कंप्यूटर के प्रकार |Types of Computer in Hindi

पिछली पोस्ट में आपने जाना कि कंप्यूटर क्या हैं और इसके कार्य आज हम आपको इस पोस्ट के माध्यम से बताएंगे कि कंप्यूटर के प्रकार Types of Computer कौन-कौन से और कितने हैं? तो चलिए जानते हैं बिना किसी देरी के। 

जैसा कि आप सभी जानते हैं सभी कंप्यूटर का मुख्य कार्य होता हैं गणना करना। जिस कारण इसे एक गणना करने वाला मशीनी यंत्र माना जाता हैं। कंप्यूटर एक ऐसी मशीन होती हैं जिसमें हम अधिकतम स्टोरेज का उपयोग कर उसमें अधिक समय तक डेटा को स्टोर करके रख सकते हैं। इसकी सहायता से हम जटिल कार्यों और अधिक समय लेने वाले कार्यों को कम समय मे पुरा कर सकते हैं। 

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सभी प्रकार के कंप्यूटर का अपना-अपना उपयोग होता है जिनका निर्माण विशेष प्रकार के कार्यों एवं उद्देश्यों की पूर्ति के लिए किया जाता हैं। सामान्य शब्दों में कहें तो आप जिस स्मार्ट फोन का उपयोग कॉल या अन्य कार्य करने या स्मार्ट वॉच का उपयोग समय देखने या अन्य कार्यो के लिए करते हैं। उन्हें भी कंप्यूटर की श्रेणियों में ही रखा जाता हैं। 

कंप्यूटर के प्रकारों के सम्बंध में जानकारी प्राप्त करने से पहले थोड़ा यह जान लेते हैं कि कंप्यूटर क्या हैं? जिससे हमें कंप्यूटर के प्रकारों में जानकारी प्राप्त करने या ग्रहण करने में आसानी होगी। जिसके बाद हम कंप्यूटर के प्रकारों के संबंध में डिटेल में जानकारी प्राप्त करेंगे। Types of Computer in Hindi

कंप्यूटर क्या हैं? |What is Computer

कंप्यूटर शब्द की उत्पत्ति Compute से हुई है। जिसका अर्थ होता है- गणना करना। यह एक ऐसी Electronic Machine है जो इनपुट,प्रोसेस और आउटपुट के Sequence फॉर्मेट के आधार पर कार्य करती है। ये डेटा को ग्रहण करती है फिर उसे प्रोसेस करके आउटपुट प्रदान करती है। कंप्यूटर Hardware और Software का कॉम्बिनेशन या मिश्रण है।

आज लगभग सभी क्षेत्रों में कंप्यूटर का प्रयोग किया जाता है। फिर चाहे वो बैंक हो, रेलवे हो, व्यवसाय, चिकित्सा या फिर हो शिक्षा प्रत्येक क्षेत्र में कंप्यूटर का उपयोग किया जा रहा है। कंप्यूटर में High Speed, Accuracy, Storage Capacity  के साथ अनेकों ऐसे गुण पाए जाते हैं जो इसे अन्य मशीनों से भिन्न बनाते हैं। कंप्यूटर हमारे लिए तकनीकी का एक वरदान है।

कंप्यूटर के प्रकार |Types of Computer in Hindi

कंप्यूटर डेटा को मीनिंगफुल इन्फॉर्मेशन में परिवर्तित करता है। यह इसको दिए गए इनपुट के आधार पर यूजर को आउटपुट प्रदान करता है। वैसे तो कंप्यूटर अनेक प्रकार के होते हैं लेकिन फिर भी कुछ गुणों के आधार पर इन्हें वर्गीकृत किया जाता है। 

कंप्यूटर के प्रकार (Types of Computer) कंप्यूटर को इसके आकार और इसकी डेटा हैंडलिंग क्षमता के आधार पर इसे दो वर्गों में विभाजित किया जाता हैं। जिसमें अनेकों प्रकार के कम्प्यूटरों को उनके निर्माण के उद्देश्यों के आधार पर विभाजित किया जाता हैं। तो चलिए अब सीधें कंप्यूटर के प्रकारों (Types of Computer) के बारे में जानते हैं। 

