Components of Computer in Hindi – कंप्यूटर के घटक

कंप्यूटर के घटक Components of Computer  जैसा कि आप सभी जानते ही हैं कि कंप्यूटर एक इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस है जिसके उपयोग ने मानव जीवन को सरल बना दिया है। वर्तमान समय में लगभग सभी क्षेत्रों में कंप्यूटर का प्रयोग किया जाता है। फिर चाहे वो बैंक हो, रेलवे हो, व्यवसाय, चिकित्सा या फिर हो शिक्षा प्रत्येक क्षेत्र में कंप्यूटर का उपयोग किया जा रहा है। 

कंप्यूटर अपनी High Speed, Accuracy के साथ अनेक कार्य कर सकता है। इसे मुख्यतः गणना करने के उद्देश्य से निर्मित किया गया। यह एक ऐसी मशीन है जो इनपुट- प्रोसेस- आउटपुट के फॉर्मेट में काम करती है। कंप्यूटर सिस्टम जो भी कार्य करता है उस कार्य को करने में उसके कई अन्य भाग उसकी सहायता करते हैं जिन्हें Components of Computer के नाम से जाना जाता है।

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तो दोस्तों चलिए आज हम इस पोस्ट के माध्यम से जानने का प्रयास करते हैं कि कंप्यूटर के वे कौन-कौन से घटक होते हैं जो उसको किसी विशेष कार्य को करने में सहायता प्रदान करते हैं। Components of Computer in Hindi 

Components of Computer in Hindi – कंप्यूटर के घटक

कंप्यूटर के घटक कंप्यूटर के वह पार्ट्स या संसाधन होते हैं जिनकी सहायता से ही Computer अपना समस्त कार्य करता हैं। जैसे- गणना करना, डेटा स्टोर करना, डिजिटल कार्यों को पूरा करना आदि। सामान्य शब्दों में हम कहें तो इन घटकों या पार्ट्स के सम्मिलित रूप को ही कंप्यूटर कहते हैं। कंप्यूटर इन साधनों की सहायता से ही अपने निर्माण के लक्ष्यों को प्राप्त करता हैं। 

जिस प्रकार मानव शरीर किसी कार्य को करने के लिए अपने विभिन्न अंगों का प्रयोग करता है, ठीक उसी प्रकार कंप्यूटर भी प्रत्येक कार्य को करने के लिए अपने सहायक भागों का उपयोग करता है और कंप्यूटर के इन्हीं सहायक भागों को कंप्यूटर के घटक (Components of Computer) कहा जाता है।

कंप्यूटर अपना समस्त कार्य 4 कंपोनेंट्स की सहायता से पूरा करता हैं। जिसमें वह Input में यूजर से इंस्ट्रक्शन को प्राप्त करता हैं उसके बाद सीपीयू के माध्यम से प्रोसेस करता हैं और तत्पश्चात यूजर को उसके निर्देशो या इंस्ट्रक्शन के अनुरूप Output दे देता हैं। इन इंस्ट्रक्शन को स्टोर करने और प्रोसेस करने में मेमोरी या स्टोरेज भी अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। 

जिस कारण कंप्यूटर सिस्टम के मुख्य आधारभूत घटक निम्नलिखित प्रकार से हैं। कंप्यूटर के घटकों (Components of Computer) को मुख्यतः 4 भागों में विभाजित किया जाता हैं। जिन्हें हम इस प्रकार समझ सकते हैं- 

 1. Input Unit

 2. Output Unit

 3. Processing Unit

 4. Memory or Storage Unit

Input Unit

इनपुट यूनिट कंप्यूटर सिस्टम का वह घटक है जिसके द्वारा कंप्यूटर को कोई आदेश अथवा निर्देश दिए जाते हैं। इस यूनिट के अंदर कंप्यूटर की इनपुट डिवाइस आती हैं जैसे कीबोर्ड, माउस, जॉयस्टिक, बारकोड रीडर आदि। इनपुट डिवाइस की सहायता से यूजर कंप्यूटर को कमांड देता है।

