कंप्यूटर की पीढ़ियां |Generation of Computer in Hindi

कंप्यूटर की पीढ़ियां Generation of Computer कंप्यूटर की कार्य क्षमताओं और विशेषताओं में हुए बदलावों को दर्शाने का कार्य या आधार हैं। कंप्यूटर शब्द की उत्पति Compute शब्द से हुई। जिसका अर्थ है गणना करना। इसलिए इसे एक गणना करने वाली मशीन या यंत्र माना जाता हैं।

कंप्यूटर का जनक चार्ल्स बैबेज को माना जाता हैं। जिन्होंने वर्ष 1833 में Analytical Engine का अविष्कार किया था। जो आधुनिक कंप्यूटर का आधार बना। इसी कारण इन्हे कंप्यूटर का पिता (Father of Computer) भी कहा जाता हैं। 

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कंप्यूटर के शुरुआती दौर में आज की तरह के कंप्यूटर नहीं थे। शुरुआत में बहुत बड़े भारी और महंगे कंप्यूटर हुआ करते थे। समय के चलते-चलते कंप्यूटर में कई तरह के बदलाव हुए। एक बदलावों से कंप्यूटर की नई पीढ़ियों का जन्म होने लगा। आज हम इस पोस्ट के माध्यम से कंप्यूटर की समस्त पीढ़ियों के संबंध में जानेंगे।  Generation of Computer in Hindi

कंप्यूटर की पीढ़ियां |Generation of Computer in Hindi

1. प्रथम पीढ़ी 1946-56

2. द्वितीय पीढ़ी 1956-64

3. तृतीय पीढ़ी 1964-71

4. चतुर्थ पीढ़ी 1971-85

5. पंचम पीढ़ी 1985 से अब तक

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हर पीढ़ी के बाद कंप्यूटर के आकार-प्रकार कार्यप्रणाली कार्य क्षमता में भी कई सुधार हुए। तब जाकर आज के समय के कंप्यूटर का निर्माण हुआ। कंप्यूटर का पहले से अब तक का विकास क्रमबद्ध (Sequence) रूप से हुआ हैं। कंप्यूटर के कार्य करने के तरीकों और उसकी Processing क्षमता में निरंतर वृद्धि हुई हैं। 

पहले और अब के कंप्यूटर में हमें बहुत अंतर देखने को मिलता हैं। जहाँ पहले के कंप्यूटर विशाल और धीमी गति के हुआ करते थे। वहीं वर्तमान के कंप्यूटर छोटे और तीव्र गति के होते हैं। उनकी कार्यक्षमता और भंडारण क्षमता (Storage Capacity) में भी निरंतर वृद्धि हुई हैं। तो चलिए इन बदलावों को ध्यानपूर्वक समझने का प्रयास करते हैं। 

कंप्यूटर की प्रथम पीढ़ी |First Genretion of Computer in Hindi

कंप्यूटर की प्रथम पीढ़ी की शुरुआत 1946-1956 में मानी गई हैं। इस जनरेशन में Vacume Tube Technology का उपयोग किया जाता था। इस पीढ़ी के कंप्यूटर में निर्वाचन नली का प्रयोग परिपथ बनाने के लिए किया जाता था और मेमोरी के लिए चुंबकीय ड्रम का उपयोग किया जाता था। निर्वाचन नली के प्रयोग से इन कंप्यूटरो में बहुत अधिक ऊष्मा उत्सर्जित होती थी। जो इन कंप्यूटरों की बहुत बड़ी समस्या थी तथा यह कंप्यूटर एक समय में एक ही काम कर सकते थे।

यह कंप्यूटर निम्न स्तरीय भाषा को ही समझ पाते थे। इसलिए इनको कार्य बताने के लिए बायनरी भाषा का प्रयोग किया जाता था। बायनरी भाषा में समस्त निर्देश 0 से 1 के प्रयोग से लिखे जाते हैं। जिस कारण इनमें गलतियों को पहचानना बहुत मुश्किल होता था। 

प्रथम पीढ़ी के कंप्यूटर के उदाहरण |Example of First Generation Computer

• ENIAC (Electronic Numerical Integration and Calculator) 

• UNIVAC (Universal Variable Automatic Computer) 

• EDVAC (Electronic Discrete Variable Automatic Computer) 

• IBM-650 (International Business Machine) 