डेटा हैंडलिंग के आधार पर कंप्यूटर के प्रकार |Types of Computer Based on Data Handling

डेटा हैंडलिंग क्षमता के आधार पर कंप्यूटर के प्रकारों (Types of Computer) को 3 भागों में विभाजित किया जाता हैं- 

● Analogue Computer

● Digital Computer

● Hybrid Computer

1. Analogue Computer – वे कंप्यूटर जो एनालॉग डेटा को प्रोसेस करते हैं उन्हें एनालॉग कंप्यूटर कहा जाता है। एनालॉग डेटा से तात्पर्य उस डेटा से होता है जो निरंतर परिवर्तित होता रहता है, इसकी एक Exact Value नही होती है जैसे कि तापमान, दाब, स्पीड आदि।

एनालॉग कंप्यूटर का प्रयोग भौतिक राशियों जैसे स्पीड, प्रेशर, तापमान आदि को मापने के लिए किया जाता है।ये बहुत तेज़ गति से काम करते हैं।ये भौतिक राशियों में होने वाले लगातार परिवर्तन को माप करके डायल या स्केल पर रीडिंग प्रदर्शित करते हैं।

जैसे गाड़ी में स्पीड मापने वाला स्पीडोमीटर, शरीर का तापमान मापने वाला Mercury Thermometer आदि एनालॉग कंप्यूटर के उदाहरण हैं। इन कंप्यूटर का विज्ञान और तकनीकी के क्षेत्र में अधिक उपयोग होता है। इस प्रकार के कंप्यूटर के मुख्य उदाहरण हैं-Slide Rules, Differential Analysers, Castle Clock आदि।

2. Digital Computer – डिजिटल कंप्यूटर को मुख्य रूप से तेज़ गति से कैल्कुलेशन और लॉजिकल ऑपेरशन करने के उद्देश्य से डिज़ाइन किया गया है। ये कंप्यूटर बाइनरी डिजिट (Machine Language) अर्थात 0 और 1 के रूप में कार्य करते हैं।

इनके द्वारा पहले इनपुट लिया जाता है फिर ये डेटा को प्रोसेस करके यूजर को आउटपुट प्रदान करते हैं। आज हमारे द्वारा इस्तेमाल किये जाने वाले लैपटॉप, स्मार्टफोन, डेस्कटॉप आदि सभी डिजिटल कंप्यूटर के उदाहरण हैं।

डिजिटल कंप्यूटर हाई स्पीड और एक्यूरेसी के साथ कार्य करतें हैं।ये बड़ी मात्रा में इन्फॉर्मेशन को स्टोर कर सकते हैं।ये बहुत विश्वशनीय होते हैं। ये हमे काम करने के लिए अनेक फीचर्स और एप्लीकेशन प्रदान करते हैं और हमारे काम को आसान बनाते हैं।

3. Hybrid Computer – हाइब्रिड शब्द का अर्थ होता है मिश्रण तो हम नाम से थोड़ा अंदाजा लगा सकते हैं कि यह कंप्यूटर का मिश्रण है। सरल शब्दों में कहे तो ऐसे कंप्यूटर जिनमे एनालॉग और डिजिटल दोनो प्रकार के कंप्यूटर फीचर्स का मिश्रण होता है उन्हें हाइब्रिड कंप्यूटर कहा जाता है।

इस प्रकार के कंप्यूटर एनालॉग कंप्यूटर की तरह तीव्र गति से और डिजिटल कंप्यूटर की भाँति एक्यूरेसी के साथ काम करते हैं। हाइब्रिड कंप्यूटर का प्रयोग बहुत अच्छे परिणामो को प्राप्त करने के लिये किया जाता है।

हाइब्रिड कंप्यूटर बड़ी तीव्र गति से काम करते है और बहुत सटीक रिजल्ट हमे देते हैं। ये बड़ी बड़ी Equations को हल करने की क्षमता रखते हैं।ये कंप्यूटर हॉस्पिटल, साइंटिफिक रिसर्च आदि में उपयोग किए जाते हैं।

आकार के आधार पर कंप्यूटर के प्रकार |Types of Computer Based on Size 

आकार के आधार पर कंप्यूटर के प्रकारों (Types of Computer) को 5 भागों में विभाजित किया जाता हैं। जो कि इस प्रकार हैं-

