Functions of Computer in Hindi |कंप्यूटर के कार्य

कंप्यूटर का कार्य Functions of Computer तीव्र गति से डेटा को स्टोर करना और बड़ी संख्याओं को तीव्र गति से हल करना होता हैं। यह कंप्यूटर के कुछ सामान्य से कार्य हैं। जिसमें कंप्यूटर का उपयोग बड़ी मात्रा में डेटा को स्टोर करने के कार्य हेतु किया जाता हैं। 

वर्तमान समय मे कंप्यूटर का कार्यक्षेत्र काफी विस्तृत हैं। कंप्यूटर का उपयोग अनेकों कार्यों को पूरा करने के लिए किया जाता हैं। कंप्यूटर की सहायता से कठिन से कठिन कार्यों को सरलता से पूरा किया जा सकता हैं। सामान्यतः कंप्यूटर का कार्य किसी भी डिजिटल कार्य को तीव्र गति से करना और एक साथ अनेकों कार्य करने से संबंधित हैं।

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कंप्यूटर का कार्य विश्वसनीयता और शुद्धता के साथ डेटा को यूजर तक पहुँचाना हैं। आज हम इस पोस्ट के माध्यम से जानेंगे कि कंप्यूटर के मूलभूत कार्य क्या हैं या कंप्यूटर किन-किन कार्यों को करने में सक्षम होता हैं। Functions of Computer in Hindi 

Functions of Computer in Hindi |कंप्यूटर के मूलभूत कार्य

कंप्यूटर का निर्माण कुछ विशेष कार्यों की पूर्ति के उद्देश्य से किया गया हैं। जैसे- तीव्र गति से डेटा को स्टोर करने, ट्रांसफर करने, बड़ी संख्याओं को तीव्र गति से हल करना एवं कंप्यूटर यूजर की अनेकों डिजिटल आवश्यकताओं की पूर्ति करना। कंप्यूटर का कार्य प्राप्त किये गए परिणामों में शुद्धता और विश्वशनियता लाना भी होता हैं। 

कंप्यूटर अपने समस्त कार्यों को Input-Process और Output के आधार पर पूरा करता हैं। जिसमें वह इनपुट के माध्यम से यूजर द्वारा दिये गए इंस्ट्रक्शन को प्राप्त करता हैं। इसके बाद वह अपने अंदर मौजूद डेटा के माध्यम से प्रोसेस करता हैं और यूजर के इनपुट के अनुरूप उन्हें परिणाम या आउटपुट प्रदान कर देता हैं। 

जानें Components of Computer (कंप्यूटर के घटक)

कंप्यूटर का मुख्य कार्य यूजर के द्वारा दिए गए इनपुट के अनुरूप आउटपुट प्रदान करना हैं एवं आउटपुट दिए गए परिणामों में विश्वशनियता, सटीकता एवं शुद्धता लाना हैं। कंप्यूटर का कार्य बड़ी संख्याओं को तीव्र गति से हल करना भी हैं। इसके साथ ही कंप्यूटर का कार्य बड़ी मात्रा में डेटा को स्टोर करना और ट्रांसफर करना भी हैं। 

सामान्यतः हम बात करें कंप्यूटर के मुख्य कार्यों की तो कंप्यूटर के कार्यों (Functions of Computer) को 4 भागों में विभाजित किया जाता हैं। जो कि इस प्रकार हैं- 

1. Input 

2. Processing

3. Output and 

4. Storage

1. Input

जैसा कि आप और हम जानते हैं कि कंप्यूटर एक स्वचालित उपकरण हैं किंतु इसके बाद भी कंप्यूटर को Process और Output संबंधित कार्यों को करने के लिए निर्देश या इंस्ट्रक्शन देने की आवश्यकता होती हैं। हम कंप्यूटर को बिना निर्देशित किए उससे कोई काम नहीं करवा सकते। उदाहरण- अगर आपको कंप्यूटर में कुछ लिखना या टाइप करना हैं तो आपको Keyboard का उपयोग कर कंप्यूटर को निर्देशित करना होगा कि आप क्या लिखना चाहते हैं। 

कंप्यूटर को निर्देशित करने की इसी प्रक्रिया को हम इनपुट कहते हैं और हम जिन डिवाइस का उपयोग करके कंप्यूटर को निर्देश देते हैं उन्हें Input Devices कहा जाता हैं। जैसे- Keyboard, Mouse, Scanner, Microphone, Touchpad, Light Pen आदि। 

माउस और कीबोर्ड को कंप्यूटर के प्राइमरी इनपुट डिवाइस के तौर पर देखा जाता हैं, क्योंकि अन्य इनपुट डिवाइस की तुलना में इनका उपयोग अधिक मात्रा में सिस्टम को निर्देशित करने के लिए किया जाता हैं। इन डिवाइस की सहायता से यूजर सिस्टम को अपने अनुरूप कार्य करने के लिए निर्देशित करते हैं और उससे अपने अनुरूप कार्य करवाते हैं। 