प्रथम पीढ़ी के कंप्यूटर की विशेषताएं |Features of First Generation Computer

1. यह कंप्यूटर मिनीसेकंड में गणना कर सकते थे। 

2. इनमे वैक्यूम टियूब का उपयोग किया गया जो उस समय उपलब्ध एकमात्र Electronic घटक थे। 

3. इनमें बायनरी नंबर (Machine Language) 0 और 1 का प्रयोग किया गया। 

4. इन कंप्यूटरों में बैच ऑपरेटिंग सिस्टम का प्रयोग किया गया। 

5. डेटा को स्टोर करने के लिए मैग्नेटिक ड्रम का इस्तेमाल किया।

प्रथम पीढ़ी के कंप्यूटरों की कमियां |Disadvantage of First Generation Computers

1. पहली पीढ़ी के कंप्यूटर आकार में बहुत बड़े होते थे तथा इन कंप्यूटरों में बड़ी मात्रा में ऊर्जा की खपत होती थी।  

2. चुंबकीय ड्रम की उपस्थिति के कारण यह केवल थोड़ी मात्रा में जानकारी स्टोर कर सकता है।

3. इनपुट लेने के लिए सीमित Programing क्षमताओं और पंच कार्ड का उपयोग किया गया था।

कंप्यूटर की द्वितीय पीढ़ी |Second Genretion of Computer in Hindi

कंप्यूटर की द्वितीय पीढ़ी की शुरुआत 1956-1964 में मानी गई है। यह कंप्यूटर प्रथम पीढ़ी की तुलना में तेज होते थे तथा इसमें निर्वात नली के स्थान पर ट्रांजिस्टर का उपयोग किया जाता था। ट्रांजिस्टर के उपयोग से कंप्यूटर की स्पीड पहले से तेज हो गई लेकिन यह कंप्यूटर भी उसमें उत्सर्जित करते थे। 

इस पीढ़ी के कंप्यूटरों में प्रोग्राम लिखने के लिए बायनरी भाषा की जगह असेंबली भाषा का उपयोग किया जाता था असेंबली भाषा में अंग्रेजी के अक्षरों को कोड के रूप में प्रयोग किया जाता था। 

COBOL और FORTRAN भाषाओं के प्रारंभिक वर्जन का उपयोग इसी समय किया जाने लगा जो उच्च स्तरीय भाषा के उदाहरण है। 

द्वितीय पीढ़ी के कंप्यूटर के उदाहरण |Example of Second Generation Computer

• IBM-1620

• IMB-1794

• CDC 1604 (Control Data Corporation) 

• CDC 3600

• UNIVAC 1108

द्वितीय पीढ़ी के कंप्यूटर की विशेषताएं |Features of Second Generation Computer

1. इन कंप्यूटरों का आकार पहली पीढ़ी के कंप्यूटर की तुलना में छोटा था। 

2. यह कंप्यूटर बेहतर गति और माइक्रोसेकंड में डेटा की गणना कर सकता है। 

3. इसमें असेंबली भाषा के साथ-साथ मशीनी भाषा का भी उपयोग किया गया। 

4. इस पीढ़ी के कंप्यूटर अधिक विश्वसनीय थे। 

5. यह पहली पीढ़ी के कंप्यूटरों की तुलना में सस्ते होते थे। 

द्वितीय पीढ़ी के कंप्यूटरों की कमियां |Disadvantage of Second Generation Computer

1. इन कंप्यूटरो मे एक शीतलन प्रणाली की आवश्यकता थी।

2. इन कंप्यूटरो का उपयोग केवल विशिष्ट उद्देश्यों की पूर्ति के लिए किया जाता है।

3. इस प्रकार के कम्प्यूटरों को अधिक समय तक सुरक्षित रखने के लिए निरंतर maintenance की आवश्यकता होती थी।

कंप्यूटर की तृतीय पीढ़ी |Third Generation of Computer in Hindi

कंप्यूटर की तृतीय पीढ़ी की शुरुआत 1964-1971 में मानी गई है। इन कंप्यूटरों में ट्रांजिस्टर की जगह I.C ( integrated circuits) का उपयोग किया जाने लगा। कंप्यूटर में मेमोरी के तौर पर चुंबकीय डिस्क का उपयोग किया जाता था।

I.C का अविष्कार 1958 में Jack Kilby ने किया। इसमें I.C Technology (SSI) {small scale intigretiom} का उपयोग किया गया था। 