● Supercomputer

● Mainframe Computer

● Mini Computer

● Workstation

● Microcomputer

1. Super Computer – सुपर कंप्यूटर सबसे तेज़ गति से और सबसे ज्यादा एक्यूरेसी से काम करने वाले कंप्यूटर होते हैं। इन कंप्यूटर में एक साथ अनेक माइक्रोप्रोसेसर जुड़े होते हैं। जिनकी मदद से ये बहुत बड़ी मात्रा के डेटा को कुछ ही समय मे प्रोसेस कर लेते हैं।

सुपर कंप्यूटर सामान्य कंप्यूटर की अपेक्षा बहुत फ़ास्ट होते हैं इसीलिए इन्हें सुपर कहा जाता है। ये लगभग एक अरब डेटा को एक सेकंड में ही प्रोसेस कर सकते हैं। ये कंप्यूटर आकार में भी बहुत बड़े होते हैं। इनमें अनेक कार्यो को एक साथ एक ही समय मे करने की क्षमता होती है। इनके इन फीचर्स के कारण इन कंप्यूटर की कीमत बहुत ज्यादा होती है।

सुपर कंप्यूटर की खोज की यदि बात करे तो इसमें सबसे बड़ा योगदान Seymour Cray का रहा। इन्होंने सर्वप्रथम 1960 में CDC-1604 को डिज़ाइन किया और इसके बाद निरतंर इस क्षेत्र में कार्य किया। इन्हें इसीलिए सुपर कंप्यूटर का जनक भी कहा जाता है। हमारे देश भारत ने अपना पहला सुपर कंप्यूटर 1991 में PARAM 8000 दिया।

सुपरकंप्यूटर का प्रयोग उन क्षेत्रों में किया जाता हैं जहाँ एक बहुत बड़े डेटा को प्रोसेस करने की जरूरत होती है। आमतौर पर इसका ज्यादा उपयोग विज्ञान और इंजीनियरिंग एप्लीकेशन में किया जाता है। उदा०- मौसम की भविष्यवाणी करने में, जलवायु रिसर्च में, अंतरिक्ष विज्ञान में, न्यूक्लियर रिसर्च आदि में सुपर कंप्यूटर का इस्तेमाल किया जाता है।

2. Mainframe Computer – मेनफ्रेम कंप्यूटर को आमतौर पर मेनफ़्रेम और बिग आयरन के नाम से भी जाना जाता है। मेनफ्रेम वो कंप्यूटर होते हैं जो एक बहुत बड़ी मात्रा में डेटा को प्रोसेस करने के लिए प्रयोग में लाये जाते है जैसे कि बैंकिंग सेक्टर में Transactions प्रोसेसिंग के लिए।

मेनफ़्रेम कंप्यूटर आकार में बहुत बड़ा होता है हालांकि सुपर कंप्यूटर से छोटा ही होता है। इसकी कीमत भी बहुत ज्यादा होती है। ये कंप्यूटर अन्य प्रकार के कंप्यूटर जैसे कि मिनिकंप्यूटर, पर्सनल कंप्यूटर आदि की तुलना में अधिक शक्तिशाली होते हैं। जैसे IBM-370, UNIVAC, IBM-S/390 आदि इसके कुछ उदाहरण हैं।

मेनफ्रेम कंप्यूटर में मैमोरी, स्पीड और कार्य क्षमता बहुत अधिक होती है। ये बहुत बड़े वर्कलोड को आसानी से हैन्डल कर सकते है और इनके द्वारा दिए गए परिणाम बहुत विश्वसनीय होते हैं। इनमे गलती की गुंजाइश न के बराबर होती है। इसीलिए बड़े बड़े संगठनों जैसे बिज़नेस,बैंक,इंडस्ट्री आदि के लिए आदर्श कंप्यूटर साबित होते हैं।