Input Devices की कुछ मुख्य डिवाइस निम्नलिखित प्रकार से हैं-

1. Keyboard – कीबोर्ड एक इनपुट डिवाइस है जिसमें अनेक Keys अर्थात बटन होते हैं। कीबोर्ड का इस्तेमाल मुख्य रूप से टाइपिंग करने के लिए किया जाता है। कीबोर्ड की सहायता से कंप्यूटर सिस्टम में लैटर्स और नंबर्स को अंकित कर उसे इनपुट दिया जाता है। कीबोर्ड में विभिन्न प्रकार की Keys होती हैं जो विभिन्न प्रकार के कार्य परफॉर्म करती हैं।

2. Mouse – माउस एक पॉइंटिंग डिवाइस है। यह हाथ से ऑपरेट होने वाली एक इनपुट डिवाइस है जिसमें लेफ्ट और राइट साइड पर बटन होते हैं और बीच में एक व्हील होता है। माउस को ऑपरेट करने पर मॉनिटर स्क्रीन पर एक Arrow दिखाई देता है जिसे Cursor कहते हैं। इस Cursor की सहायता से हम स्क्रीन पर किसी Window पर क्लिक करकर उसे ओपन करने तथा Icons को एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जा सकते हैं। इस प्रकार माउस कंप्यूटर को इनपुट प्रदान करता है।

3. Joystick – जॉयस्टिक भी एक प्रकार की पॉइंटिंग डिवाइस है। यह डिवाइस सभी दिशाओं में मूवमेंट कर सकती है और इस प्रकार Cursor के मूवमेंट को कंट्रोल करती है।

4. Trackball – ट्रैकबॉल भी एक पॉइंटिंग डिवाइस है। इस डिवाइस को माउस के स्थान पर प्रयोग किया जा सकता है। ट्रैकबॉल भी Cursor के मूवमेंट और कंप्यूटर स्क्रीन पर विभिन्न कार्यों को नियंत्रित करने का कार्य करता है।

5. Barcode Reader – बारकोड रीडर एक इनपुट डिवाइस है। इस डिवाइस का उपयोग प्रोडक्ट्स पर लगे बार कोड को रीड करने के लिए किया जाता है। इस पर एक लाइट डिटेक्टर लगा होता है जो बार कोड को पहचानकर उस पर अंकित इन्फॉर्मेशन को रीड करता है।

इनके अलावा स्कैनर, बायोमेट्रिक सेंसर, लाइट पेन, टचस्क्रीन, माइक्रोफोन, वेबकेम आदि सभी इनपुट डिवाइस के उदाहरण हैं जो कंप्यूटर सिस्टम को इनपुट देने के लिए प्रयोग में लाए जाते हैं। यह सभी डिवाइस मिलकर कंप्यूटर की इनपुट यूनिट का निर्माण करते हैं।

Output Unit

कंप्यूटर सिस्टम का वह घटक जो कंप्यूटर में एंटर किए गए डेटा की प्रोसेसिंग के बाद हमें रिजल्ट प्रदान करता है उसे आउटपुट यूनिट कहते हैं। आउटपुट यूनिट यूजर को Readable form में रिजल्ट प्रदान करता है।

कंप्यूटर सिस्टम की आउटपुट डिवाइस जैसे मॉनिटर, प्रिंटर, स्पीकर, प्लॉटर आदि आउटपुट यूनिट का निर्माण करते हैं। आउटपुट यूनिट की मुख्य Output Device इस प्रकार हैं-

1. Monitor – मॉनिटर अर्थात स्क्रीन कंप्यूटर सिस्टम की सबसे कॉमन आउटपुट डिवाइस है। यह यूजर को स्क्रीन पर रिजल्ट दिखाती है। जिस प्रकार हम T.V. देखते हैं ठीक उसी प्रकार हम मॉनिटर/स्क्रीन पर रिजल्ट देख सकते हैं।

2. Printer – प्रिंटर एक आउटपुट डिवाइस है जो प्रिंटेड फॉर्म में यूजर को रिजल्ट प्रदान करता है। प्रिंटर की सहायता से टेक्स्ट और इमेज को पेपर पर उतारा जाता है। आज इंकजेट, डॉट-मैट्रिक्स, लेज़र जैसे अनेक प्रकार के प्रिंटर प्रयोग में लाए जाते हैं।

