्योंकि वह वस्तु हमारी आंख की रेटिना (स्क्रीन) पर ज्यादा जगह नहीं ले पाती जिस कारण हम उस वस्तु या अक्षर को स्पष्ट रूप से नहीं देख पाते। 

सामान्य शब्दों में कहे तो अगर हमारी आंखों की रेटिना का आकार सामान्य से अधिक होता तो हम अधिक दूर की वस्तु को स्पष्टता के साथ देख पाते। हमारी रेटिना का आकार कम होने के कारण वह अधिक मात्रा में प्रकाश को एकत्र नहीं कर पाता। जिस कारण हम उन्हें अच्छे से नहीं देख पाते। टेलिस्कोप अपना कार्य दो आधारों पर पूर्ण करता हैं जिस कारण हम दूर की वस्तु को Zoom करके स्पष्टता से देख पाते हैं वह निम्न हैं- 

Objective Lens – इस प्रकार के लेंस को Primary Mirror (Reflectors) भी कहा जाता हैं। इस प्रकार के लेंस दूर की वस्तु से अधिक मात्रा में प्रकाश को एकत्र करने में सक्षम होते हैं। जिस कारण हम दूर रखी वस्तु को केंद्र बिंदु पर ला सकते हैं।।

Eyepiece Lens – इस प्रकार के लेंस का उपयोग टेलिस्कोप मे सामान्यतः Objective Lens या Primary Mirror द्वारा केंद्र में लायी उस वस्तु को Zoom करने के लिए किया जाता हैं। इसकी सहायता से हम उस वस्तु को अपनी नग्न आंखों में रेटिना (स्क्रीन) पर फैला पाते हैं। सामान्य शब्दों मे कहें तो यह Magnifying Glass (Lens) की भांति काम करता हैं। जिससे हम छोटे अक्षरों या फ़ोटो को बड़ा करके देख पाते हैं। 

टेलिस्कोप के प्रकार |Types of Telescope in Hindi 

दोस्तों अभी तक आपने यह जान लिया होगा कि टेलिस्कोप क्या हैं और इसका अविष्कार कब और कैसे हुआ। तो चलिए अब जानते हैं कि टेलिस्कोप कितने प्रकार के होते हैं? टेलिस्कोप को उनकी विशेषताओं के आधार पर 2 भागों में विभाजित किया जाता हैं- 

1. Refracting Telescope (अपवर्तक दूरदर्शी) – यह एक प्रकार का Optical Telescope हैं। जिसमें Objective lens का उपयोग किसी दूर स्थित वस्तु की फ़ोटो बनाने के लिए किया जाता हैं। जब कोई प्रकाश (light) एक जगह से आकर दूसरे जगह में प्रवेश करता हैं तो एक निश्चित एंगल पर आकर यह यह अपनी Direction परिवर्तित कर देता हैं जिसे Refraction कहा जाता हैं। 

इस प्रकार के लेंस का निर्माण कुछ इस प्रकार से किया जाता हैं कि उससे होकर जाने वाला प्रकाश टर्न होकर इस तरीके से निकले की उससे एक इमेज का निर्माण हो जाये। इस प्रकार की इमेज का निर्माण करने के लिए टेलिस्कोप कई लेंस का उपयोग करता हैं। इस प्रकार के टेलिस्कोप में 2 प्रकार की लेंस का उपयोग किया जाता हैं। 

पहला Objective lens जो किसी दूर स्थित वस्तु पर केंद्रित कर एक इमेज का निर्माण करता हैं दूसरा Eyepiece lens जो उस इमेज को Zoom (बड़ा) करके स्पष्ट दिखाने का कार्य करती हैं। सामान्यतः इस प्रकार की दूरबीन का उपयोग Spy Glasses और Astronomical Telescope के लिए किया जाता हैं। यह लंबी दूरी की वस्तुओं को स्पष्ट तरीके से देखने के लिए उत्तम दूरदर्शी उपकरण हैं। 

इसके साथ ही इसका उपयोग अधिक मात्रा में ब्रह्मांड में होने वाली गतिविधियों एवं ग्रहों-उपग्रहों की स्थिति और दशाओं को जानने के लिए भी किया जाता हैं। 