इस पीढ़ी के कंप्यूटर में प्रोग्राम लिखने के लिए उच्च स्तरीय भाषा का प्रयोग किया जाता था। यह कंप्यूटर एक समय में एक से ज्यादा कार्य करने में सक्षम थे। 

तृतीय पीढ़ी के कंप्यूटर के उदाहरण |Example of Third Generation Computer

• IBM 360

• IBM 370/168

• Honeywell – 6000 series

• PDP (Personal data processer) 

• TDC -316 (Tropedo Data computer) 

तृतीय पीढ़ी के कंप्यूटर की विशेषताएं |Features of Third Generation of Computer

1. यह कंप्यूटर दूसरी पीढ़ी के कंप्यूटर की तुलना में सस्ते थे। 

2. इन कंप्यूटरों में IC का उपयोग करने से इन कंप्यूटरों का आकार दूसरी पीढ़ी के कंप्यूटर की तुलना में छोटा  हो गया था। 

3. तृतीय पीढ़ी के कंप्यूटरों में इनपुट के लिए पंच कार्ड के बदले कीबोर्ड व माउस का उपयोग किया जाता है। 

4. यह कंप्यूटर माइक्रोसेकंड से नैनो सेकंड तक कंप्यूटेशनल समय को कम करते हैं। 

5. यह कंप्यूटर तेज एवं भरोसेमंद होते थे। 

तृतीय पीढ़ी के कंप्यूटरों की कमियां |Disadvantage of Third Generation Computer

1. पीढ़ी के कंप्यूटरों को ठंडा रखने के लिए Air Conditioning की आवश्यकता होती थी। 

2. इन कंप्यूटरों को संचालित करना थोड़ा मुश्किल था। 

3. तीसरी पीढ़ी के कंप्यूटर अन्य पीढ़ियों की तुलना में सस्ते दो थे लेकिन फिर भी व्यक्तिगत जरूरतों के हिसाब से काफी महंगे थे। 

कंप्यूटर की चतुर्थ पीढ़ी |Fourth Generation of Computer in Hindi

कंप्यूटर की चतुर्थ पीढ़ी (Generation of Computer) की शुरुआत 1971-1985 में मानी गई है। इस पीढ़ी के कंप्यूटर आज भी मौजूद है और यह उपयोग में भी लाए जाते हैं। इस जनरेशन मे IC की आधुनिक तकनीक VLSI (Very Large-scale Integration) का प्रयोग किया गया था। 

इन कंप्यूटरों में GUI (Graphical User Interface) आधारित ऑपरेटिंग सिस्टम का उपयोग किया गया, जो काम करने में बहुत आसान था। इस पीढ़ी में प्रोग्राम देखने के लिए उच्च स्तरीय भाषा  को विकसित किया गया जैसे- C और C++

1981 में IBM ने होम यूजर के लिए पहला कंप्यूटर बनाया। 

चतुर्थ पीढ़ी के कंप्यूटर के उदाहरण |Example of Fourth Generation Computer

• IBM 4341

• DEC 10 (Digital Equipment Corporation) 

• Star – 10000

• PDP 11 (Personal Data Processer) 

• CRAY-1 Super Computer

• CRAY – X – MP Super Computer

चतुर्थ पीढ़ी के कंप्यूटर की विशेषताएं |Features of Fourth Generation Computer

1. इस पीढ़ी के कंप्यूटर को एक जगह से दूसरी जगह ले जाया जा सकता था। 

2. इस पीढ़ी के कंप्यूटर में IC की जगह Micro Processer का प्रयोग किया जाने लगा। जिसे कंप्यूटर का दिमाग भी कहा जाता है। 

3. माइक्रो प्रोसेसर एक Circuit होता हैं, जिसमे हज़ारों IC मिलाये जाते हैं। यह सिलिकॉन चिप होती हैं। 

4. इस पीढ़ी के कंप्यूटर बहुत छोटे होते है,जिन्हें चलाना आसान होता है। 

5. चतुर्थ पीढ़ी के कंप्यूटरों की गति 300 नैनो सेकंड होती है। 

चतुर्थ पीढ़ी के कंप्यूटरों की कमियां |Disadvantage of Fourth Generation Computer

1. VLSI चिप बनाने के लिए High Sophisticated Technique का उपयोग किया जाता था। 

2. कई मामलों में आईसी की उपस्थिति के कारण एयर कंडीशनिंग की आवश्यकता होती है।

3. माइक्रोप्रोसेसर डिजाइन और निर्माण बहुत जटिल हैं।

पंचम पीढ़ी के कंप्यूटर |Fifth Generation of Computer in Hindi

कंप्यूटर की पंचम पीढ़ी की शुरुआत 1985 से हुई जो वर्तमान समय तक चली आ रही हैं। इस जनरेशन मे IC की आधुनिक तकनीक ULSI (Ultra Large Scale Integration)  का प्रयोग किया गया था। यह पीढ़ी अभी विकास की प्रक्रिया में है जैसे- फिंगर प्रिंटर, रोबोटदेन, आवाज द्वारा इनपुट देना आदि। 