3. Speaker – स्पीकर वह आउटपुट डिवाइस है जो इलेक्ट्रिक करंट के रूप में सिग्नल को रिसीव करकर उसे साउंड फॉरमेट में कन्वर्ट करते हैं। इससे वह सिग्नल यूजर के सुनने योग्य बन जाते हैं।

4. Plotter – प्लाटर वह आउटपुट डिवाइस है जो अच्छी क्वालिटी की ड्राइंग और ग्राफ प्रदान करने में सहायक होते हैं।

Processing Unit

प्रोसेसिंग यूनिट को Central Processing Unit (CPU) भी कहा जाता है। यह यूनिट कंप्यूटर सिस्टम में डेटा प्रोसेसिंग के लिए उत्तरदायी होती है। CPU को “Brain of the Computer” भी कहते हैं। सीपीयू कंप्यूटर का कंट्रोल सेन्टर होता है। सीपीयू कंप्यूटर परफॉर्मेंस को गाइड, डायरेक्ट और कंट्रोल आदि करने का कार्य करता है।

CPU को दो तत्त्वों में विभाजित किया जाता है- ALU (Arithmetic and Logic Unit) और CU (Control Unit) 

1. ALU –  ALU का पूरा नाम “अरिथमेटिक लॉजिक यूनिट (Arithmetic and logic unit)” होता है। यह यूनिट कंप्यूटर सिस्टम में होने वाले सभी मैथेमेटिकल और लॉजिकल ऑपेरशन जैसे Addition, Subtraction, Multiplication, Division आदि को परफॉर्म करता है। जब भी कंप्यूटर को अरिथमेटिक और लॉजिक सम्बन्धित इंस्ट्रक्शन मिलते हैं तो ALU अपना कार्य प्रारंभ कर देता है।

2. CU – CU को “कंट्रोल यूनिट (Control Unit)” के नाम से जाना जाता है। यह सेंट्रल प्रोसेसिंग यूनिट (CPU) का ही एक भाग होता है। इसका मुख्य कार्य पूरे कंप्यूटर सिस्टम के कार्यों को नियंत्रित करना होता है। यह मेन मेमोरी से डेटा को सिलेक्ट करकर उसे पहचानकर इन्फॉर्मेशन को विभिन्न भागों तक पहुंचाने का कार्य करता है।

Memory Unit

मेमोरी यूनिट को कंप्यूटर की स्टोरेज यूनिट भी कहा जाता है। यह यूनिट कंप्यूटर में डेटा और इन्फॉर्मेशन को स्टोर करने का कार्य करती है। कंप्यूटर डेटा को स्टोर और प्रोसेस बाइनरी नंबरों (0,1) के रूप में करता है। मेमोरी की Bit, Byte, Kilobyte (KB), Megabyte (MB), Gegabyte (GB) और Terabyte (TB) नामक अलग-अलग यूनिट होती हैं। 

इन यूनिट्स में से सबसे छोटी यूनिट Bit तथा सबसे बड़ी यूनिट Terabyte (TB) होती है। जिसमें 8-bit मिलकर 1 Byte बनाते हैं तो वहीं 1024 Byte मिलकर 1 KB बनाते हैं। कंप्यूटर मेमोरी को सामान्यतः दो भागों में विभाजित किया जाता हैं – प्राइमरी और सेकेंडरी मेमोरी

कंप्यूटर की Memory Unit को इसके कार्य करने के तरीकों और इनके उपयोगों के आधार पर 2 भागों में विभाजित किया जाता हैं- 

1. Primary Memory – प्राइमरी मेमोरी को कंप्यूटर की “Main Memory” भी कहते हैं। जिस समय यूजर कंप्यूटर को रन करवा रहा होता है तो उस समय यह मेमोरी डेटा को स्टोर करती है। कंप्यूटर की Primary Memory को दो मेमोरी में विभाजित किया जाता हैं- RAM और ROM

RAM (Random Access Memory)RAM कंप्यूटर की वह इंटरनल मेमोरी है जो Read और Written दोनों रूपों में होती है। यह डेटा को Temporary टाइम के लिए स्टोर करती है। RAM वोलेटाइल (Volatile) मेमोरी होती है यानि कि पावर ऑफ होने के बाद इसका डेटा लॉस्ट हो जाता है। RAM को भी दो वर्गों में विभाजित किया जाता है- SRAM और DRAM