मेनफ्रेम कंप्यूटर में अनेक प्रोग्राम होते हैं जिस कारण यह एक समय मे अनेक अलग-अलग कार्य प्रदर्शित कर सकते हैं। इनमे अनेक इनपुट आउटपुट प्रोसेसर लगे होते है जो बड़ी तेजी से बड़े से डेटा पर काम कर लेते है। इन कंप्यूटर को डिज़ाइन ही इस तरीके से किया गया है कि इन्हें एक समय मे अनेक यूजर इस्तेमाल कर सकते हैं। 

3. Mini Computer – मिनिकंप्यूटर मेनफ्रेम कंप्यूटर की तुलना में छोटे,कम शक्तिशाली और कम कीमत वाले होते हैं परंतु सामान्य कंप्यूटर की तुलना में इनकी कीमत और आकार, कार्य क्षमता अधिक होती है। ये मेनफ्रेम और माइक्रो कंप्यूटर के बीच के कंप्यूटर होते हैं इसलिये इन्हें मिड-रेंज कंप्यूटर भी कहा जाता है।  

मिनिकंप्यूटर में दो से अधिक माइक्रोप्रोसेसर लगे होते हैं जिससे इसे 200 यूजर तक एक समय मे प्रयोग कर सकते हैं। ये मल्टीटास्किंग कंप्यूटर होते हैं। इन कंप्यूटर का प्रयोग इंजिनीरिंग और साइंटिफिक सेक्टर, एकाउंटिंग, बिलिंग, मैनेजमेंट आदि में किया जाता है। जैसे Honeywell 200, TI-990 आदि मिनिकंप्यूटर के कुछ उदाहरण हैं।

मिनिकंप्यूटर का आगमन 1960 के दशक के मध्य में हुआ था। दुनिया का सबसे पहला मिनिकंप्यूटर PDP-8 1965 में DEC (Digital Equipment Corporation) द्वारा लॉन्च किया गया। वर्तमान समय मे मिनिकंप्यूटर को सर्वर के रूप में भी इस्तेमाल किया जाता है।

मिनिकंप्यूटर मीडियम साइज के कंप्यूटर होते हैं। इनका भार भी कम होता जिसके कारण इन्हें आसानी से कही भी ले जाया और फिट किया जा सकता है। इनकी कीमत मेनफ्रेम कंप्यूटर की तुलना में कम होती है परंतु ये भी तेजी से कार्य करते हैं। मिनिकंप्यूटर लंबे समय तक काम करने में सक्षम होते हैं। इन्हें कैलकुलेशन, स्टोरेज,आदि के लिए यूज़ करते हैं।

4. Workstation – वर्कस्टेशन एक विशेष प्रकार का कंप्यूटर होता है जिसे साइंटिफिक और टेक्निकल एप्लीकेशन के लिए डिज़ाइन किया गया। ये सिंगल यूजर कंप्यूटर होते हैं अर्थात इन्हें एक समय पर एक ही व्यक्ति द्वारा इस्तेमाल किया जाता है।

वर्कस्टेशन कंप्यूटर पर्सनल कंप्यूटर की तुलना में बेहतर CPU , ग्राफिक्स, मैमोरी और मल्टीटास्किंग क्षमता वाले होते हैं। वर्कस्टेशन के रूप में जो पहला कंप्यूटर सामने आया वो था IBM 1620 और यह कंप्यूटर 1959 में लॉन्च हुआ था। यह एक साइंटिफिक कंप्यूटर था जिसे सिंगल यूजर के इस्तेमाल करने के लिए बनाया गया था।

वर्कस्टेशन कंप्यूटर में माइक्रो प्रोसेसर बहुत तेज़ होता है, RAM भी ज्यादा होती है। इस प्रकार के कंप्यूटर को किसी विशेष टास्क को पूरा करने के लिए बनाया जाता है जैसे कि ग्राफिक्स के लिए। इन कंप्यूटर में माइक्रो कंप्यूटर की तुलना में ज्यादा स्पीड, अधिक स्टोरेज क्षमता,बेहतर ग्राफिक्स और पावरफुल CPU होता है।

इन कंप्यूटर को जटिल कार्यो को पूरा करने के लिए निर्मित किया जाता है। ये एक्यूरेसी के साथ इस कार्य को करते हैं। ये बहुत विश्वशनीय होते हैं। इस प्रकार के कंप्यूटर बिज़नेस और प्रोफेशनल प्रयोग के लिए काफी अच्छे सिद्ध होते हैं। वर्कस्टेशन कंप्यूटर का प्रयोग ऑडियो वीडियो निर्माण में, डेटा एनालिसिस में, एनीमेशन आदि में किया जाता है।