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2. Reflecting Telescope (परावर्तक दूरदर्शी) – इस प्रकार के टेलिस्कोप में घूमे हुए सीसे का उपयोग किया जाता हैं जिसे Curved Mirror कहा जाता हैं। इस प्रकार की दूरबीन का अविष्कार 17 वी शताब्दी में Isaac Newton द्वारा किया गया था। इनकी मुख्य विशेषता यह थी कि यह किसी दूर स्थित वस्तु को अधिक स्पष्ट रूप में दिखाने में सक्षम हैं। खगोल विज्ञान में शोध के कार्यों में अधिक मात्रा में इन्हीं दूरबीनों का इस्तेमाल किया जाता हैं। 

इस प्रकार के दूरबीन में Mirror का उपयोग किया जाता हैं। जिस कारण इसे Catoptric Telescope भी कहा जाता हैं। इनके लेंस का घुमा हुआ आकार रोशनी को Reflect करता हैं और एक इमेज का निर्माण करता हैं। इसके द्वारा बनी इमेज को देखने के लिए Eyepiece lens का उपयोग किया जाता हैं। इस प्रकार के टेलिस्कोप को भी अनेकों भागों में विभाजित किया जाता हैं। जैसे- Cassegrain Telescope, Newtonian Telescope आदि। 

Telescope के उपयोग

दोस्तों सामान्य तौर पर आप जानते होंगे कि टेलिस्कोप का उपयोग ब्रहांड में मौजूद ग्रहों-उपग्रहों एवं उनके आस-पास होने वाली घटनाओं मे नजर रखने के लिए किया जाता हैं। तो चलिए अब इसके उपयोगों को विस्तार से जानते हैं- 

● इसका उपयोग अन्तरिक्ष में होने वाली घटनाओं मे नजर रखने के लिए किया जाता हैं। 

● वेज्ञानिको द्वारा इसका उपयोग ऐसी वस्तुओं को देखने के लिए किया जाता हैं जिन्हें हमारी आंखे देखने मे असमर्थ होती हैं। जिसे Micro Telescope कहा जाता हैं। 

● समुद्र में इसका उपयोग अन्य जहाजों की दिशा और स्थानों को जानने के लिए किया जाता हैं। 

● सैनिकों एवं व्यापारियों द्वारा भी इसका उपयोग अधिक मात्रा में किया जाता हैं।

● सामान्य शब्दों में कहें तो इसका अधिक उपयोग अंतरिक्ष में निगरानी रखने और ग्रहों-उपग्रहों की खोज और शोध कार्यों के लिए किया जाता हैं।  

● इसका उपयोग अंतरिक्ष मे होने वाले छोटे-बड़े विस्फोटों को देखने के लिए भी किया जाता हैं। 

निष्कर्ष – Conclusion 

आज आपने इस पोस्ट टेलिस्कोप क्या हैं और इसका अविष्कार कब और किसने किया (What is Telescope in Hindi) में इन महत्वपूर्ण बिंदुओं के बारे में जाना-

● टेलिस्कोप वह उपकरण हैं जिसकी सहायता से किसी दूर रखी ऐसी वस्तु को देखा जा सकता हैं जिन्हें हमारी नग्न आंखे देखने मे असमर्थ होती हैं। इसके माध्यम से हम अन्तरिक्ष में होने वाली घटनाओं एवं परिवर्तनों को आसानी से देख सकते हैं। 

● यह अपना कार्य 2 लेंसों की सहायता से पूर्ण करता हैं पहला Objective Lens जो दूर में स्थित किसी वस्तु की Image बनाने का कार्य करती हैं और दूसरा Eyepiece Lens जो उस वस्तु को बड़ा (Zoom) करने का कार्य करती हैं। जिसके बाद हम उस Image को स्पष्टता से देख पाते हैं। 

हम आशा करते हैं कि आपको हमारी इस पोस्ट को पढ़ने के बाद इस Topic से संबंधित सभी जानकारियां प्राप्त हो गयी होगी। इसके पश्चात भी अगर इस पोस्ट से संबंधित आपके कोई प्रश्न हो तो आप कमेंट बॉक्स के माध्यम से अपने विचारों को हम तक पहुँचा सकते हैं। 

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pankaj
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