ROM (Read Only Memory)ROM को केवल रीड किया जा सकता है, लिखा नही जा सकता। यह नॉन वोलेटाइल (Non-Volatile) मेमोरी होती है अर्थात कंप्यूटर की पावर ऑफ या कंप्यूटर के बंद होने के बाद भी इसमें डेटा स्टोर रहता हैं। रोम को 3 भागों में विभाजित किया जाता हैं – PROM, EPROM और EEPROM

2. Secondary Memory – सेकेंडरी मेमोरी को Secondary Storage और Auxiliary Memory भी कहा जाता है। इसका उपयोग डेटा को परमानेंटली स्टोर करने के लिए और डेटा को एक स्थान से दूसरे स्थान या एक कंप्यूटर से दूसरे कंप्यूटर में डेटा ट्रांसफर करने के लिए किया जाता हैं। इसका अधिक उपयोग मूवी और सॉफ्टवेयर को स्टोर कर बेचने के लिए भी किया जाता हैं। 

प्राइमरी मेमोरी की स्टोरेज क्षमता सीमित होती है इसी कारण हमें सेकेंडरी मेमोरी की सहायता लेनी पड़ती है। सेकेंडरी मेमोरी के अंतर्गत Hard Disk, Floppy Disk, CD, DVD, Pen Drive जैसी स्टोरेज डिवाइस शामिल हैं जो अधिक मात्रा में डेटा को स्टोर कर सकने में सक्षम होती हैं। 

संक्षेप में – Conclusion

दोस्तों अगर आप इस Topic को हमारे YouTube Channel के माध्यम से वीडियो में देखना और अच्छी तरह समझना चाहते है तो नीचें दी गयी वीडियो में क्लिक करें।

कंप्यूटर के घटक (components of computer) वह होते हैं जिन तत्वों की सहायता से कंप्यूटर अपने Task को पूरा करता हैं। इनके अभाव मे कंप्यूटर अपने कार्यों को पूरा नहीं कर सकता। सामान्य शब्दों में कहें तो कंप्यूटर अपने निर्माण के उद्देश्यों को पूरा इन्ही कंपोनेंट की सहायता से करता हैं। जिनमें मुख्यतः CPU, I/O Unit और Storage को सम्मिलित किया जाता हैं। 

तो इस प्रकार से हम कह सकते हैं कि कंप्यूटर की ये चार मुख्य यूनिट या घटक होते हैं। जो मिलकर पूरा कंप्यूटर सिस्टम बनाते हैं और इन्ही की सहायता से पूरा सिस्टम किसी विशेष कार्य को करता है। जिसमें इनपुट यूजर से इंस्ट्रक्शन प्राप्त करता हैं फिर सीपीयू उसके अनुरूप प्रोसेस करता हैं और अंत में आउटपुट यूनिट यूजर को उसके अनुरूप परिणाम या रिजल्ट प्रदान कर देती हैं। यह सब कार्य मेमोरी की सहायता से ही पूरा किया जाता हैं। 

तो दोस्तों आज आपने हमारी इस पोस्ट के माध्यम से जाना कि कंप्यूटर के घटक क्या हैं और कौन-कौन से हैं? (Components of Computer in Hindi) हम आशा करते हैं कि आपको हमारा यह आर्टिकल बेहद पसंद आया हो। इस पोस्ट से संबंधित विचार प्रस्तुत करने के लिए अवश्य कमेंट करें।

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pankaj
Hello दोस्तों मेरा नाम Pankaj Pal हैं और मैं webtechnoo का लेखक और Co-Founder हुँ। मैंने MSc Computer Science से की हैं और मुझे Technology, Computers से जुड़े तथ्यों को सीखना और आप लोगों को सीखाना अच्छा लगता हैं। अगर आप भी नई-नई Technology के बारे में जानने में रुचि रखते हैं। तो हमारे Blog या Social Media के माध्यम से हमसे जरूर जुड़े रहें। (Jai Hind)

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