2. Processing

कंप्यूटर के कार्य (Functions of Computer) की दूसरी प्रक्रिया प्रोसेसिंग हैं। जिसमें कंप्यूटर यूजर द्वारा दिये गए इनपुट के अनुरूप आंतरिक प्रक्रिया या प्रोसेस करता हैं। जिसकी सहायता से कंप्यूटर यूजर को उसके इनपुट के आधार पर उचित आउटपुट प्रदान कर पाने में सक्षम होता हैं। 

कंप्यूटर की विश्वसनीयता, शुद्धता एवं सटीकता जैसी विशेषताओं का निर्धारण कंप्यूटर के इस Processing कार्य पर ही निर्भर करता हैं। डाटा प्रोसेसिंग को कंप्यूटर के मुख्य कार्य के रूप में देखा जाता हैं। CPU (Central Processing Unit) कंप्यूटर के इस प्रोसेसिंग के कार्य मे अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता हैं।

जिसे कंप्यूटर की प्रोसेसिंग चिप और कंप्यूटर के मष्तिष्क के नाम से भी जाना जाता हैं। उदाहरण के तौर पर हम प्रोसेसिंग के कार्य को समझें तो जब आप अपने कंप्यूटर सिस्टम में किसी Software को Run करवाते हैं तो सबसे पहले आप इनपुट डिवाइस (Mouse, Keyboard) की सहायता से निर्देशित करते है। 

उसके बाद कंप्यूटर उस सॉफ्टवेयर को Install करने की एक स्वचालित क्रिया करता हैं जिसे हम Process या Processing कहते है। इस प्रोसेस को कैसे और किस तरह पूर्ण करना हैं या डेटा कहा से प्राप्त करना हैं इसकी सूचना सीपीयू कंप्यूटर को देता हैं। जिस कारण ही सीपीयू को प्रोसेसिंग में महत्वपूर्ण स्थान दिया जाता हैं। 

हमारा कंप्यूटर Input (निर्देशों) को प्राप्त करने के बाद Processing की यह प्रकिया करता हैं। जिसकी सहायता से यूजर को उसके इनपुट के अनुरूप ही आउटपुट प्राप्त होते हैं। कंप्यूटर सिस्टम की इनपुट और आउटपुट की प्रक्रिया में प्रोसेसिंग का अहम और महत्वपूर्ण योगदान होता हैं। सीपीयू कंप्यूटर की इस प्रोसेसिंग का कार्य Control Unit, Arithmetic Logic Unit और Memory Unit की सहायता से करता हैं। 

3. Output

यह कंप्यूटर के कार्य (Functions of Computer) करने की तीसरी प्रक्रिया हैं। जिसमें कंप्यूटर इनपुट और प्रोसेसिंग की प्रक्रिया को पूर्ण करने के बाद यूजर को उसके इनपुट के अनुरूप आउटपुट या परिणाम प्रदान करता हैं। इन आउटपुट या परिणामों को यूजर कुछ विशेष प्रकार के उपकरणों या डिवाइस के माध्यम से देखते हैं। जिन्हें हम Output Device कहते हैं। जैसे- Monitor, Speaker, Printer, Projector, Plotter आदि। 

उदाहरण के लिए जब हम कंप्यूटर को कीबोर्ड के माध्यम से कुछ टाइप करने या लिखने के निर्देश (इनपुट) देते हैं। तो हम उन अक्षरों (Font) को मॉनिटर के माध्यम से देख पाते हैं। इसी तरह प्रिंटर के माध्यम से हम किसी डॉक्यूमेंट या पीडीफ का प्रिंटआउट निकाल कर उसे सॉफ्ट कॉपी से हार्ड कॉपी में ट्रांसफर कर सकते हैं। यह सभी आउटपुट प्रदर्शित करने के उपकरण हैं। 

सामान्य शब्दों में हम इसे समझें तो जिन उपकरणों की सहायता से हम कंप्यूटर से प्राप्त परिणामों या रिजल्ट को देख पाते हैं। उन्हें आउटपुट प्राप्त करने के उपकरण कहते हैं। यह कंप्यूटर के कार्यों का अंतिम चरण होता हैं। जिसकी सहायता से हम कंप्यूटर की प्रोसेस को अपनी आंखों से देख पाते हैं। 