इस पीढ़ी के कंप्यूटरों का मुख्य उद्देश्य एक ऐसी मशीन तैयार करना है जो यूजर की भाषा को समझ सके और उसका जवाब दे सके और साथ ही वह मशीन सीखने में सक्षम हो। इसमें हाई लेवल भाषा का उपयोग प्रोग्रामिंग के लिए किया जाता है, जो अधिक सरल है इन भाषाओं में GUI Interface का प्रयोग किया जाता है। 

पंचम पीढ़ी के कंप्यूटर के उदाहरण |Example of Fifth Generation Computer

• Desktop

• Laptop

• Notebook

• Ultra books

• Robot’s

पंचम पीढ़ी के कंप्यूटर की विशेषताएं |Features of Fifth Generation Computer

1. यह अधिक विश्वसनीय है और तेजी से कार्य करता है। 

2. यह विभिन्न आकारो व अनेक विशेषताओं के साथ उपलब्ध है। 

3. इन कंप्यूटरों को सही करना आसान होता है। 

4. यह कंप्यूटर अन्य पीढ़ी के कंप्यूटरों की तुलना में हल्के व छोटे होते हैं तथा इन्हे स्थानांतरित करना आसान होता है। 

5. पांचवी पीढ़ी के कंप्यूटरों में Ultra Large Scale Integration का उपयोग किया जाता है। 

पांचवी पीढ़ी के कंप्यूटरों की कमियां |Disadvantage of Fifth Generation Computer

1. इस प्रकार के कंप्यूटर के निर्माण में निम्न-स्तरीय भाषा (Low Level Language) की आवश्यकता होती है। 

2. वे मानव मस्तिष्क को स्वस्थ एवं बर्बाद कर सकते हैं।

3. कंप्यूटर के विकास की इस पीढ़ी ने Cyber Crime और Hackers जैसी समस्याओं को भी जन्म दिया हैं। 

निष्कर्ष |Conclusion

कंप्यूटर की पीढ़ियों (Generation of Computer) के विकास की यह प्रक्रिया विज्ञान और तकनीकी के विकास की प्रक्रिया भी हैं। क्योंकि तकनीकी और विज्ञान के विकास की सहायता से ही कम्प्यूटरों की कार्य क्षमताओं और विशेषताओं में निरंतर बदलाव हुए हैं। कंप्यूटर के विकास से प्रत्येक क्षेत्र की कार्य प्रणाली में भी उचित बदलाव हुआ हैं। 

कंप्यूटर एक विस्तृत उद्देश्यों की पूर्ति करने वाला उपकरण हैं। जिसका विकास मानव कार्यों की जटिलताओं को दूर करने के लिए किया गया था और यह उस उद्देश्य में कई प्रकार से लाभकारी या सफल भी हुआ हैं। 

तो दोस्तों आज आपने कंप्यूटर की पीढ़ियां (Generation of Computer in Hindi) उदाहरण,विशेषताओं और कमियों के विषय मे जाना। अगर हमारी इस पोस्ट के माध्यम से आपके ज्ञान में वृद्धि हुई हो तो इसे अन्य मित्रों के साथ जरूर शेयर करें और अपने विचार भी कमेंट बॉक्स के माध्यम से व्यक्त करें। 

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pankaj
Hello दोस्तों मेरा नाम Pankaj Pal हैं और मैं webtechnoo का लेखक और Co-Founder हुँ। मैंने MSc Computer Science से की हैं और मुझे Technology, Computers से जुड़े तथ्यों को सीखना और आप लोगों को सीखाना अच्छा लगता हैं। अगर आप भी नई-नई Technology के बारे में जानने में रुचि रखते हैं। तो हमारे Blog या Social Media के माध्यम से हमसे जरूर जुड़े रहें। (Jai Hind)

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