5. Microcomputer – माइक्रो जैसे कि नाम से ही पता चल रहा है कि छोटा अर्थात माइक्रो कंप्यूटर वे कंप्यूटर होते हैं जो आकार में छोटे होते है। इन्हें हम आसानी से एक स्थान से दूसरे स्थान तक ले जा सकते है इसलिए इन्हें पोर्टेबल कंप्यूटर भी कहा जाता है।

माइक्रो कंप्यूटर वर्तमान समय में सबसे ज्यादा प्रयोग होने वाले कंप्यूटर हैं। जैसे लैपटॉप, डेस्कटॉप कंप्यूटर आदि माइक्रो कंप्यूटर के उदाहरण हैं।इन कंप्यूटर को सामान्य उद्देश्यों की पूर्ति हेतु बनाया गया है। ये सिंगल यूजर कंप्यूटर होते हैं। एक समय मे एक ही व्यक्ति द्वारा इस्तेमाल किये जाते हैं इसलिए इन्हें पर्सनल कंप्यूटर (PC) भी कहा जाता है।

माइक्रो कंप्यूटर में एक माइक्रो प्रोसेसर,CPU,स्टोरेज यूनिट, इनपुट-आउटपुट यूनिट का यूज़ होता है। इनकी कीमत भी अन्य प्रकार के कंप्यूटर की अपेक्षा कम होती है और आसानी से हम इनका उपयोग कर सकते हैं। थोड़ा बहुत प्रैक्टिस के साथ व्यक्ति इस प्रकार के कंप्यूटर का अच्छे से प्रयोग करना सीख जाता है।

इन कंप्यूटर को मल्टीटास्किंग जैसे प्रेजेंटेशन बनाने, वीडियो देखने, गेम खेलने, एकाउंटिंग, टाइपिंग करने, रिपोर्ट कार्ड बनाने, गाने सुनने आदि अनेक प्रकार के कार्यो को करने के लिये प्रयोग किया जाता है। आज लगभग प्रत्येक क्षेत्र में (शिक्षा, चिकित्सा, बैंक, विज्ञान, तकनीकी आदि) माइक्रो कंप्यूटर का उपयोग किया जा रहा है।

निष्कर्ष – Conclusion

कंप्यूटर के प्रकार (Types of Computer) में आज आपने जाना कि कंप्यूटर को उनकी कार्य क्षमताओं, विशेषताओं,उनके आकर और उनकी डेटा हैंडलिंग की क्षमताओं या कार्यों के आधार पर अनेकों भागों में विभाजित किया जाता हैं। सामान्य शब्दों में कहें तो एक Desktop,PC,Smartphone,Laptop,Smart Watch एक प्रकार ही कंप्यूटर ही हैं। जिनका उपयोग हम अनेकों उद्देश्यों की पूर्ति के लिए करते हैं। 

तो आज आपने हमारे इस आर्टिकल के माध्यम से कंप्यूटर के विभिन्न प्रकारों (Types of Computer in Hindi) के बारे में जाना। हम आशा करते हैं कि आप कंप्यूटर के सभी प्रकारों और उनके कार्यों एवं विशेषताओं के संबंध में जान गए होंगे। आगे इस पोस्ट से संबंधित आपके कोई प्रश्न या विचार हो तो कमेंट बॉक्स के माध्यम से उनको हम तक अवश्य पहुचाये।

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pankaj
Hello दोस्तों मेरा नाम Pankaj Pal हैं और मैं webtechnoo का लेखक और Co-Founder हुँ। मैंने MSc Computer Science से की हैं और मुझे Technology, Computers से जुड़े तथ्यों को सीखना और आप लोगों को सीखाना अच्छा लगता हैं। अगर आप भी नई-नई Technology के बारे में जानने में रुचि रखते हैं। तो हमारे Blog या Social Media के माध्यम से हमसे जरूर जुड़े रहें। (Jai Hind)

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