कंप्यूटर द्वारा प्राप्त आउटपुट का कार्य यूजर के द्वारा दिये गए निर्देश (Input) और कंप्यूटर द्वारा किये गए प्रोसेस पर निर्भर करता हैं। आपके कंप्यूटर का प्रोसेसर और रेम जितनी अधिक होगी। आपको कंप्यूटर द्वारा प्राप्त परिणाम या आउटपुट उतनी ही तीव्र गति से देखने को मिलेंगे। इसके साथ ही आउटपुट के परिणाम आपके आउटपुट डिवाइस की स्थिति पर भी निर्भर करता हैं। आपके आउटपुट डिवाइस जितने नवीन या आधुनिक होंगे। आप उतनी ही तीव्र गति से प्राप्त परिणामों को देख पाएंगे। 

4. Storage

अगर हम कंप्यूटर की स्टोरेज की बात करें। तो कंप्यूटर में 2 प्रकार की स्टोरेज होती हैं- प्राइमरी स्टोरेज और सेकंडरी स्टोरेज। प्राइमरी स्टोरेज को कंप्यूटर की Internal Storage के तौर पर भी देखा जाता हैं। जैसे- RAM, ROM और Cache Memory और सेकेंडरी स्टोरेज वह होती हैं जो अलग से मेमोरी में वृद्धि करने के लिए इन्हे कंप्यूटर से जोड़ा जाता हैं। जिन्हें हम External Storage भी कहते हैं। जैसे- Hard Disk, CD, DVD, Pen Drive आदि। 

यूजर को उचित आउटपुट प्रदान करने के लिए कंप्यूटर की स्टोरेज का बेहद अहम योगदान होता हैं। इसके अभाव में कंप्यूटर अधिक मात्रा में डेटा स्टोर करने जैसी कोई प्रक्रिया नहीं कर सकता। यूजर द्वारा कंप्यूटर को इनपुट दिए गए निर्देशों को भी स्टोरेज के माध्यम से ही स्टोर करता हैं। सामान्य शब्दों में कहें तो कंप्यूटर इनपुट, प्रोसेस और आउटपुट संबंधित कार्य Storage की सहायता से ही पूर्ण करता हैं। 

कैश मेमोरी को कंप्यूटर की सबसे तेज मेमोरी के तौर पर देखा जाता हैं। कंप्यूटर सूचनाओ को प्राप्त करने के लिए सबसे पहले इसी मेमोरी के पास जाता हैं। जिस कारण इस मेमोरी का मूल्य भी अन्य मेमोरी की तुलना में अधिक होता हैं। इसके बाद रेम को एक तेज गति वाले स्टोरेज डिवाइस के तौर पर देखा जाता हैं। कंप्यूटर के कार्यों या उद्देश्यों को पूर्ण करने में Storage अपनी अहम भूमिका निभाता है। 

आज आपने क्या सीखा? 

कंप्यूटर का मुख्य कार्य Input, Process और Output संबंधित कार्यों को करना होता हैं। कंप्यूटर का कार्य यूजर के निर्देशों (इनपुट) के अनुरूप परिणाम या आउटपुट प्रदान करना होता हैं। इसके साथ ही प्रदान किये गए परिणाम या आउटपुट में विश्वशनियता, शुद्धता और सटीकता लाना भी कंप्यूटर का मुख्य कार्य होता हैं। 

कंप्यूटर का कार्य (Functions of Computer) अधिक मात्रा में डेटा को स्टोर करना या किसी अन्य डिवाइस में तीव्र गति से डेटा स्टोर करना भी होता हैं। कंप्यूटर यूजर को एक साथ एक से अधिक कार्य करने जैसी सुविधा प्रदान करता हैं। सामान्य शब्दों में हम कहें तो यूजर से निर्देशों को प्राप्त कर प्रोसेस करना और उन्हें उनके निर्देशो के अनुरूप परिणाम या आउटपुट प्रदान करना कंप्यूटर का मुख्य कार्य होता हैं। 

तो दोस्तों आज आपने हमारे इस आर्टिकल के माध्यम से सरल शब्दों में जाना कि कंप्यूटर के क्या कार्य हैं? (Functions of Computer in Hindi) हम आशा करते हैं कि आपको हमारी यह पोस्ट पसंद आई हो और आपके लिए यह लाभदायक रही हो। इस पोस्ट से संबंधित यदि आपके कोई प्रश्न हो। तो आप कमेंट करके हमें बता सकते हैं। इस पोस्ट के प्रति अपना प्रेम व्यक्त करने के लिए इसे अवश्य शेयर करें।

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pankaj
Hello दोस्तों मेरा नाम Pankaj Pal हैं और मैं webtechnoo का लेखक और Co-Founder हुँ। मैंने MSc Computer Science से की हैं और मुझे Technology, Computers से जुड़े तथ्यों को सीखना और आप लोगों को सीखाना अच्छा लगता हैं। अगर आप भी नई-नई Technology के बारे में जानने में रुचि रखते हैं। तो हमारे Blog या Social Media के माध्यम से हमसे जरूर जुड़े रहें। (Jai Hind)

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